14. और उसके पति के मन में जलन उत्पन्न हो, अर्थात् वह अपने स्त्री पर जलने लगे और वह अशुद्ध हुई हो; वा उसके मन में जलन उत्पन्न हो, अर्थात् वह अपनी स्त्री पर जलने लगे परन्तु वह अशुद्ध न हुई हो;
14. then, if a spirit of jealousy comes over him, and he is jealous of his wife, and she has become impure- or, for that matter, if the spirit of jealousy comes over him, and he is jealous of his wife, and she has not become impure-