2. तब राजा ने आज्ञा दी, कि ज्योतिषी, तन्त्री, टोनहे और कसदी बुलाए जाएं कि वे राजा को उसका स्वप्त बताएं; सो वे आए और राजा के साम्हने हाजिर हुए।
2. Then the king commanded to call the magicians, and the astrologers, and the sorcerers, and the Chaldeans to show the king his dreams. So they came and stood before the king.
4. कसदियों ने, राजा से अरामी भाषा में कहा, हे राजा, तू चिरंजीव रहे! अपने दासों को स्वप्न बता, और हम उसका फल बताएंगे।
4. Then spoke the Chaldeans to the king in Syriac, 'O king, live for ever! Tell thy servants the dream, and we will show the interpretation.'
5. राजा ने कसदियों को उत्तर दिया, मैं यह आज्ञा दे चुका हूं कि यदि तुम फल समेत स्वप्न को न बताओगे तो तुम टुकड़े टुकड़े किए जाओगे, और तुम्हारे घर फुंकवा दिए जाएंगे।
5. The king answered and said to the Chaldeans, 'The thing is gone from me. If ye will not make known unto me the dream with the interpretation thereof, ye shall be cut in pieces, and your houses shall be made a dunghill.
7. इसलिये तुम मुझे फल समेत स्वप्न बाताओ। उन्हों ने दूसरी बार कहा, हे राजा स्वप्न तेरे दासों को बताया जाए, और हम उसका फल समझाा देंगे।
7. They answered again and said, 'Let the king tell his servants the dream, and we will show the interpretation of it.'
8. राजा ने उत्तर दिया, मैं निश्चय जानता हूं कि तुम यह देखकर, कि राजा के मुंह से आज्ञा निकल चुकी है, समय बढ़ाना चाहते हो।
8. The king answered and said, 'I know with certainty that ye would gain the time, because ye see the thing is gone from me.
9. इसलिये यदि तुम मुझे स्वप्न न बताओ तो तुम्हारे लिये एक ही आज्ञा है। क्योंकि तुम ने गोष्ठी की होगी कि जब तक समय न बदले, तब तक हम राजा के साम्हने झूठी और गपशप की बातें कहा करेंगे। इसलिये तुम मुझे स्वप्न को बताओ, तब मैं जानूंगा कि तुम उसका फल भी समझा सकते हो।
9. But if ye will not make known unto me the dream, there is but one decree for you; for ye have prepared lying and corrupt words to speak before me, till the time is changed. Therefore tell me the dream, and I shall know that ye can show me the interpretation thereof.'
10. कसदियों ने राजा से कहा, पृथ्वी भर में ऐसा कोई मनुष्य नहीं जो राजा के मन की बात बता सके; और न कोई ऐसा राजा, वा प्रधान, वा हाकिम कभी हुआ है जिस ने किसी ज्योतिषी वा तन्त्री, वा कसदी से ऐसी बात पूछी हो।
10. The Chaldeans answered before the king and said, 'There is not a man upon the earth who can show the king's matter. Therefore there is no king, lord, or ruler who asked such things of any magician, or astrologer, or Chaldean.
11. जो बात राजा पूछता है, वह अनोखी है, और देवताओं को छोड़कर जिनका निवास मनुष्यों के संग नहीं है, और कोई दूसरा नहीं, जो राजा को यह बता सके।।
11. And it is a rare thing that the king requireth, and there is no other who can show it before the king except the gods, whose dwelling is not with flesh.'
14. तब दानिरयेल ने, जल्लादों के प्रधान अर्योक से, जो बाबुल के पण्डितों को घात करने के लिये निकला था, सोच विचारकर और बुद्धिमानी के साथ कहा;
14. Then Daniel answered with counsel and wisdom to Arioch, the captain of the king's guard, who had gone forth to slay the wise men of Babylon.
17. तब दानिरयेल ने अपने घर जाकर, अपने संगी हनन्याह, मीशाएल, और अजर्याह को यह हाल बताकर कहा,
17. Then Daniel went to his house, and made the thing known to Hananiah, Mishael, and Azariah, his companions,
23. हे मेरे पूर्वजों के परमशॆवर, मैं तेरा धन्यवाद और स्तुति करता हूं, क्योंकि तू ने मुझे बुद्धि और शक्ति दी है, और जिस भेद का खुलना हम लोगों न तुझ से मांगे था, उसे तू ने मुझ पर प्रगट किया है, तू ने हम को राजा की बात बताई है।
23. I thank Thee and praise Thee, O Thou God of my fathers, who hast given me wisdom and might, and hast made known unto me now what we desired of Thee; for Thou hast now made known unto us the king's matter.'
24. तब दानिरयेल ने अर्योक के पास, जिसे राजा ने बाबुल के पण्डितों के नाश करने के लिये ठहराया था, भीतर जाकर कहा, बाबुल के पण्डितों का नाश न कर, मुझे राजा के सम्मुख भीतर ले चल, मैं फल बताऊंगा।।
24. Therefore Daniel went in unto Arioch, whom the king had appointed to destroy the wise men of Babylon. He went and said thus unto him: 'Destroy not the wise men of Babylon. Bring me in before the king, and I will show unto the king the interpretation.'
25. तब अर्योक ने दानिरयेल को राजा के सम्मुख शीघ्र भीतर ले जाकर उस से कहा, यहूदी बंधुओं में से एक पुरूष मुझ को मिला है, जो राजा को स्वप्न का फल बताएगा।
25. Then Arioch brought in Daniel before the king in haste, and said thus unto him, 'I have found a man of the captives of Judah, who will make known unto the king the interpretation.'
26. राजा ने दानिरयेल से, जिसका नाम बेलतशस्सर भी था, पूछा, क्या तुझ में इतनी शक्ति है कि जो स्वप्न मैं ने देखा है, उसे फल समेत मुझे बताए?
26. The king answered and said to Daniel, whose name was Belteshazzar, 'Art thou able to make known unto me the dream which I have seen, and the interpretation thereof?'
27. दानिरयेल ने राजा का उत्तर दिया, जो भेद राजा पूछता है, वह न तो पण्डित न तन्त्री, न ज्योतिषी, न दूसरे भावी बतानेवाले राजा को बता सकते हैं,
27. Daniel answered in the presence of the king and said, 'The secret which the king hath demanded, the wise men, the astrologers, the magicians, and the soothsayers cannot show unto the king.
29. हे राजा, जब तुझ को पलंग पर यह विचार हुआ कि भविष्य में क्या क्या होनेवाला है, तब भेदों को खोलनेवाले ने तुझ को बताया, कि क्या क्या होनेवाला है।
प्रकाशितवाक्य 1:19, प्रकाशितवाक्य 4:1
29. As for thee, O king, thy thoughts came into thy mind upon thy bed, what should come to pass hereafter; and He that revealeth secrets maketh known to thee what shall come to pass.
30. मुझ पर यह भेद इस कारण नहीं खोला गया कि मैं और सब प्राणियों से अधिक बुद्धिमान हूं, परन्तु केवल इसी कारण खोला गया है कि स्वपन का फल राजा को बताया जाए, और तू अपने मन के विचार समझ सके।।
30. But as for me, this secret is not revealed to me for any wisdom that I have more than anyone living, but for their sakes who shall make known the interpretation to the king, and that thou mightest know the thoughts of thy heart.
31. हे राजा, जब तू देख रहा था, तब एक बड़ी मूर्त्ति देख पड़ी, और वह मूर्त्ति जो तेरे साम्हने खड़ी थी, सो लम्बी चौड़ी थी; उसकी चमक अनुपम थी, और उसका रूप भयंकर था।
31. Thou, O king, sawest; and behold, a great image! This great image, whose brightness was excellent, stood before thee; and the form thereof was terrible.
32. उस मूर्त्ति का सिर तो चोखे सोने का था, उसकी छाती और भुजाएं चान्दी की, उसका पेट और जांघे पीतल की,
32. This image's head was of fine gold, his breast and his arms of silver, his belly and his thighs of brass,
34. Thou sawest until a stone was cut out without hands, which smote the image upon his feet that were of iron and clay, and broke them to pieces.
35. Then were the iron, the clay, the brass, the silver, and the gold broken to pieces together, and became like the chaff of the summer threshing floors; and the wind carried them away, that no place was found for them. And the stone that smote the image became a great mountain and filled the whole earth.
37. हे राजा, तू तो महाराजाधिरा है, क्योंकि स्वर्ग के परमेश्वर ने तुझ को राज्य, सामर्थ, शक्ति और महिमा दी है,
37. Thou, O king, art a king of kings; for the God of heaven hath given thee a kingdom, power, and strength, and glory.
38. और जहां कहीं मनुष्य पाए जाते हैं, वहां उस ने उन सभों को, और मैदान के जीवजन्तु, और आकाश के पक्षी भी तेरे वश में कर दिए हैं; और तुझ को उन सब का अधिकारी ठहराया है। यह सोने का सिर तू ही है।
38. And wheresoever the children of men dwell, the beasts of the field and the fowls of the heaven hath He given into thine hand, and hath made thee ruler over them all. Thou art this head of gold.
40. और चौथा राज्य लोहे के तुल्य मजबूत होगा; लोहे से तो सब वस्तुएं चूर चूर हो जाती और पिस जाती हैं; इसलिये जिस भांति लोहे से वे सब कुचली जाती हैं, उसी भांति, उस चौथे राज्य से सब कुछ चूर चूर होकर पिस जाएगा।
40. And the fourth kingdom shall be strong as iron, inasmuch as iron breaketh in pieces and subdueth all things; and as iron that breaketh all these, shall it break in pieces and bruise.
41. और तू ने जो मूर्त्ति के पांवों और उनकी उंगलियों को देखा, जो कुछ कुम्हार की मिट्टी की और कुछ लोहे की थीं, इस से वह चौथा राज्य बटा हुआ होगा; तौभी उस में लोहे का सा कड़ापन रहेगा, जैसे कि तू ने कुम्हार की मिट्टी के संग लोहा भी मिला हुआ देखा था।
41. And whereas thou sawest the feet and toes, part of potter's clay and part of iron, the kingdom shall be divided; but there shall be in it the strength of the iron, inasmuch as thou sawest the iron mixed with miry clay.
43. और तू ने जो लोहे को कुम्हार की मिट्टी के संग मिला हुआ देखा, इसका अर्थ यह है, कि उस राज्य के लोग एक दूसरे मनुष्यों से मिले जुले तो रहेंगे, परन्तु जैसे लोहा मिट्टी के साथ मेल नहीं खाता, वैसे ही वे भी एक न बने रहेंगे।
43. And whereas thou sawest iron mixed with miry clay, they shall mingle themselves with the seed of men; but they shall not cleave one to another, even as iron is not mixed with clay.
44. और उन राजाओं के दिनों में स्वर्ग का परमेश्वर, एक ऐसा राज्य उदय करेगा जो अनन्तकाल तक न टूटेगा, और न वह किसी दूसरी जाति के हाथ में किया जाएगा। वरन वह उन सब राज्यों को चूर चूर करेगा, और उनका अन्त कर डालेगा; और वह सदा स्थिर रहेगा;
1 कुरिन्थियों 15:24, प्रकाशितवाक्य 11:15, मत्ती 21:44
44. And in the days of these kings shall the God of heaven set up a Kingdom which shall never be destroyed; and the Kingdom shall not be left to other people, but it shall break in pieces and consume all these kingdoms, and it shall stand for ever.
45. जैसा तू ने देखा कि एक पत्थर किसी के हाथ के बिन खोदे पहाड़ में से उखड़ा, और उस ने लोहे, पीतर, मिट्टी, चान्दी, और सोने को चूर चूर किया, इसी रीति महान् परमेश्वर ने राजा को जताया है कि इसके बाद क्या क्या होनेवाला है। न स्वप्न में और न उसके फल में कुछ सन्देह है।।
मत्ती 24:6, प्रकाशितवाक्य 1:1, प्रकाशितवाक्य 1:19, प्रकाशितवाक्य 4:1, प्रकाशितवाक्य 22:6, मत्ती 21:44
45. Inasmuch as thou sawest that the stone was cut out of the mountain without hands, and that it broke in pieces the iron, the brass, the clay, the silver, and the gold, the great God hath made known to the king what shall come to pass hereafter. And the dream is certain and the interpretation thereof sure.'
47. The king answered unto Daniel and said, 'In truth it is, that your God is a God of gods and a Lord of kings, and a revealer of secrets, seeing thou couldest reveal this secret.'
49. तब दानिरयेल के बिनती करने से राजा ने शद्रक, मेशक, और अबेदनगो को बाबुल के प्रान्त के कार्य के ऊपर नियुक्त कर दिया; परन्तु दानिरयेल आप ही राजा के दरबार में रहा करता था।।
49. Then Daniel requested of the king, and he set Shadrach, Meshach, and Abednego over the affairs of the province of Babylon; but Daniel sat in the gate of the king.