12. और नदी के दोनों तीरों पर भांति भांति के खाने योग्य फलदाई पृक्ष उपजेंगे, जिनके पत्ते न मुर्झाएंगे और उनका फलना भी कभी बन्द न होगा, क्योंकि नदी का जल पवित्रा स्थान से तिकला है। उन में महीने महीने, नये नये फल लगेंगे। उनके फल तो खाने के, ओर पत्ते औषधि के काम आएंगे।
प्रकाशितवाक्य 22:2-14-19
12. And by the river upon its bank, on this side and on that side, shall grow all trees for food, whose leaf shall not fade, neither shall its fruit be consumed: it shall bring forth new fruit according to its months, because their waters they issued out of the sanctuary: and its fruit shall be for food, and its leaf for medicine.