Ezekiel - यहेजकेल 40 | View All

1. हमारी बंधुआई के पच्चीसवें वर्ष अर्थात् यरूशलेम नगर के ले लिए जाने के बाद चौदहवें वर्ष के पहिले महीने के दसवें दिन को, यहोवा की शक्ति मुझ पर हुई, और उस ने मुझे वहां पहुंचाया।

1. It was the twenty-fifth year since the people of Israel were taken away to a strange land, at the beginning of the year, on the tenth of the month, and fourteen years since Jerusalem was taken in battle. On that day the hand of the Lord was upon me and He brought me there.

2. अपने दर्शनों में परमेश्वर ने मुझे इस्राएल के देश में पहुंचाया और वहां एक बहुत ऊंचे पहाड़ पर खड़ा किया, जिस पर दक्खिन ओर मानो किसी नगर का आकार था।
प्रकाशितवाक्य 21:10

2. In a special way God brought me into the land of Israel and set me on a very high mountain. There were some buildings on its south side that looked like a city.

3. जब वह मुझे वहां ले गया, तो मैं ने क्या देखा कि पीतल का रूप घरे हुए और हाथ में सन का फीता और मापने का बांस लिए हुए एक पुरूष फाटक में खड़ा है।
प्रकाशितवाक्य 11:1, प्रकाशितवाक्य 21:15

3. He took me there, and I saw a man who looked like he was made of brass. In his hand was a linen rope and a stick to find how long something is. He was standing at the gate.

4. उस पुरूष ने मुझ से कहा, हे मनुष्य के सन्तान, अपनी आंखों से देख, और अपने कानों से सुन; और जो कुछ मैं तुझे दिखाऊंगा उस सब पर ध्यान दे, क्योंकि तू इसलिये यहां पहुंचाया गया है कि मैं तुझे ये बातें दिखाऊं; और जो कुछ तू देखे वह इस्राएल के घराने को बताए।

4. And the man said to me, 'Son of man, look with your eyes, hear with your ears, and think about all I am going to show you. For you have been brought here so that I may show it to you. Tell the people of Israel everything you see.'

5. और देखो, भवन के बाहर चारों ओर एक भीत थी, और उस पुरूष के हाथ में मापने का बांस था, जिसकी लम्बाई ऐसे छेहाथ की थी जो साधारण हाथों से चौवा भर अधिक है; सो उस ने भीत की मोटाई मापकर बांस भर की पाई, फिर उसकी ऊंचाई भी मापकर बांस भर की पाई।
प्रकाशितवाक्य 21:15

5. I saw a wall all around the outside of the house of the Lord. The stick in the man's hand was six arm-lengths long (with the width of a hand being added to the length of each arm). And with it he showed that the wall was one stick wide and one stick high.

6. तब वह उस फाटक के पास आया जिसका मुंह पूर्व की ओर था, और उसकी सीढ़ी पर चढ़कर फाटक की दोनों डेवढ़ियों की चौड़ाई मापकर एक एक बांस भर की पाई।

6. Then he went up the steps of the east gate, and showed me with his stick that the gateway was one stick wide, and the other gate was also one stick wide.

7. और पहरेवाली कोटरियां बांस भर लम्बी और बांस भर चौड़ी थी; और दो कोठरियों का अन्तर पांच हाथ का था; और फाटक की डेवढ़ी जो फाटक के ओसारे के पास भवन की ओर थी, वह भी बांस भर की थी।

7. The rooms for the watchmen were each one stick long and one stick wide, and they were five arm-lengths apart. And the gateway next to the porch toward the Lord's house was one stick wide.

8. तब उस ने फाटक का वह ओसारा जो भवन के साम्हने था, मापकर बांस भर का पाया।

8. Then he showed me with his stick that the porch of the inside gate was one-tenth stick wide.

9. और उस ने फाटक का ओसारा मापकर आठ हाथ का पाया, और उसके खम्भे दो दो हाथ के पाए, और फाटक का ओसारा भवन के साम्हने था।

9. The porch of the gate was eight arm-lengths and its side pillars two arm-lengths wide. The porch of the gate was on the inside.

10. और पूव फाटक की दोनों ओर तीन तीन पहरेवाली कोठरियां थीं जो सब एक ही माप की थीं, और दोनों ओर के खम्भे भी एक ही माप के थे।

10. There were three rooms for the watchmen on each side of the east gate. They all had the same length and width. And the pillars on each side were the same in width.

11. फिर उस न फाटक के द्वार की चौड़ाई मापकर दस हाथ की पाई; और फाटक की लम्बाई मापकर तेरह हाथ की पाई।

11. Then he showed me that the opening of the gateway was ten arm-lengths wide and thirteen arm-lengths long.

12. और दोनों ओर की पहरेवाली कोठरियों के आगे हाथ भर का स्थान था और दोनों ओर कोठरियां छेछे हाथ की थीं।

12. There was a wall one-tenth armlength wide in front of the watchmen's rooms on each side. And the watchmen's rooms were six arm-lengths wide and six arm-lengths long.

13. फिर उस ने फाटक को एक ओर की पहरेवाली कोठरी की छत से लेकर दूसरी ओर की पहरेवाली कोठरी की छत तक मापकर पच्चीस हाथ की दूरी पाई, और द्वार आम्हने- साम्हने थे।

13. Then he showed me that it was twenty-five arm-lengths from the roof of one room to the roof of the room across from it.

14. फिर उस ने साठ हाथ के खम्भे मापे, और आंगन, फाटक के आस पास, खम्भों तक था।

14. He showed me that it was twenty arm-lengths around the walls inside the gateway, up to the porch facing the open space.

15. ओर फाटक के बाहरी द्वार के आगे से लेकर उसके भीतरी ओसारे के आगे तक पचास हाथ का अन्तर था।

15. It was fifteen arm-lengths from the front of the outer gate to the front of the porch of the inner gate.

16. और पहरेवाली कोठरियों में, और फाटक के भीतर चारों ओर कोठरियों के बीच के खम्भे के बीच बीच में झिलमिलीदार खिड़कियां थी, और खम्भों के ओसारे में भी वैसी ही थी; और फाटक के भीतर के चारों ओर खिड़कियां थीं; और हर एक खम्भे पर खजूर के पेड़ खुदे हुए थे।

16. There were narrow windows looking toward the watchmen's rooms and toward their side pillars, all around inside the gate and also in the porches. And pictures of palm trees were cut on each side pillar.

17. तब वह मुझे बाहरी आंगन में ले गया; और उस आंगन के चारों ओर कोठरियां थीं; और एक फर्श बना हुआ था; जिस पर तीस कोठरियां बनी थीं।

17. Then he brought me into the outer open space, and I saw rooms and a stone floor all around it. Thirty rooms were around the stone floor.

18. और यह फर्श अर्थात् निचला फर्श फाटकों से लगा हुआ था और उनकी लम्बाई के अनुसार था।

18. The lower stone floor was beside the gates, and was as wide as the gates.

19. फिर उस ने निचले फाटक के आगे से लेकर भीतरी आंगन के बाहर के आगे तक मापकर सौ हाथ पाए; वह पूर्व और उत्तर दोनों ओर ऐसा ही था।

19. Then he showed me how far it was from the inside of the lower gate to the outside of the inner open space. Both east and north sides were 100 arm-lengths each.

20. तब बाहरी आंगन के उत्तरमुखी फाटक की लम्बाई और चौड़ाई उस ने मापी।

20. He then showed me the length and width of the north gate of the outer open space.

21. और उसकी दोनों ओर तीन तीन पहरेवााली कोठरियां थीं, और इसके भी खम्भों के ओसारे की माप पहिले फाटक के अनुसार थी; इसकी लम्बाई पचास और चौड़ाई पच्चीस हाथ की थी।

21. It had three rooms on each side for the watchmen. Its side pillars and porches were as long and as wide as the first gate. It was as long as fifty arm-lengths, and as wide as twenty-five arm-lengths.

22. और इसकी भी खिड़कियों और खम्भों के ओसारे और खजूरों की माप पूर्वमुखी फाटक की सी थी; और इस पर चढ़ने को सात सीढ़ियां थीं; और उनके साम्हने इसका ओसारा था।

22. Its windows, its porches, and palm tree pictures were the same length and width as those of the east gate. Seven steps led up to it, and its porch was in front of them.

23. और भीतरी आंगन की उत्तर और पूर्व ओर दूसरे फाटकों के साम्हने फाटक थे और उस ने फाटकों की दूरी मापकर सौ हाथ की पाई।

23. Across from the north gate was another gate leading to the inner open space, just as there was for the east gate. He showed me that it was 100 arm-lengths from gate to gate.

24. फिर वह मुझे दक्खिन ओर ले गया, और दक्खिन ओर एक फाटक था; और उस ने इसके खम्भे और खम्भों का ओसारा मापकर इनकी वैसी ही माप पाई।

24. Then he led me to the south, and I saw a gate toward the south. He showed me the length and width of its side pillars and its porches, and they were the same as the others.

25. और उन खिड़कियों की नाई इसके और इसके खम्भों के ओसारों के चारों ओर भी खिड़कियां थीं; इसकी भी लम्बाई पचास और चौड़ाई पच्चीस हाथ की थी।

25. The gate and its porches had windows like the others all around and was as long as fifty arm-lengths and as wide as twenty-five arm-lengths.

26. और इस में भी चढ़ने के लिये सात सीढ़ियां थीं और उनके साम्हने खम्भों का ओसारा था; और उसके दोनों ओर के खम्भों पर खजूर के पेड़ खुदे हुए थे।

26. Seven steps led up to it, and its porches were in front of them. And it had pictures of palm trees on its side pillars, one on each side.

27. और दक्खिन ओर भी भीतरी आंगन का एक फाटक था, और उस ने दक्खिन ओर के दोनों फाटकों की दूरी मापकर सौ हाथ की पाई।

27. The open space had a gate toward the south. He showed me that it was 100 arm-lengths from gate to gate toward the south.

28. तब वह दक्खिनी फाटक से होकर मुझे भीतरी आंगन में ले गया, और उस ने दक्खिनी फाटक को मापकर वैसा ही पाया।

28. Then he brought me to the inner open space by the south gate, and showed me that this gate had the same width as the others.

29. अर्थात् इसकी भी पहरेवाली कोठरियां, और खम्भे, और खम्भों का ओसारा, सब वैसे ही थे; और इसके और इसके खम्भों के ओसारे के भी चारों ओर भी खिड़कियां थीं; और इसकी लम्बाई पचास और चौड़ाई पच्चीस हाथ की थी।

29. Its watchmen's rooms, side pillars and porches were also the same as the others and had windows all around. It was as long as fifty arm-lengths and as wide as twenty-five arm-lengths.

30. और इसके चारों ओर के खम्भों का ओसार भी पच्चीस हाथ लम्बा, और पचास हाथ चौड़ा था।

30. (There were porches all around, as long as twenty-five arm-lengths and five arm-lengths wide)

31. और इसका खम्भों का ओसारा बाहरी आंगन की ओर था, और इसके खम्भों पर भी खजूर के पेड़ खुदे हुए थे, और इस पर चढ़ने को आठ सीढ़ियां थीं।

31. and its porches were toward the outer open space. Pictures of palm trees were on its side pillars, and leading up to it were eight steps.

32. फिर वह पुरूष मुझे पूर्व की ओर भीतरी आंगन में ले गया, और उस ओर के फाटक को मापकर वैसा ही पाया।

32. Then he brought me to the inner open space toward the east. He showed me that it was as wide as the others.

33. और इसकी भी पहरेवाली कोठरियां और खम्भे और खम्भों का ओसारा, सब वैसे ही थे; और इसके और इसके खम्भों के ओसारे के चारों ओर भी खिड़कियां थीं; इसकी लम्बाई पचास और चौड़ाई पच्चीस हाथ की थी।

33. Its watchmen's rooms, side pillars and porches were also the same as the others and, there were windows all around which were as long as fifty arm-lengths and as wide as twenty-five arm-lengths.

34. इसका ओसारा भी बाहरी आंगन की ओर था, और उसके दोनों ओर के खम्भों पर खजूर के पेड़ खुदे हुए थे; और इस पर भी चढ़ने को आठ सीढ़ियां थीं।

34. Its gateway was toward the outer open space. Pictures of palm trees were on its side pillars, on each side. And going up to it were eight steps.

35. फिर उस पुरूष ने मुझे उत्तरी फाटक के पास ले जाकर उसे मापा, और उसकी भी माप वैसी ही पाई।

35. Then he brought me to the north gate, and showed me that it was the same width as the others.

36. उसके भी पहरेवाली कोठरियां और खम्भे और उनका ओसारा था; और उसके भी चारों ओर खिड़कियां थीं; उसकी लम्बाई पचास और चौड़ाई पच्चीस हाथ की थी।

36. Its watchmen's rooms, side pillars and porches were also the same as the others. There were windows all around and it was as long as fifty arm-lengths and as wide as twentyfive arm-lengths.

37. उसके खम्भे बाहरी आंगन की ओर थे, और उन पर भी दोनों ओर खजूर के पेड़ खुदे हुए थे; और उस में चढ़ने को आठ सीढ़ियां थीं।

37. Its side pillars were toward the outer open space. Pictures of palm trees were on its side pillars, on each side. And going up to it were eight steps.

38. फिर फाटकों के पास के खम्भों के निकट द्वार समेत कोठरी थी, जहां होमबलि धोया जाता था।

38. There was a room with its door by the side pillars, where the burnt gifts were washed.

39. और होमबलि, पापबलि, और दोषबलि के पशुओं के वध करने के लिये फाटक के ओसारे के पास उसके दोनों ओर दो दो मेज़ें थीं।

39. And there were two tables on each side of the porch. On these tables the animals were killed for the burnt gifts, the sin gifts, and the guilt gifts.

40. और फाटक की एक बाहरी अलंग पर अर्थात् उत्तरी फाटक के द्वार की चढ़ाई पर दो मेज़ें थीं; और उसकी दूसरी बाहरी अलंग पर भी, जो फाटक के ओसारे के पास थी, दो मेजें थीं।

40. On the outer side of the gateway, by the north gate, were two tables. And there were two tables on the other side of the gate.

41. फाटक की दोनों अलंगों पर चार चार मेजें थीं, सो सब मिलकर आठ मेज़ें थीं, जो बलिपशु वध करने के लिये थीं।

41. So there were four tables on each side of the gateway, eight tables in all, where they killed the animals for the altar.

42. फिर होमबलि के लिये तराशे हुए पत्थर की चार मेज़ें थीं, जो डेढ़ हाथ लम्बी, डेढ़ हाथ चौड़ी, और हाथ भर ऊंची थीं; उन पर होमबलि और मेलबलि के पशुओं को वध करने के हथियार रखे जाते थे।

42. There were four tables for the burnt gifts. They were made of cut stone, and were one-and-a-half arm-lengths long, one-and-a-half armlength wide, and one arm-length high. The objects used for killing the animals for the burnt gifts were kept on these stone tables.

43. भीतर चारों ओर चौवे भर की अंकड़ियां लगी थीं, और मेज़ों पर चढ़ावे का मांस रखा हुआ था।

43. Hooks as long as a man's hand hung on the wall all around. The tables were for the meat of the burnt gifts.

44. और भीतरी आंगन की उत्तरी फाटक की अलंग के बाहर गानेवालों की कोठरियां थीं जिनके द्वार दक्खिन ओर थे; और पूव फाटक की अलंग पर एक कोठरी थी, जिसका द्वार उत्तर ओर था।

44. Then he brought me from the outside into the inner open space and there were two rooms for the singers. One was at the side of the north gate which faced the south, and the other was at the side of the south gate which faced the north.

45. उस ने मुझ से कहा, यह कोठरी, जिसका द्वार दक्खिन की ओर है, उन याजकों के लिये है जो भवन की चौकसी करते हैं,

45. And he said to me, 'This room which faces the south is for the religious leaders who take care of the Lord's house.

46. और जिस कोठरी का द्वार उत्तर ओर है, वह उन याजकों के लिये है जो वेदी की चौकसी करते हैं; ये सादोक की सन्तान हैं; और लेवियों में से यहोवा की सेवा टहल करने को केवल ये ही उसके समीप जाते हैं।

46. The room which faces the north is for the religious leaders who take care of the altar. These are the sons of Zadok, who are the only Levites who may come near the Lord to do His work.'

47. फिर उस ने आंगन को मापकर उसे चौकोना अर्थात् सौ हाथ लम्बा और सौ हाथ चौड़ा पाया; और भवन के साम्हने वेदी थी।
प्रकाशितवाक्य 11:1

47. He showed me that the inner open space was as long as 100 arm-lengths and as wide as 100 arm-lengths, the same on all four sides. And the altar was in front of the Lord's house.

48. फिर वह मुझे भवन के ओसारे में ले गया, और ओसारे के दोनों ओर के खम्भों को मापकर पांच पांच हाथ का पाया; और दोनों ओर फाटक की चौड़ाई तीन तीन हाथ की थी।

48. Then he brought me to the porch of the Lord's house. He showed me that each side pillar of the porch was five arm-lengths wide. And each side of the gate was three arm-lengths wide.

49. ओसारे की लम्बाई बीस हाथ और चौड़ाई ग्यारह हाथ की थी; और उस पर चढ़ने को सीढ़ियां थीं; और दोनों ओर के खम्भों के पास लाटें थीं।

49. The porch was as long as twenty arm-lengths, and six steps wide. Ten steps led up to it, and there was one pillar on each side.



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