Zechariah - जकर्याह 6 | View All

1. मैं ने फिर आंखें उठाईं, और क्या देखा कि दो पहाड़ों के बीच से चार रथ चले आते हैं; और वे पहाड़ पीतल के हैं।

1. পরে আমি পুনর্ব্বার চক্ষু তুলিয়া দৃষ্টিপাত করিলাম, আর দেখ, দুই পর্ব্বতের মধ্য হইতে চারি রথ বাহির হইল; সেই দুই পর্ব্বত পিত্তলের পর্ব্বত।

2. पहिले रथ में लाल घोड़े और दूरे रथ में काले,
प्रकाशितवाक्य 6:2-4-5, प्रकाशितवाक्य 19:11

2. প্রথম রথে রক্তবর্ণ অশ্বগণ, দ্বিতীয় রথে কৃষ্ণবর্ণ অশ্বগণ,

3. तीसरे रथ में श्वेत और चौथे रथ में चितकबरे और बादामी घोड़े हैं।
प्रकाशितवाक्य 6:2-4-5, प्रकाशितवाक्य 19:11

3. তৃতীয় রথে শ্বেতবর্ণ অশ্বগণ, ও চতুর্থ রথে বিন্দুচিত্রিত বলবান অশ্বগণ ছিল।

4. तब मैं ने उस दूत से जो मुझ से बातें करता था, पूछा, हे मेरे प्रभु, ये क्या हैं?

4. তখন, যে দূত আমার সহিত আলাপ করিতেছিলেন, আমি তাঁহাকে কহিলাম, হে আমার প্রভু, এ সকল কি?

5. दूत ने मुझ से कहा, ये आकाश के चारों वायु हैं जो सारी पृथ्वी के प्रभु के पास उपस्थित रहते हैं, परन्तु अब निकल आए हैं।
प्रकाशितवाक्य 7:1

5. সে দূত উত্তর করিয়া আমাকে কহিলেন, ইহাঁরা স্বর্গের চারি বায়ু, সমস্ত পৃথিবীর প্রভুর সাক্ষাতে দাঁড়াইয়া থাকিবার পরে বাহির হইয়া আসিতেছেন।

6. जिस रथ में काले घोड़े हैं, वह उत्तर देश की ओर जाता है, और श्वेत घोडे उनके पीछे पीछे चले जाते हैं, और चितकबरे घोड़े दक्खिन देश की ओर जाते हैं।
प्रकाशितवाक्य 6:2-4-5, प्रकाशितवाक्य 19:11

6. যে রথে কৃষ্ণবর্ণ অশ্বগণ আছে, তাহা উত্তর দেশে যাইতেছে; ও শ্বেতবর্ণ অশ্বগণ তাহাদের পশ্চাতে পশ্চাতে চলিল, এবং বিন্দুচিত্রিত অশ্বগণ দক্ষিণ দেশে চলিল।

7. और बादामी घोड़ों ने निकलकर चाहा कि जाकर पृथ्वी पर फेरा करें। सो दूत ने कहा, जाकर पृथ्वी पर फेरा करो। तब वे पृथ्वी पर फेरा करने लगे।

7. আর বলবান অশ্বগণ চলিল, এবং পৃথিবীতে ইতস্ততঃ ভ্রমণ করিবার অনুমতি প্রার্থনা করিল; তাহাতে তিনি কহিলেন, চলিয়া যাও, পৃথিবীতে ইতস্ততঃ ভ্রমণ কর; তাহাতে তাহারা পৃথিবীতে ইতস্ততঃ ভ্রমণ করিল।

8. तब उस ने मुझ से पुकारकर कहा, देख, वे जो उत्तर के देश की ओर जाते हैं, उन्हों ने वहां मेरे प्राण को ठण्डा किया हैं।।

8. তখন তিনি আমাকে ডাকিয়া কহিলেন, দেখ, যাহারা উত্তর দেশে যাইতেছে, তাহারা উত্তর দেশে আমার আত্মাকে সুস্থির করিয়াছে।

9. फिर यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा :

9. পরে সদাপ্রভুর এই বাক্য আমার নিকটে উপস্থিত হইল,

10. बंधुआई के लोगों में से, हेल्दै, तोबिरयाह और यदायाह से कुछ ले और उसी दिन तू सपन्याह के पुत्रा योशियाह के घर में जा जिस से वे बाबुल से आकर उतरे हैं।

10. তুমি নির্ব্বাসিত লোকদের কাছে, অর্থাৎ হিল্‌দয়, টোবিয় ও যিদায়ের কাছে [রৌপ্য ও স্বর্ণ] গ্রহণ কর; সেই দিন যাও, সফনিয়ের পুত্র যোশিয়ের বাটীতে গমন কর, বাবিল হইতে তাহারা তথায় আসিয়াছে;

11. उनके हाथ से सोना चान्दी ले, और मुकुट बनाकर उन्हें यहोसादाक के पुत्रा यहोशू महायाजक के सिर पर रख;

11. তুমি রৌপ্য ও স্বর্ণ গ্রহণ করিয়া মুকুট নির্ম্মাণ কর, এবং যিহোষাদকের পুত্র যিহোশূয় মহাযাজকের মস্তকে দেও।

12. और उस से यह कह, सेनाओं का यहोवा यों कहता है, उस पुरूष को देख जिस का नाम शाख है, वह अपने ही स्थान से उगकर यहोवा के मन्दिर को बनाएगा।
इब्रानियों 10:21

12. আর তাহাকে বল, বাহিনীগণের সদাপ্রভু এই কথা কহেন, দেখ, সেই পুরুষ, যাঁহার নাম ‘পল্লব,’ তিনি আপন স্থানে পল্লবের ন্যায় বৃদ্ধি পাইবেন, এবং সদাপ্রভুর মন্দির গাঁথিবেন;

13. वही यहोवा के मन्दिर को बनाएगा, और महिमा पाएगा, और अपने सिंहासन पर विराजमान होकर प्रभुता करेगा। और उसके सिंहासन के पास एक याजक भी रहेगा, और दोनों के बीच मेल की सम्मति होगी।

13. হাঁ, তিনিই সদাপ্রভুর মন্দির গাঁথিবেন, তিনিই প্রভা ধারণ করিবেন, আপন সিংহাসনে বসিয়া কর্ত্তৃত্ব করিবেন, এবং আপন সিংহাসনের উপরে উপবিষ্ট যাজক হইবেন, তাহাতে এই দুইয়ের মধ্যে শান্তির মন্ত্রণা থাকিবে।

14. और वे मुकुट हेलेम, तोबिरयाह, यदायाह, और सपन्याह के पुत्रा हेन को मिलें, और वे यहोवा के मन्दिर में स्मरण के लिये बने रहें।।

14. পরন্তু হেলেমের, টোবিয়ের ও যিদায়ের নিমিত্ত, এবং সফনিয়ের পুত্রের সৌজন্যের নিমিত্ত, এই মুকুট স্মরণার্থে সদাপ্রভুর মন্দিরে থাকিবে।

15. फिर दूर दूर के लोग आ आकर यहोवा के मन्दिर बनाने में सहायता करेंगे, और तुम जानोगे कि सेनाओं के यहोवा ने मुझे तुम्हारे पास भेजा है। और यदि तुम मन लगाकर अपने परमेश्वर यहोवा की आज्ञाओं का पालन करो तो यह बात पूरी होगी।।

15. আর দূরস্থ লোকেরা আসিয়া সদাপ্রভুর মন্দির-নির্ম্মাণে সাহায্য করিবে; আর তোমরা জানিবে যে, বাহিনীগণের সদাপ্রভুই তোমাদের কাছে আমাকে পাঠাইয়াছেন। তোমরা যদি যত্নপূর্ব্বক আপনাদের ঈশ্বর সদাপ্রভুর বাক্যে মনোযোগ কর, তবে ইহা সিদ্ধ হইবে।



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