7. इस कारण उस समय ज्यों ही सब जाति के लोगों को नरसिंगे, बांसुली, वीणा, सारंगी, सितार शहनाई आदि सब प्रकार के बाजों का शब्द सुन पड़ा, त्यों ही देश- देश और जाति- जाति के लोगों और भिन्न- भिन्न भाषा बोलनेवालों ने गिरकर उस सोने की मूरत को जो नबूकदनेस्सर राजा ने खड़ी कराई थी, दण्डवत् की।।
7. Therefore, as soon as all the peoples heard the sound of the horn, pipe, lyre, trigon, harp, bagpipe, and every kind of music, all the peoples, nations, and languages fell down and worshiped the golden image which King Nebuchadnezzar had set up.