Leviticus - लैव्यव्यवस्था 19 | View All

1. फिर यहोवा ने मूसा से कहा,

1. And the LORD spoke unto Moses, saying,

2. इस्त्राएलियों की सारी मण्डली से कह, कि तुम पवित्रा बने रहो; क्योंकि मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा पवित्रा हूं।
मत्ती 5:48, 1 पतरस 1:16

2. Speak unto all the congregation of the sons of Israel and say unto them, Ye shall be holy, for I the LORD your God [am] holy.

3. तुम अपनी अपनी माता और अपने अपने पिता का भय मानना, और मेरे विश्राम दिनों को मानना; मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूं।

3. Ye shall fear, every man his mother and his father and keep my sabbaths. I AM your God.

4. तुम मूरतों की ओर न फिरना, और देवताओं की प्रतिमाएं ढालकर न बना लेना; मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूं।

4. Do not return unto idols nor make to yourselves molten gods. I AM your God.

5. जब तुम यहोवा के लिये मेलबलि करो, तब ऐसा बलिदान करना जिससे मैं तुम से प्रसन्न हो जाऊं।

5. And when ye offer a sacrifice of peace unto the LORD, ye shall offer it of your own free will.

6. उसका मांस बलिदान के दिन और दूसरे दिन खाया जाए, परन्तु तीसरे दिन तक जो रह जाए वह आग में जला दिया जाए।

6. It shall be eaten the same day ye offer it and on the next day, and any remaining until the third day shall be burnt in the fire.

7. और यदि उस में से कुछ भी तीसरे दिन खाया जाए, तो यह घृणित ठहरेगा, और ग्रहण न किया जाएगा।

7. And if it is eaten at all on the third day, it [is] abominable; it shall not be accepted;

8. और उसका खानेवाला यहोवा के पवित्रा पदार्थ को अपवित्रा ठहराता है, इसलिये उसको अपने अधर्म का भार स्वयं उठाना पड़ेगा; और वह प्राणी अपने लोगों में से नाश किया जाएगा।।

8. and whoever eats it shall bear his iniquity because he has profaned the holiness of the LORD, and that person shall be cut off from among his people.

9. फिर जब तुम अपने देश के खेत काटो तब अपने खेत के कोने कोने तक पूरा न काटना, और काटे हुए खेत की गिरी पड़ी बालों को न चुनना।

9. And when ye reap the harvest of your land, thou shalt not completely reap the corners of thy field, neither shalt thou gather the gleanings of thy harvest.

10. और अपनी दाख की बारी का दाना दाना न तोड़ लेना, और अपनी दाख की बारी के झंड़े हुए अंगूरों को न बटोरना; उन्हें दीन और परदेशी लोगों के लिये छोड़ देना; मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूं।

10. And thou shalt not glean thy vineyard, neither shalt thou gather the fallen grapes of thy vineyard; thou shalt leave them for the poor and the stranger. I AM your God.

11. तुम चोरी न करना, और एक दूसरे से न तो कपट करना, और न झूठ बोलना।

11. Ye shall not steal, neither deal falsely, neither lie one to another.

12. तुम मेरे नाम की झूठी शपथ खाके अपने परमेश्वर का नाम अपवित्रा न ठहराना; मैं यहोवा हूं।
मत्ती 5:33

12. And ye shall not swear by my name falsely, neither shalt thou defile the name of thy God. I [am] the LORD.

13. एक दूसरे पर अन्धेर न करना, और न एक दूसरे को लूट लेना। और मजदूर की मजदूरी तेरे पास सारी रात बिहान तक न रहने पाएं।
मत्ती 20:8, 1 तीमुथियुस 5:18, याकूब 5:4

13. Thou shalt not defraud thy neighbour, neither rob [him]. Do not detain [the wages of] the work of the hired man in thy house until the morning.

14. बहिरे को शाप न देना, और न अन्धे के आगे ठोकर रखना; और अपने परमेश्वर का भय मानना; मैं यहोवा हूं।

14. Thou shalt not curse the deaf, nor put a stumblingblock before the blind, but shalt fear thy God. I [am] the LORD.

15. न्याय में कुटिलता न करना; और न तो कंगाल का पक्ष करना और न बड़े मनुष्यों का मुंह देखा विचार करना; उस दूसरे का न्याय धर्म से करना।
यूहन्ना 7:24, प्रेरितों के काम 23:3

15. Ye shall do no unrighteousness in judgment, neither pleasing the poor, nor favoring the mighty; [but] in righteousness shalt thou judge thy neighbour.

16. लूतरा बनके अपने लोगों में न फिरा करना, और एक दूसरे के लोहू बहाने की युक्तियां न बान्धना; मैं यहोवा हूं।

16. Thou shalt not travel about [as] a talebearer among thy people; neither shalt thou stand against the blood of thy neighbour. I [am] the LORD.

17. अपने मन में एक दूसरे के प्रति बैर न रखना; अपने पड़ोसी को अवश्य डांटना नहीं, तो उसके पाप का भार तुझ को उठाना पड़ेगा।
मत्ती 18:15

17. Thou shalt not hate thy brother in thine heart; thou shalt rebuke thy neighbour in sincerity, that thou not bear sin for him.

18. पलटा न लेना, और न अपने जाति भाइयों से बैर रखना, परन्तु एक दूसरे से अपने समान प्रेम रखना; मैं यहोवा हूं।
मत्ती 5:43, मत्ती 19:19, मत्ती 22:39, मरकुस 12:31-33, लूका 10:27, रोमियों 12:19, रोमियों 13:9, गलातियों 5:14, याकूब 2:8

18. Thou shalt not avenge, nor bear any grudge against the sons of thy people, but thou shalt love thy neighbour as thyself. I [am] the LORD.

19. तुम मेरी विधियों को निरन्तर मानना। अपने पशुओं को भिन्न जाति के पशुओं से मेल न खाने देना; अपने खेत में दो प्रकार के बीज इकट्ठे न बोना; और सनी और ऊन की मिलावट से बना हुआ वस्त्रा न पहिनना।

19. Ye shall keep my statutes. Thou shalt not let thy animal join [with a diverse kind] for mixtures; thou shalt not sow thy field with mixture, neither shalt thou wear garments of a mixture of different things.

20. फिर कोई स्त्री दासी हो, और उसकी मंगनी किसी पुरूष से हुई हो, परन्तु वह न तो दास से और न सेंतमेंत स्वाधीन की गई हो; उस से यदि कोई कुकर्म करे, तो उन दोनों को दण्ड तो मिले, पर उस स्त्री के स्वाधीन न होने के कारण वे दोनों मार न डाले जाएं।

20. And when a man lies carnally with a woman that is a bondmaid, betrothed to a husband and has not been completely ransomed nor been given her freedom, [both] shall be scourged; they shall not be put to death because [she] is not free.

21. पर वह पुरूष मिलापवाले तम्बू के द्वार पर यहोवा के पास एक मेढ़ा दोषबलि के लिये ले आए।

21. And he shall bring [in expiation] for his guilt unto the LORD, unto the door of the tabernacle of the testimony, a ram for [expiation of] guilt.

22. और याजक उसके किये हुए पाप के कारण दोषबलि के मेढ़े के द्वारा उसके लिये यहोवा के साम्हने प्रायश्चित्त करे; तब उसका किया हुआ पाप क्षमा किया जाएगा।

22. And the priest shall reconcile him with the ram of the guilt before the LORD for his sin which he has committed, and the sin which he has committed shall be forgiven him.

23. फिर जब तुम कनान देश में पंहुचकर किसी प्रकार के फल के वृक्ष लगाओ, तो उनके फल तीन वर्ष तक तुम्हारे लिये मानों खतनारहित ठहरें रहें; इसलिये उन में से कुछ न खाया जाए।

23. And when ye have come into the land and shall have planted all manner of trees for food, then ye shall circumcise the foreskin of the fruit; three years it shall be uncircumcised unto you; it shall not be eaten of.

24. और चौथे वर्ष में उनके सब फल यहोवा की स्तुति करने के लिये पवित्रा ठहरें।

24. But in the fourth year all the fruit thereof shall be holiness of rejoicing unto the LORD.

25. तब पांचवें वर्ष में तुम उनके फल खाना, इसलिये कि उन से तुम को बहुत फल मिलें; मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूं।

25. And in the fifth year ye shall eat of the fruit thereof that it may yield unto you the increase thereof. I AM your God.

26. तुम लोहू लगा हुआ कुछ मांस न खाना। और न टोना करना, और न शुभ वा अशुभ मुहूर्तों को मानना।

26. Ye shall not eat [any thing] with blood. Ye shall not be fortunetellers, nor diviners.

27. अपने सिर में घेरा रखकर न मुंड़ाना, और न अपने गाल के बालों को मुंड़ाना।

27. Ye shall not round the corners of your heads, neither shalt thou mar the corners of thy beard.

28. मुर्दों के कारण अपने शरीर को बिलकुल न चीरना, और न उस में छाप लगाना; मैं यहोवा हूं।

28. Ye shall not make any cuttings in your flesh for the dead, nor print any marks upon you. I [am] the LORD.

29. अपनी बेटियों को वेश्या बनाकर अपवित्रा न करना, ऐसा न हो कि देश वेश्यागमन के कारण महापाप से भर जाए।

29. Do not contaminate thy daughter, causing her to commit fornication, lest the land be prostituted, and the land become full of wickedness.

30. मेरे विश्रामदिन को माना करना, और मेरे पवित्रास्थान का भय निरन्तर मानना; मैं यहोवा हूं।

30. Ye shall keep my sabbaths and reverence my sanctuary. I [am] the LORD.

31. ओझाओं और भूत साधने वालों की ओर न फिरना, और ऐसों को खोज करके उनके कारण अशुद्ध न हो जाना; मै तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूं।

31. Return not unto spiritists, neither seek after diviners, to be defiled by them. I AM your God.

32. पक्के बालवाले के साम्हने उठ खड़े होना, और बूढ़े का आदरमान करना, और अपने परमेश्वर का भय निरन्तर मानना; मैं यहोवा हूं।
1 तीमुथियुस 5:1

32. Thou shalt rise up before grey hair and honour the face of the elder and fear thy God. I [am] the LORD.

33. और यदि कोई परदेशी तुम्हारे देश में तुम्हारे संग रहे, तो उसको दु:ख न देना।

33. And when a stranger shall sojourn with thee in your land, ye shall not oppress him.

34. जो परदेशी तुम्हारे संग रहे वह तुम्हारे लिये देशी के समान हो, और उस से अपने ही समान प्रेम रखना; क्योंकि तुम भी मि देश में परदेशी थे; मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूं।

34. [But] the stranger that dwells with you shall be as the natural of yourselves, and thou shalt love him as thyself; for ye were strangers in the land of Egypt. I AM your God.

35. तुम न्याय में, और परिमाण में, और तौल में, और नाप में कुटिलता न करना।

35. Ye shall do no unrighteousness in judgment, in measurement [of land], in weight, or in other measure.

36. सच्चा तराजू, धर्म के बटखरे, सच्चा एपा, और धर्म का हीन तुम्हारे पास रहें; मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूं जो तुम को मि देश से निकाल ले आया।

36. Just balances, just weights, a just ephah, and a just hin shall ye have. I AM your God, who brought you out of the land of Egypt.

37. इसलिये तुम मेरी सब विधियों और सब नियमों को मानते हुए निरन्तर पालन करो; मैं यहोवा हूं।।

37. Keep, therefore, all my statutes and all my rights and do them. I [am] the LORD.:



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