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Young's Literal Translation (1898)
Cross Reference Bible
1. फिर यहोवा ने मूसा से कहा,
1. GOD spoke to Moses,
2. हारून और उसके पुत्रों से और कुल इस्त्राएलियों से कह, कि यहोवा ने यह आज्ञा दी है,
2. 'Speak to Aaron and his sons and all the Israelites. Tell them, This is what GOD commands:
3. कि इस्त्राएल के घराने में से कोई मनुष्य हो जो बैल वा भेड़ के बच्चे, वा बकरी को, चाहे छावनी में चाहे छावनी से बाहर घात करके
3. Any and every man who slaughters an ox or lamb or goat inside or outside the camp
4. मिलापवाले तम्बू के द्वार पर, यहोवा के निवास के साम्हने यहोवा को चढ़ाने के निमित्त न ले जाए, तो उस मनुष्य को लोहू बहाने का दोष लगेगा; और वह मनुष्य जो लोहू बहाने वाला ठहरेगा, वह अपने लोगों के बीच से नाश किया जाए।
4. instead of bringing it to the entrance of the Tent of Meeting to offer it to GOD in front of The Dwelling of GOD--that man is considered guilty of bloodshed; he has shed blood and must be cut off from his people.
5. इस विधि का यह कारण है कि इस्त्राएली अपने बलिदान जिनको वह खुले मैदान में वध करते हैं, वे उन्हें मिलापवाले तम्बू के द्वार पर याजक के पास, यहोवा के लिये ले जाकर उसी के लिये मेलबलि करके बलिदान किया करें;
5. This is so the Israelites will bring to GOD the sacrifices that they're in the habit of sacrificing out in the open fields. They must bring them to GOD and the priest at the entrance to the Tent of Meeting and sacrifice them as Peace-Offerings to GOD.
6. और याजक लोहू को मिलापवाले तम्बू के द्वार पर यहोवा की वेदी के ऊपर छिड़के, और चरबी को उसके सुखदायक सुगन्ध के लिये जलाए।
6. The priest will splash the blood on the Altar of GOD at the entrance to the Tent of Meeting and burn the fat as a pleasing fragrance to GOD.
7. और वे जो बकरों के पूजक होकर व्यभिचार करते हैं, वे फिर अपने बलिपशुओं को उनके लिये बलिदान न करें। तुम्हारी पीढ़ियों के लिये यह सदा की विधि होगी।।
7. They must no longer offer their sacrifices to goat-demons--a kind of religious orgy. This is a perpetual decree down through the generations.
8. और तू उन से कह, कि इस्त्राएल के घराने के लोगों में से वा उनके बीच रहनेहारे परदेशियों में से कोई मनुष्य क्यों न हो जो होमबलि वा मेलबलि चढ़ाए,
8. 'Tell them: Any Israelite or foreigner living among them who offers a Whole-Burnt-Offering or Peace-Offering
9. और उसको मिलापवाले तम्बू के द्वार पर यहोवा के लिये चढ़ाने को न ले आए; वह मनुष्य अपने लोगों में से नाश किया जाए।।
9. but doesn't bring it to the entrance of the Tent of Meeting to sacrifice it to GOD, that person must be cut off from his people.
10. फिर इस्त्राएल के घराने के लोगों में से वा उनके बीच रहनेवाले परदेशियों में से कोई मनुष्य क्यों न हो जो किसी प्रकार का लोहू खाए, मैं उस लोहू खानेवाले के विमुख होकर उसको उसके लोगों के बीच में से नाश कर डालूंगा।प्रेरितों के काम 15:20-29
10. 'If any Israelite or foreigner living among them eats blood, I will disown that person and cut him off from his people,
11. क्योंकि शरीर का प्राण लोहू में रहता है; और उसको मैं ने तुम लोगों को वेदी पर चढ़ाने के लिये दिया है, कि तुम्हारे प्राणों के लिये प्रायश्चित्त किया जाए; क्योंकि प्राण के कारण लोहू ही से प्रायश्चित्त होता है।इब्रानियों 9:22
11. for the life of an animal is in the blood. I have provided the blood for you to make atonement for your lives on the Altar; it is the blood, the life, that makes atonement.
12. इस कारण मैं इस्त्राएलियों से कहता हूं, कि तुम में से कोई प्राणी लोहू न खाए, और जो परदेशी तुम्हारे बीच रहता हो वह भी लोहू कभी न खाए।।
12. That's why I tell the People of Israel, 'Don't eat blood.' The same goes for the foreigner who lives among you, 'Don't eat blood.'
13. और इस्त्राएलियों में से वा उनके बीच रहनेवाले परदेशियों में से कोई मनुष्य क्यों न हो जो अहेर करके खाने के योग्य पशु वा पक्षी को पकड़े, वह उसके लोहू को उंडेलकर धूलि से ढंाप दे।
13. 'Any and every Israelite--this also goes for the foreigners--who hunts down an animal or bird that is edible, must bleed it and cover the blood with dirt,
14. क्योंकि शरीर का प्राण जो है वह उसका लोहू ही है जो उसके प्राण के साथ एक है; इसी लिये मैं इस्त्राएलियों से कहता हूं, कि किसी प्रकार के प्राणी के लोहू को तुम न खाना, क्योंकि सब प्राणियों का प्राण उनका लोहू ही है; जो कोई उसको खाए वह नाश किया जाएगा।
14. because the life of every animal is its blood--the blood is its life. That's why I tell the Israelites, 'Don't eat the blood of any animal because the life of every animal is its blood. Anyone who eats the blood must be cut off.'
15. और चाहे वह देशी हो वा परदेशी हो, जो कोई किसी लोथ वा फाड़े हुए पशु का मांस खाए वह अपने वस्त्रों को धोकर जल से स्नान करे, और सांझ तक अशुद्ध रहे; तब वह शुद्ध होगा।
15. 'Anyone, whether native or foreigner, who eats from an animal that is found dead or mauled must wash his clothes and bathe in water; he remains unclean until evening and is then clean.
16. और यदि वह उनको न धोए और न स्नान करे, तो उसको अपने अधर्म का भार स्वयं उठाना पड़ेगा।।
16. If he doesn't wash or bathe his body, he'll be held responsible for his actions.'