5. जो कहते हो नया चांद कब बीतेगा कि हम अन्न बेच सकें? और विश्रामदिन कब बीतेगा, कि हम अन्न के खत्ते खोलकर एपा को छोटा और शेकेल को भारी कर दें, और छल से दण्डी मारें,
5. saying, When will the new moon be gone so that we may sell grain? And the sabbath, that we may set forth wheat, making the ephah small and the shekel great, and perverting the balances by deceit;