Amos - आमोस 8 | View All

1. परमेश्वर यहोवा ने मुझ को यों दिखाया: कि, धूपकाल के फलों से भरी हुई एक टोकरी है।

1. প্রভু সদাপ্রভু আমাকে এইরূপ দেখাইলেন; দেখ, এক চুপড়ী গ্রীষ্মের ফল। আর তিনি কহিলেন, আমোষ, তুমি কি দেখিতেছ?

2. और उस ने कहा, हे आमोस, तुझे क्या देख पड़ता है? मैं ने कहा, धूपकाल के फलों से भरी एक टोकरी। तब यहोवा ने मुण् से कहा, मेरी प्रजा इस्राएल का अन्त आ गया है; मैं अब उसको और न छोडूंगा।

2. আমি কহিলাম এক চুপড়ী গ্রীষ্মের ফল। তখন সদাপ্রভু আমাকে কহিলেন, আমার প্রজা ইস্রায়েলের কাছে পরিণাম আসিল; আমি তাহাদিগকে আর অমনি ছাড়িয়া যাইব না।

3. परमेश्वर यहोवा की वणी है, कि उस दिन राजमन्दिर के गीत हाहाकार में बदल जाएंगे, और लाथों का बड़ा ढेर लगेगा; और सब स्थानों में वे चुपचाप फेंक दी जाएंगी।।

3. সেই দিন প্রাসাদের গান সকল হাহাকার হইয়া যাইবে, ইহা প্রভু সদাপ্রভু বলেন; শব অনেক; লোকে সকল স্থানে সেই সকল ফেলিয়া দিয়াছে। চুপ।

4. यह सुनो, तुम जो दरिद्रों को निगलना और देश के नम्र लोगों को नाश करना चाहते हो,

4. অহো তোমরা যাহারা দরিদ্র লোককে গ্রাস করিতেছ ও দেশের হীন লোকদিগকে লোপ করিতেছ, তোমরা এই বাক্য শুন।

5. जो कहते हो नया चांद कब बीतेगा कि हम अन्न बेच सकें? और विश्रामदिन कब बीतेगा, कि हम अन्न के खत्ते खोलकर एपा को छोटा और शेकेल को भारी कर दें, और छल से दण्डी मारें,

5. তোমরা বলিয়া থাক, ‘অমাবস্যা কখন গত হইবে? আমরা শস্য বিক্রয় করিতে চাই। বিশ্রামদিন কখন গত হইবে? আমরা গোমের ব্যবসায় করিতে চাই। ঐফা ক্ষুদ্র ও শেকল ভারী করিব, আর ছলনার দাঁড়ি দ্বারা ঠকাইব;

6. कि हम कंगालों केा रूपया देकर, और दरिद्रों को एक जोड़ी जूतियां देकर मोल लें, और निकम्मा अन्न बेचें?

6. রৌপ্য দিয়া দীনহীনদিগকে ও এক যোড়া পাদুকা দিয়া দরিদ্রকে ক্রয় করিব, এবং গোমের ছাঁট বিক্রয় করিব।’

7. यहोवा, जिस पर याकूब को घमण्ड करना उचित है, वही अपनी शपथ खाकर कहता है, मैं तुम्हारे किसी काम को किभी न भूलूंगा।

7. সদাপ্রভু যাকোবের মহিমাস্থলের নাম লইয়া এই শপথ করিয়াছেন, নিশ্চয়ই ইহাদের কোন ক্রিয়া আমি কখনও ভুলিয়া যাইব না।

8. क्या इस कारण भूमि न कांपेगी? और क्या उन पर के सब रहनेवाले विलाप न करेंगे? यह देश सब का सब मि की नील नदी के समान होगा, जो बढ़ती है, फिर लहरें मारती, और घट जाती है।।

8. ইহার নিমিত্ত কি দেশ কাঁপিবে না? তন্নিবাসী সকলে কি শোকান্বিত হইবে না? সমুদয় দেশ নীল নদীর ন্যায় স্ফীত হইয়া উঠিবে, মিস্রীয় নদীর ন্যায় ঢেউ খেলিয়া আবার নামিয়া যাইবে।

9. परमेश्वर यहोवा की यह वाणी है, उस समय मैं सूर्य का दोपहर के समय अस्त करूंगा, और इस देश को दिन दुपहरी अन्धियारा कर दूंगा।
मत्ती 27:45, मरकुस 15:33, लूका 23:44-45

9. প্রভু সদাপ্রভু এই কথা কহেন, সেই দিন আমি মধ্যাহ্নকালে সূর্য্যকে অস্তগত করিব, এবং দীপ্তির দিনে দেশকে অন্ধকারময় করিব।

10. मैं तुम्हारे पर्वों के उत्सव दूर करके विलाप कराऊंगा, और तुम्हारे सब गीतों को दूर करके विलाप के गीत गवाऊंगा; मैं तुम सब की कटि में टाट बंधाऊंगा, और तुम सब के सिरों को मुंड़ाऊंगा; और ऐसा विलाप कराऊंगा जैसा एकलौते के लिये होता है, और उसका अन्त कठिन दु:ख के दिन का सा होगा।।

10. আমি তোমাদের উৎসব সকল শোকে, তোমাদের সমুদয় গীত বিলাপে, পরিণত করিব; সকলের কটিদেশে চটপরিহিত করিব, ও সকলের মস্তকে টাক পড়াইব; একমাত্র পুত্রশোকের ন্যায় দেশকে শোক করাইব, এবং তাহার শেষকাল তীব্র দুঃখের দিন হইবে।

11. परमेश्वर यहोवा की यह वाणी है, देखो, ऐसे दिन आते हैं, जब मैं इस देश में महंगी करूंगा; उस में ने तो अन्न की भूख और न पानी की प्यास होगी, परन्तु यहोवा के वचनों के सुनने ही की भूख प्यास होगी।

11. প্রভু সদাপ্রভু কহেন, দেখ, এমন দিন আসিতেছে, যে দিনে আমি এই দেশে দুর্ভিক্ষ প্রেরণ করিব; তাহা অন্নের দুর্ভিক্ষ কিম্বা জলের পিপাসা নয়, কিন্তু সদাপ্রভুর বাক্য শ্রবণের।

12. और लोग यहोवा के वचन की खोज में समुद्र से समुद्र तब और उत्तर से पूरब तक मारे मारे फिरेंगे, परन्तु उसको न पाएंगे।।

12. লোকেরা টলিতে টলিতে এক সমুদ্র অবধি অন্য সমুদ্র পর্য্যন্ত এবং উত্তর হইতে পূর্ব্ব পর্য্যন্ত ভ্রমণ করিবে; তাহারা সদাপ্রভুর বাক্যের অন্বেষণে ইতস্ততঃ দৌড়াদৌড়ি করিবে, কিন্তু তাহা পাইবে না।

13. उस समय सुन्दर कुमारियां और जवान पुरूष दोनों प्यास के मारे मूर्छा खाएंगे।

13. সেই দিন সুন্দরী যুবতীগণ ও যুবকেরা পিপাসায় মূর্চ্ছাপন্ন হইবে।

14. जो लोग सामरिया के पाप मूल देवता की शपथ खाते हैं, और जो कहते हैं कि दान के देवता के जीवन की शपथ, और बेर्शेबा के पन्थ की शपथ, वे सब गिर पड़ेंगे, और फिर न उठेंगे।।

14. যাহারা শমরিয়ার পাপ লইয়া শপথ করে, বলে, ‘হে দান, তোমার জীবন্ত ঈশ্বরের দিব্য, বের্‌শেবার জীবন্ত পথের দিব্য,’ তাহারা পড়িয়া যাইবে, আর কখনও উঠিবে না।



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