20. फिर कोई स्त्री दासी हो, और उसकी मंगनी किसी पुरूष से हुई हो, परन्तु वह न तो दास से और न सेंतमेंत स्वाधीन की गई हो; उस से यदि कोई कुकर्म करे, तो उन दोनों को दण्ड तो मिले, पर उस स्त्री के स्वाधीन न होने के कारण वे दोनों मार न डाले जाएं।
20. আর মূল্য দ্বারা কিম্বা অন্যরূপে মুক্তা হয় নাই, এমন যে বাগ্দত্তা দাসী, তাহার সহিত যদি কেহ সংসর্গ করে, তবে তাহারা দণ্ডনীয় হইবে; তাহাদের প্রাণদণ্ড হইবে না, কেননা সে মুক্তা নহে।