Ezekiel - यहेजकेल 40 | View All

1. हमारी बंधुआई के पच्चीसवें वर्ष अर्थात् यरूशलेम नगर के ले लिए जाने के बाद चौदहवें वर्ष के पहिले महीने के दसवें दिन को, यहोवा की शक्ति मुझ पर हुई, और उस ने मुझे वहां पहुंचाया।

1. আমাদের নির্ব্বাসের পঞ্চবিংশ বৎসরে, বৎসরের আরম্ভে, মাসের দশম দিনে, অর্থাৎ নগর নিপাতিত হইবার পরে চতুর্দ্দশ বৎসরের সেই দিবসে, সদাপ্রভু আমার উপরে হস্তার্পণ করিলেন, ও আমাকে সেই স্থানে উপস্থিত করিলেন।

2. अपने दर्शनों में परमेश्वर ने मुझे इस्राएल के देश में पहुंचाया और वहां एक बहुत ऊंचे पहाड़ पर खड़ा किया, जिस पर दक्खिन ओर मानो किसी नगर का आकार था।
प्रकाशितवाक्य 21:10

2. তিনি ঈশ্বরীয় দর্শনযোগে আমাকে ইস্রায়েল-দেশে উপস্থিত করিলেন, ও অতিশয় উচ্চ কোন এক পর্ব্বতে বসাইলেন; তাহার উপরে দক্ষিণদিকে যেন এক নগরের গাঁথনি ছিল।

3. जब वह मुझे वहां ले गया, तो मैं ने क्या देखा कि पीतल का रूप घरे हुए और हाथ में सन का फीता और मापने का बांस लिए हुए एक पुरूष फाटक में खड़ा है।
प्रकाशितवाक्य 11:1, प्रकाशितवाक्य 21:15

3. তিনি আমাকে সেই স্থানে লইয়া গেলেন, আর দেখ, এক পুরুষ; তাঁহার আভা পিত্তলের আভার ন্যায়, তাঁহার হস্তে কার্পাসের এক রজ্জু ও পরিমাণার্থক এক নল ছিল, এবং তিনি দ্বারে দাঁড়াইয়া ছিলেন।

4. उस पुरूष ने मुझ से कहा, हे मनुष्य के सन्तान, अपनी आंखों से देख, और अपने कानों से सुन; और जो कुछ मैं तुझे दिखाऊंगा उस सब पर ध्यान दे, क्योंकि तू इसलिये यहां पहुंचाया गया है कि मैं तुझे ये बातें दिखाऊं; और जो कुछ तू देखे वह इस्राएल के घराने को बताए।

4. পরে সেই পুরুষ আমাকে কহিলেন, হে মনুষ্য-সন্তান, আমি তোমাকে যাহা যাহা দেখাইব, সেই সকল তুমি স্বচক্ষে নিরীক্ষণ কর, স্বকর্ণে শ্রবণ কর ও তাহাতে তোমার চিত্ত নিবেশ কর, কেননা আমি যেন তোমাকে সে সকল দেখাই, সেই জন্যই তুমি এই স্থানে আনীত হইলে; তুমি যাহা যাহা দেখিবে, তাহা সকলই ইস্রায়েল-কুলকে জ্ঞাত করিও।

5. और देखो, भवन के बाहर चारों ओर एक भीत थी, और उस पुरूष के हाथ में मापने का बांस था, जिसकी लम्बाई ऐसे छेहाथ की थी जो साधारण हाथों से चौवा भर अधिक है; सो उस ने भीत की मोटाई मापकर बांस भर की पाई, फिर उसकी ऊंचाई भी मापकर बांस भर की पाई।
प्रकाशितवाक्य 21:15

5. আর দেখ, গৃহের বাহিরে চারিদিকে এক প্রাচীর, আর সেই পুরুষের হস্তে পরিমাণার্থক এক নল, তাহা ছয় হস্ত দীর্ঘ, ইহার প্রত্যেক হস্ত এক হস্ত চারি অঙ্গুলি পরিমিত। পরে তিনি ভিত্তির বেধ এক নল ও উচ্চতা এক নল মাপিলেন।

6. तब वह उस फाटक के पास आया जिसका मुंह पूर्व की ओर था, और उसकी सीढ़ी पर चढ़कर फाटक की दोनों डेवढ़ियों की चौड़ाई मापकर एक एक बांस भर की पाई।

6. পরে তিনি পূর্ব্বাভিমুখ দ্বারে আসিলেন, তাহার সোপান দিয়া উঠিলেন, এবং দ্বারের গোবরাট মাপিলেন; তাহার প্রস্থ এক নল পরিমিত; এবং অন্য গোবরাট, তাহার প্রস্থ এক নল পরিমিত।

7. और पहरेवाली कोटरियां बांस भर लम्बी और बांस भर चौड़ी थी; और दो कोठरियों का अन्तर पांच हाथ का था; और फाटक की डेवढ़ी जो फाटक के ओसारे के पास भवन की ओर थी, वह भी बांस भर की थी।

7. আর প্রত্যেক বাসা দীর্ঘে এক নল ও প্রস্থে এক নল পরিমিত; এক এক বাসার মধ্যে পাঁচ পাঁচ হস্ত ব্যবধান ছিল; এবং দ্বারের বারাণ্ডার পার্শ্বে গৃহের দিকে দ্বারের গোবরাট এক নল পরিমিত ছিল।

8. तब उस ने फाटक का वह ओसारा जो भवन के साम्हने था, मापकर बांस भर का पाया।

8. আর তিনি গৃহের দিকে দ্বারের বারাণ্ডা এক নল মাপিলেন।

9. और उस ने फाटक का ओसारा मापकर आठ हाथ का पाया, और उसके खम्भे दो दो हाथ के पाए, और फाटक का ओसारा भवन के साम्हने था।

9. পরে তিনি দ্বারের বারাণ্ডা আট হস্ত এবং তাহার উপস্তম্ভ সকল দুই হস্ত মাপিলেন; দ্বারের বারাণ্ডা গৃহের দিকে ছিল।

10. और पूव फाटक की दोनों ओर तीन तीन पहरेवाली कोठरियां थीं जो सब एक ही माप की थीं, और दोनों ओर के खम्भे भी एक ही माप के थे।

10. আর পূর্ব্বাভিমুখ দ্বারের বাসা এক পার্শ্বে তিনটী, অন্য পার্শ্বেও তিনটী ছিল; তিনের একই পরিমাণ ছিল; এবং এপার্শ্বে ওপার্শ্বে স্থিত উপস্তম্ভ সকলেরও একই পরিমাণ ছিল।

11. फिर उस न फाटक के द्वार की चौड़ाई मापकर दस हाथ की पाई; और फाटक की लम्बाई मापकर तेरह हाथ की पाई।

11. পরে তিনি দ্বারের প্রবেশস্থানের প্রস্থ দশ হস্ত মাপিলেন; আর দ্বারের দীর্ঘতা তের হস্ত পরিমিত ছিল।

12. और दोनों ओर की पहरेवाली कोठरियों के आगे हाथ भर का स्थान था और दोनों ओर कोठरियां छेछे हाथ की थीं।

12. আর বাসা সকলের সম্মুখে এক হস্ত পরিমিত প্রান্ত ছিল; এবং অন্য পার্শ্বেও এক হস্ত পরিমিত প্রান্ত ছিল; এবং প্রত্যেক বাসা এক পার্শ্বে ছয় হস্ত পরিমিত, এবং অন্য পার্শ্বে ছয় হস্ত পরিমিত ছিল।

13. फिर उस ने फाटक को एक ओर की पहरेवाली कोठरी की छत से लेकर दूसरी ओर की पहरेवाली कोठरी की छत तक मापकर पच्चीस हाथ की दूरी पाई, और द्वार आम्हने- साम्हने थे।

13. পরে তিনি এক বাসার ছাদ অবধি অপর বাসার ছাদ পর্য্যন্ত দ্বারের প্রস্থ পঁচিশ হস্ত মাপিলেন, এক প্রবেশ-দ্বার অপর প্রবেশ-দ্বারের সম্মুখে ছিল।

14. फिर उस ने साठ हाथ के खम्भे मापे, और आंगन, फाटक के आस पास, खम्भों तक था।

14. পরে তিনি উপস্তম্ভ সকল ষাট হস্ত করিলেন; এবং প্রাঙ্গণ উপস্তম্ভগুলি পর্য্যন্ত বিস্তৃত হইল, তাহার চারিদিকে দ্বার ছিল।

15. ओर फाटक के बाहरी द्वार के आगे से लेकर उसके भीतरी ओसारे के आगे तक पचास हाथ का अन्तर था।

15. আর প্রবেশস্থানে দ্বারের অগ্রদেশ হইতে অন্তঃস্থ দ্বারের বারাণ্ডায় অগ্রদেশ পর্য্যন্ত পঞ্চাশ হস্ত ছিল।

16. और पहरेवाली कोठरियों में, और फाटक के भीतर चारों ओर कोठरियों के बीच के खम्भे के बीच बीच में झिलमिलीदार खिड़कियां थी, और खम्भों के ओसारे में भी वैसी ही थी; और फाटक के भीतर के चारों ओर खिड़कियां थीं; और हर एक खम्भे पर खजूर के पेड़ खुदे हुए थे।

16. আর দ্বারের ভিতরে সর্ব্বদিকে বাসা সকলের ও তাহার উপস্তম্ভ সকলের জালবদ্ধ বাতায়ন ছিল, এবং তাহার মণ্ডপ সকলে তদ্রূপ ছিল; বাতায়ন সকল ভিতরে চারিদিকে ছিল; এবং উপস্তম্ভ সকলে খর্জ্জুর বৃক্ষের আকৃতি ছিল।

17. तब वह मुझे बाहरी आंगन में ले गया; और उस आंगन के चारों ओर कोठरियां थीं; और एक फर्श बना हुआ था; जिस पर तीस कोठरियां बनी थीं।

17. পরে তিনি আমাকে বহিঃপ্রাঙ্গণে আনিলেন; আর দেখ, সেই স্থানে অনেক কুঠরী ও চারিদিকে প্রাঙ্গণের জন্য নির্ম্মিত ও প্রস্তরবাঁধা ভূমি; সেই প্রস্তরবাঁধা ভূমির উপরে ত্রিশ কুঠরী।

18. और यह फर्श अर्थात् निचला फर्श फाटकों से लगा हुआ था और उनकी लम्बाई के अनुसार था।

18. সেই প্রস্তরবাঁধা ভূমি দ্বার সকলের বগলে দ্বারের দৈর্ঘ্যানুযায়ী ছিল, ইহা নিম্নতর প্রস্তরবাঁধা ভূমি।

19. फिर उस ने निचले फाटक के आगे से लेकर भीतरी आंगन के बाहर के आगे तक मापकर सौ हाथ पाए; वह पूर्व और उत्तर दोनों ओर ऐसा ही था।

19. পরে তিনি দ্বারের নিম্নতন অগ্রদেশ হইতে অন্তঃপ্রাঙ্গণের অগ্রদেশ পর্য্যন্ত বাহিরে প্রস্থ মাপিলেন, পূর্ব্বদিকে ও উত্তরদিকে তাহা এক শত হস্ত।

20. तब बाहरी आंगन के उत्तरमुखी फाटक की लम्बाई और चौड़ाई उस ने मापी।

20. পরে তিনি বহিঃপ্রাঙ্গণের উত্তরাভিমুখ দ্বারের দীর্ঘতা ও প্রস্থ মাপিলেন।

21. और उसकी दोनों ओर तीन तीन पहरेवााली कोठरियां थीं, और इसके भी खम्भों के ओसारे की माप पहिले फाटक के अनुसार थी; इसकी लम्बाई पचास और चौड़ाई पच्चीस हाथ की थी।

21. তাহার বাসা এক পার্শ্বে তিনটী ও অন্য পার্শ্বে তিনটী, এবং তাহার উপস্তম্ভ ও মণ্ডপ সকলের পরিমাণ প্রথম দ্বারের পরিমাণের তুল্য; দীর্ঘে পঞ্চাশ হস্ত ও প্রস্থে পঁচিশ হস্ত।

22. और इसकी भी खिड़कियों और खम्भों के ओसारे और खजूरों की माप पूर्वमुखी फाटक की सी थी; और इस पर चढ़ने को सात सीढ़ियां थीं; और उनके साम्हने इसका ओसारा था।

22. আর তাহার বাতায়ন, মণ্ডপ ও খর্জ্জুরাকৃতি সকল পূর্ব্বাভিমুখ দ্বারের পরিমাণানুরূপ ছিল, লোকেরা সাতটী ধাপ দিয়া তাহাতে আরোহণ করিত; তৎসম্মুখে তাহার মণ্ডপ ছিল।

23. और भीतरी आंगन की उत्तर और पूर्व ओर दूसरे फाटकों के साम्हने फाटक थे और उस ने फाटकों की दूरी मापकर सौ हाथ की पाई।

23. আর উত্তরদ্বারের ও পূর্ব্বদ্বারের সম্মুখে অন্তঃপ্রাঙ্গণের দ্বার ছিল; তিনি এক দ্বার হইতে অন্য দ্বার পর্য্যন্ত এক শত হস্ত মাপিলেন।

24. फिर वह मुझे दक्खिन ओर ले गया, और दक्खिन ओर एक फाटक था; और उस ने इसके खम्भे और खम्भों का ओसारा मापकर इनकी वैसी ही माप पाई।

24. পরে তিনি আমাকে দক্ষিণদিকে লইয়া গেলেন, আর দেখ, দক্ষিণদিকে এক দ্বার; আর তিনি তাহার উপস্তম্ভ ও মণ্ডপ সকল মাপিলেন, তাহার পরিমাণ পূর্ব্বোক্ত পরিমাণের তুল্য।

25. और उन खिड़कियों की नाई इसके और इसके खम्भों के ओसारों के चारों ओर भी खिड़कियां थीं; इसकी भी लम्बाई पचास और चौड़ाई पच्चीस हाथ की थी।

25. আর পূর্ব্বোক্ত বাতায়নের ন্যায় চারিদিকে তাহার ও তাহার মণ্ডপ সকলেরও বাতায়ন ছিল; দীর্ঘে পঞ্চাশ হস্ত ও প্রস্থে পঁচিশ হস্ত।

26. और इस में भी चढ़ने के लिये सात सीढ़ियां थीं और उनके साम्हने खम्भों का ओसारा था; और उसके दोनों ओर के खम्भों पर खजूर के पेड़ खुदे हुए थे।

26. আর তাহাতে আরোহণ করিবার সাতটী ধাপ ছিল, ও সেগুলির সম্মুখে তাহার মণ্ডপ ছিল; এবং তাহার উপস্তম্ভে এক দিকে এক, ও অন্য দিকে এক, এইরূপ দুই খর্জ্জুরাকৃতি ছিল।

27. और दक्खिन ओर भी भीतरी आंगन का एक फाटक था, और उस ने दक्खिन ओर के दोनों फाटकों की दूरी मापकर सौ हाथ की पाई।

27. আর দক্ষিণদিকে অন্তঃপ্রাঙ্গণের এক দ্বার ছিল; পরে তিনি দক্ষিণাভিমুখ এক দ্বার হইতে অন্য দ্বার পর্য্যন্ত এক শত হস্ত মাপিলেন।

28. तब वह दक्खिनी फाटक से होकर मुझे भीतरी आंगन में ले गया, और उस ने दक्खिनी फाटक को मापकर वैसा ही पाया।

28. পরে তিনি আমাকে দক্ষিণদ্বার দিয়া অন্তঃপ্রাঙ্গণের মধ্যে আনিলেন; এবং পূর্ব্বোক্ত পরিমাণ অনুসারে দক্ষিণদ্বার মাপিলেন।

29. अर्थात् इसकी भी पहरेवाली कोठरियां, और खम्भे, और खम्भों का ओसारा, सब वैसे ही थे; और इसके और इसके खम्भों के ओसारे के भी चारों ओर भी खिड़कियां थीं; और इसकी लम्बाई पचास और चौड़ाई पच्चीस हाथ की थी।

29. আর তাহার বাসা, উপস্তম্ভ ও মণ্ডপ সকল ঐ পরিমাণের অনুরূপ ছিল; এবং চারিদিকে তাহার ও তাহার মণ্ডপের বাতায়ন ছিল; [দ্বার] দীর্ঘে পঞ্চাশ হস্ত, ও প্রস্থে পঁচিশ হস্ত।

30. और इसके चारों ओर के खम्भों का ओसार भी पच्चीस हाथ लम्बा, और पचास हाथ चौड़ा था।

30. আর চারিদিকে মণ্ডপ ছিল, তাহা পঁচিশ হস্ত দীর্ঘ ও পাঁচ হস্ত প্রস্থ।

31. और इसका खम्भों का ओसारा बाहरी आंगन की ओर था, और इसके खम्भों पर भी खजूर के पेड़ खुदे हुए थे, और इस पर चढ़ने को आठ सीढ़ियां थीं।

31. আর তাহার মণ্ডপগুলি বহিঃপ্রাঙ্গণের পার্শ্বে, এবং তাহার উপস্তম্ভে খর্জ্জুরাকৃতি ছিল; এবং তাহার আরোহণীর আটটী ধাপ।

32. फिर वह पुरूष मुझे पूर्व की ओर भीतरी आंगन में ले गया, और उस ओर के फाटक को मापकर वैसा ही पाया।

32. পরে তিনি আমাকে পূর্ব্বদিকে অন্তঃপ্রাঙ্গণের মধ্যে আনিলেন; এবং ঐ পরিমাণ অনুসারে দ্বার মাপিলেন।

33. और इसकी भी पहरेवाली कोठरियां और खम्भे और खम्भों का ओसारा, सब वैसे ही थे; और इसके और इसके खम्भों के ओसारे के चारों ओर भी खिड़कियां थीं; इसकी लम्बाई पचास और चौड़ाई पच्चीस हाथ की थी।

33. তাহার বাসা, উপস্তম্ভ ও মণ্ডপগুলি ঐ পরিমাণের অনুরূপ ছিল; এবং চারিদিকে তাহার ও তাহার মণ্ডপের বাতায়ন ছিল; দীর্ঘে পঞ্চাশ হস্ত ও প্রস্থে পঁচিশ হস্ত।

34. इसका ओसारा भी बाहरी आंगन की ओर था, और उसके दोनों ओर के खम्भों पर खजूर के पेड़ खुदे हुए थे; और इस पर भी चढ़ने को आठ सीढ़ियां थीं।

34. আর তাহার মণ্ডপগুলি বহিঃপ্রাঙ্গণের পার্শ্বে ছিল, এবং এদিকে ওদিকে তাহার উপস্তম্ভে খর্জ্জুরাকৃতি ছিল, এবং তাহার আরোহণীর আটটী ধাপ।

35. फिर उस पुरूष ने मुझे उत्तरी फाटक के पास ले जाकर उसे मापा, और उसकी भी माप वैसी ही पाई।

35. পরে তিনি আমাকে উত্তরদ্বারে আনিলেন; এবং ঐ পরিমাণ অনুসারে তাহা মাপিলেন।

36. उसके भी पहरेवाली कोठरियां और खम्भे और उनका ओसारा था; और उसके भी चारों ओर खिड़कियां थीं; उसकी लम्बाई पचास और चौड़ाई पच्चीस हाथ की थी।

36. তাহার বাসা, উপস্তম্ভ ও মণ্ডপগুলি এবং চারিদিকে বাতায়ন ছিল; দীর্ঘে পঞ্চাশ হস্ত ও প্রস্থে পঁচিশ হস্ত।

37. उसके खम्भे बाहरी आंगन की ओर थे, और उन पर भी दोनों ओर खजूर के पेड़ खुदे हुए थे; और उस में चढ़ने को आठ सीढ़ियां थीं।

37. তাহার উপস্তম্ভগুলি বহিঃপ্রাঙ্গণের পার্শ্বে, এবং এদিকে ওদিকে উপস্তম্ভে খর্জ্জুরাকৃতি ছিল; এবং তাহার আরোহণীর আটটী ধাপ।

38. फिर फाटकों के पास के खम्भों के निकट द्वार समेत कोठरी थी, जहां होमबलि धोया जाता था।

38. দ্বার সকলের উপস্তম্ভের নিকটে দ্বারযুক্ত এক এক কুঠরী ছিল; তথায় লোকেরা হোমবলি ধৌত করিত।

39. और होमबलि, पापबलि, और दोषबलि के पशुओं के वध करने के लिये फाटक के ओसारे के पास उसके दोनों ओर दो दो मेज़ें थीं।

39. আর দ্বারের বারাণ্ডায় এদিকে দুই মেজ, ওদিকে দুই মেজ ছিল, তাহার নিকটে হোমার্থক, পাপার্থক, ও দোষার্থক বলি হনন করা হইত।

40. और फाटक की एक बाहरी अलंग पर अर्थात् उत्तरी फाटक के द्वार की चढ़ाई पर दो मेज़ें थीं; और उसकी दूसरी बाहरी अलंग पर भी, जो फाटक के ओसारे के पास थी, दो मेजें थीं।

40. আর [দ্বারের] বগলে বাহিরে উত্তরদ্বারের প্রবেশস্থানে আরোহণীর কাছে দুই মেজ ছিল, আবার দ্বারের বারাণ্ডার পার্শ্ববর্ত্তী অন্য বগলে দুই মেজ ছিল।

41. फाटक की दोनों अलंगों पर चार चार मेजें थीं, सो सब मिलकर आठ मेज़ें थीं, जो बलिपशु वध करने के लिये थीं।

41. দ্বারের বগলে এদিকে চারি মেজ, ওদিকে চারি মেজ ছিল; সর্ব্বশুদ্ধ আট মেজ, তদুপরি [বলি] হনন করা হইত।

42. फिर होमबलि के लिये तराशे हुए पत्थर की चार मेज़ें थीं, जो डेढ़ हाथ लम्बी, डेढ़ हाथ चौड़ी, और हाथ भर ऊंची थीं; उन पर होमबलि और मेलबलि के पशुओं को वध करने के हथियार रखे जाते थे।

42. আর হোমবলির জন্য চারি মেজ ছিল, তাহা তক্ষিত প্রস্তরে নির্ম্মিত, এবং দেড় হস্ত দীর্ঘ, দেড় হস্ত প্রস্থ ও এক হস্ত উচ্চ ছিল; হোমবলির ও অন্য বলির পশু যদ্দ্বারা হনন করা হইত, সেই সকল অস্ত্র তথায় রাখা যাইত।

43. भीतर चारों ओर चौवे भर की अंकड़ियां लगी थीं, और मेज़ों पर चढ़ावे का मांस रखा हुआ था।

43. আর চারি চারি অঙ্গুলি দীর্ঘ আঁকড়া চারিদিকে ভিত্তিতে মারা ছিল, এবং মেজ সকলের উপরে উপহারের মাংস রাখা যাইত।

44. और भीतरी आंगन की उत्तरी फाटक की अलंग के बाहर गानेवालों की कोठरियां थीं जिनके द्वार दक्खिन ओर थे; और पूव फाटक की अलंग पर एक कोठरी थी, जिसका द्वार उत्तर ओर था।

44. আর ভিতরের দ্বারের বাহিরে অন্তঃপ্রাঙ্গণে গায়কদের কুঠরী সকল ছিল, একটী ছিল উত্তরদ্বারের বগলে, সেটী দক্ষিণাভিমুখ; আর একটী ছিল পূর্ব্বদ্বারের বগলে, সেটী উত্তরাভিমুখ।

45. उस ने मुझ से कहा, यह कोठरी, जिसका द्वार दक्खिन की ओर है, उन याजकों के लिये है जो भवन की चौकसी करते हैं,

45. পরে তিনি আমাকে কহিলেন, যে যাজকেরা গৃহের রক্ষণীয় রক্ষা করে, এই দক্ষিণাভিমুখ কুঠরী তাহাদের হইবে।

46. और जिस कोठरी का द्वार उत्तर ओर है, वह उन याजकों के लिये है जो वेदी की चौकसी करते हैं; ये सादोक की सन्तान हैं; और लेवियों में से यहोवा की सेवा टहल करने को केवल ये ही उसके समीप जाते हैं।

46. আর যে যাজকেরা যজ্ঞবেদির রক্ষণীয় রক্ষা করে, এই উত্তরাভিমুখ কুঠরী তাহাদের হইবে। ইহারা সাদোকের সন্তান, লেবির সন্তানদের মধ্যে ইহারাই সদাপ্রভুর পরিচর্য্যার্থে তাঁহার নিকটবর্ত্তী হয়।

47. फिर उस ने आंगन को मापकर उसे चौकोना अर्थात् सौ हाथ लम्बा और सौ हाथ चौड़ा पाया; और भवन के साम्हने वेदी थी।
प्रकाशितवाक्य 11:1

47. পরে তিনি সেই প্রাঙ্গণ মাপিলেন, তাহা এক শত হস্ত দীর্ঘ ও এক শত হস্ত প্রস্থ, চারিদিকে সমান ছিল; যজ্ঞবেদি গৃহের সম্মুখে ছিল।

48. फिर वह मुझे भवन के ओसारे में ले गया, और ओसारे के दोनों ओर के खम्भों को मापकर पांच पांच हाथ का पाया; और दोनों ओर फाटक की चौड़ाई तीन तीन हाथ की थी।

48. পরে তিনি আমাকে গৃহের বারাণ্ডায় লইয়া গিয়া সেই বারাণ্ডার উপস্তম্ভগুলি মাপিলেন; প্রত্যেকটী এদিকে পাঁচ হস্ত, ওদিকে পাঁচ হস্ত পরিমিত; এবং দ্বারের প্রস্থ এদিকে তিন হস্ত, ওদিকে তিন হস্ত পরিমিত ছিল।

49. ओसारे की लम्बाई बीस हाथ और चौड़ाई ग्यारह हाथ की थी; और उस पर चढ़ने को सीढ़ियां थीं; और दोनों ओर के खम्भों के पास लाटें थीं।

49. বারাণ্ডার দীর্ঘতা বিংশতি হস্ত ও প্রস্থ একাদশ হস্ত ছিল; এবং দশ ধাপ দিয়া লোকে তাহাতে উঠিত; আর উপস্তম্ভের নিকটে এদিকে এক স্তম্ভ, ওদিকে এক স্তম্ভ ছিল।



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