Leviticus - लैव्यव्यवस्था 4 | View All

1. फिर यहोवा ने मूसा से कहा

1. AND THE Lord said to Moses,

2. कि इस्त्राएलियों से यह कह, कि यदि कोई मनुष्य उन कामों में से जिनको यहोवा ने मना किया है किसी काम को भूल से करके पापी हो जाए;

2. Say to the Israelites, If anyone shall sin through error or unwittingly in any of the things which the Lord has commanded not to be done, and shall do any one of them--

3. और यदि अभिषिक्त याजक ऐसा पाप करे, जिस से प्रजा दोषी ठहरे, तो अपने पाप के कारण वह एक निर्दोष बछड़ा यहोवा को पापबलि करके चढ़ाए।

3. If it is the anointed priest who sins, thus bringing guilt on the people, then let him offer for his sin which he has committed a young bull without blemish to the Lord as a sin offering. [Heb. 7:27, 28.]

4. और वह उस बछड़े को मिलापवाले तम्बू के द्वार पर यहोवा के आगे ले जाकर उसके सिर पर हाथ रखे, और उस बछड़े को यहोवा के साम्हने बलि करे।

4. He shall bring the bull to the door of the Tent of Meeting before the Lord, and shall lay [both] his hands on the bull's head and kill [it] before the Lord.

5. और अभिषिक्त याजक बछड़े के लोहू में से कुछ लेकर मिलापवाले तम्बू में ले जाए;

5. And the anointed priest shall take some of the bull's blood and bring it into the Tent of Meeting;

6. और याजक अपनी उंगली लोहू मे डुबो डुबोकर और उस में से कुछ लेकर पवित्रास्थान के बीचवाले पर्दे के आगे यहोवा के साम्हने सात बार छिड़के।

6. And the priest shall dip his finger in the blood and sprinkle some of [it] seven times before the Lord before the veil of the sanctuary.

7. और याजक उस लोहू में से कुछ और लेकर सुगन्धित धूप की वेदी के सींगो पर जो मिलापवाले तम्बू में है यहोवा के साम्हने लगाए; फिर बछड़े के सब लोहू को वेदी के पाए पर जो मिलापवाले तम्बू के द्वार पर है उंडेल दे।

7. And the priest shall put some of the blood on the horns of the altar of sweet incense before the Lord which is in the Tent of Meeting; and all the rest of the blood of the bull shall he pour out at the base of the altar of the burnt offering at the door of the Tent of Meeting.

8. फिर वह पापबलि के बछड़े की सब चरबी को उस से अलग करे, अर्थात् जिस चरबी से अंतड़ियां ढपी रहती हैं, और जितनी चरबी उन में लिपटी रहती है,

8. And all the fat of the bull for the sin offering he shall take off of it--the fat that covers and is on the entrails,

9. और दोनों गुर्दे और उनके ऊपर की चरबी जो कमर के पास रहती है, और गुर्दों समेत कलेजे के ऊपर की झिल्ली, इन सभों को वह ऐसे अलग करे,

9. And the two kidneys and the fat that is on them at the loins, and the appendage of the liver, which he shall take away with the kidneys--

10. जैसे मेलबलिवाले चढ़ावे के बछड़े से अलग किए जाते हैं, और याजक इनको होमबलि की वेदी पर जलाए।

10. Just as these are taken off of the bull of the sacrifice of the peace offerings; and the priest shall burn them on the altar of burnt offering.

11. और उस बछड़े की खाल, पांव, सिर, अंतड़ियां, गोबर,

11. But the hide of the bull and all its flesh, its head, its legs, its entrails, and its dung,

12. और सारा मांस, निदान समूचा बछड़ा छावनी से बाहर शुद्ध स्थान में, जहां राख डाली जाएगी, ले जाकर लकड़ी पर रखकर आग से जलाए; जहां राख डाली जाती है वह वहीं जलाया जाए।।

12. Even the whole bull shall he carry forth without the camp to a clean place, where the ashes are poured out, and burn it on a fire of wood, there where the ashes are poured out. [Heb. 13:11-13.]

13. और इन बातों में से किसी भी बात के विषय में जो कोई पाप करे, याजक उसका प्रायश्चित्त करे, और तब वह पाप क्षमा किया जाएगा। और इस पापबलि का शेष अन्नबलि के शेष की नाई याजक का ठहरेगा।।

13. If the whole congregation of Israel sins unintentionally, and it be hidden from the eyes of the assembly, and they have done what the Lord has commanded not to be done and are guilty,

14. तो जब उनका किया हुआ पाप प्रगट हो जाए तब मण्डली एक बछड़े को पापबलि करके चढ़ाए। वह उसे मिलापवाले तम्बू के आगे ले जाए,

14. When the sin which they have committed becomes known, then the congregation shall offer a young bull for a sin offering and bring it before the Tent of Meeting.

15. और मण्डली के वृद्ध लोग अपने अपने हाथों को यहोवा के आगे बछड़े के सिर पर रखें, और वह बछड़ा यहोवा के साम्हने बलि किया जाए।

15. The elders of the congregation shall lay their hands upon the head of the bull before the Lord, and the bull shall be killed before the Lord.

16. और अभिषिक्त याजक बछड़े के लोहू में से कुछ मिलापवाले तम्बू में ले जाए;

16. The anointed priest shall bring some of the bull's blood to the Tent of Meeting,

17. और याजक अपनी उंगली लोहू में डुबो डुबोकर उसे बीचवाले पर्दे के आगे सात बार यहोवा के साम्हने छिड़के।

17. And shall dip his finger in the blood, and sprinkle it seven times before the Lord, before the veil [which screens the ark of the covenant].

18. और उसी लोहू में से वेदी के सींगों पर जो यहोवा के आगे मिलापवाले तम्बू में है लगाए; और बचा हुआ सब लोहू होमबलि की वेदी के पाए पर जो मिलापवाले तम्बू के द्वार पर है उंडेल दे।

18. He shall put some of the blood on the horns of the altar [of incense] which is before the Lord in the Tent of Meeting, and he shall pour out all the blood at the base of the altar of burnt offering near the door of the Tent of Meeting.

19. और वह बछड़े की कुल चरबी निकालकर वेदी पर जलाए।

19. And he shall take all its fat from the bull and burn it on the altar.

20. और जैसे पापबलि के बछड़े से किया था वैसे ही इस से भी करे; इस भांति याजक इस्त्राएलियों के लिये प्रायश्चित्त करे, तब उनका पाप क्षमा किया जाएगा।

20. Thus shall he do with the bull; as he did with the bull for a sin offering, so shall he do with this; and the priest shall make atonement for [the people], and they shall be forgiven.

21. और वह बछड़े को छावनी से बाहर ले जाकर उसी भांति जलाए जैसे पहिले बछड़े को जलाया था; यह तो मण्डली के निमित्त पापबलि ठहरेगा।।

21. And he shall carry forth the bull outside the camp and burn it as he burned the first bull; it is the sin offering for the congregation.

22. जब कोई प्रधान पुरूष पाप करके, अर्थात् अपने परमेश्वर यहोवा कि किसी आज्ञा के विरूद्ध भूल से कुछ करके दोषी हो जाए,

22. When a ruler or leader sins and unwittingly does any one of the things the Lord his God has forbidden, and is guilty,

23. और उसका पाप उस पर प्रगट हो जाए, तो वह एक निर्दोष बकरा बलिदान करने के लिये ले आए;

23. If his sin which he has committed be known to him, he shall bring as his offering a goat, a male without blemish.

24. और बकरे के सिर पर अपना हाथ धरे, और बकरे को उस स्थान पर बलि करे जहां होमबलि पशु यहोवा के आगे बलि किये जाते हैं; यह तो पापबलि ठहरेगा।

24. He shall lay his hand on the head of the goat and kill it in the place where they kill the burnt offering before the Lord; it is a sin offering.

25. और याजक अपनी उंगली से पापबलि पशु के लोहू में से कुछ लेकर होमबलि की वेदी के सींगों पर लगाए, और उसका लोहू होमबलि की वेदी के पाए पर उंडेल दे।

25. The priest shall take some of the blood of the sin offering with his finger and put it on the horns of the altar of burnt offering and pour the rest of its blood at the base of the altar of burnt offering.

26. और वह उसकी कुल चरबी को मेलबलि की चरबी की नाई वेदी पर जलाए; और याजक उसके पाप के विषय में प्रायश्चित्त करे, तब वह क्षमा किया जाएगा।।

26. And he shall burn all its fat upon the altar like the fat of the sacrifice of peace offerings; so the priest shall make atonement for him for his sin, and it shall be forgiven him.

27. और यदि साधारण लोगों में से कोई अज्ञानता से पाप करे, अर्थात् कोई ऐसा काम जिसे यहोवा ने माना किया हो करके दोषी हो, और उसका वह पाप उस पर प्रगट हो जाए,

27. If any one of the common people sins unwittingly in doing anything the Lord has commanded not to be done, and is guilty,

28. तो वह उस पाप के कारण एक निर्दोष बकरी बलिदान के लिये ले आए;

28. When the sin which he has committed is made known to him, he shall bring for his offering a goat, a female without blemish, for his sin which he has committed.

29. और वह अपना हाथ पापबलि पशु के सिर पर रखे, और होमबलि के स्थान पर पापबलि पशु का बलिदान करे।

29. The offender shall lay his hand on the head of the sin offering and kill [it] at the place of the burnt offering.

30. और याजक उसके लोहू में से अपनी उंगली से कुछ लेकर होमबलि की वेदी के सींगों पर लगाए, और उसके सब लोहू को उसी वेदी के पाए पर उंडेल दे।

30. And the priest shall take some of its blood with his finger and put it on the horns of the altar of burnt offering and shall pour out the rest of its blood at the base of the altar.

31. और वह उसकी सब चरबी को मेलबलिपशु की चरबी की नाईं अलग करे, तब याजक उसको वेदी पर यहोवा के निमित्त सुखदायक सुगन्ध के लिये जलाए; और इस प्रकार याजक उसके लिये प्रायश्चित्त करे, तब उसे क्षमा मिलेगी।।

31. And all the fat of it he shall take away, as the fat is taken away from off the sacrifice of peace offerings; and the priest shall burn it on the altar for a sweet and satisfying fragrance to the Lord; and the priest shall make atonement for [the man], and he shall be forgiven.

32. और यदि वह पापबलि के लिये एक भेड़ी का बच्चा ले आए, तो वह निर्दोष मादा हो,

32. If he brings a lamb as his sin offering, he shall bring a female without blemish.

33. और वह अपना हाथ पापबलि पशु के सिर पर रखे, और उसको पापबलि के लिये वहीं बलिदान करे जहां होमबलिपशु बलि किया जाता है।

33. He shall lay his hand upon the head of the sin offering and kill it in the place where they kill the burnt offering.

34. और याजक अपनी उंगली से पापबलि के लोहू में से कुछ लेकर होमबलि की वेदी के सींगों पर लगाए, और उसके सब लोहू को वेदी के पाए पर उंडेल दे।

34. And the priest shall take some of the blood of the sin offering with his finger and put it on the horns of the altar of burnt offering and all the rest of the blood of the lamb he shall pour out at the base of the altar.

35. और वह उसकी सब चरबी को मेलबलिवाले भेड़ के बच्चे की चरबी की नाई अलग करे, और याजक उसे वेदी पर यहोवा के हवनों के ऊपर जलाए; और इस प्रकार याजक उसके पाप के लिये प्रायश्चित्त करे, और वह क्षमा किया जाएगा।।

35. And he shall take away all the fat of it, just as the fat of the lamb is removed from the sacrifice of the peace offerings; and the priest shall burn it on the altar upon the offerings made by fire to the Lord; and the priest shall make atonement for the sin which the man has committed, and he shall be forgiven. [Heb. 9:13, 14.]



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