15. और चाहे वह देशी हो वा परदेशी हो, जो कोई किसी लोथ वा फाड़े हुए पशु का मांस खाए वह अपने वस्त्रों को धोकर जल से स्नान करे, और सांझ तक अशुद्ध रहे; तब वह शुद्ध होगा।
15. And every person that eats what dies of itself or what is torn by beasts, whether he is a native or a sojourner, shall wash his clothes, and bathe himself in water, and be unclean until the evening; then he shall be clean.