Ezekiel - यहेजकेल 36 | View All

1. फिर हे मनुष्य के सन्तान, तू इस्राएल के पहाड़ों से भविष्यद्वाणी करके कह, हे इस्राएल के पहाड़ो, यहोवा का वचन सुनो।

1. আর, হে মনুষ্য-সন্তান, তুমি ইস্রায়েলের পর্ব্বতগণের কাছে ভাববাণী বল, তুমি বল, হে ইস্রায়েলের পর্ব্বতগণ, সদাপ্রভুর বাক্য শুন।

2. परमेश्वर यहोवा यों कहता है, शत्रु ने तो तुम्हारे विषय में कहा है, आहा ! प्राचीनकाल के ऊंचे स्थान अब हमारे अधिकार में आ गए।

2. প্রভু সদাপ্রভু এই কথা কহেন, শত্রু তোমাদের বিরুদ্ধে বলিয়াছে, ‘বাহবা!’ আর, ‘সেই চিরন্তন উচ্চস্থলী সকল আমাদের অধিকার হইল;’

3. इस कारण भविष्यद्वाणी करके कह, परमेश्वर यहोवा यों कहता हे, लोगों ने जो तुम्हें उजाड़ा और चारों ओर से तुम्हें ऐसा निगल लिया कि तुम बची हुई जातियों का अधिकार हो जाओ, और लुतरे तुम्हारी चर्चा करते और साधारण लोग तुम्हारी निन्दा करते हैं;

3. এই জন্য তুমি ভাববাণী বল, তুমি বল, প্রভু সদাপ্রভু এই কথা কহেন, লোকেরা তোমাদিগকে জাতিগণের অবশিষ্ট অংশের অধিকার করণার্থে ধ্বংস ও চারিদিকে গ্রাস করিয়াছে, এবং তোমার বাচালদের ওষ্ঠগত ও লোকদের নিন্দার আস্পদ হইয়াছ;

4. इस कारण, हे इस्राएल के पहाड़ो, परमेश्वर यहोवा का वचन सुनो, परमेश्वर यहोवा तुम से यों कहता है, अर्थात् पहाड़ों और पहाड़ियों से और नालों और तराइयों से, और उजड़े हुए खण्डहरों और निर्जन नगरों से जो चारों ओर की बची हुई जातियों से लुट गए और उनके हंसने के कारण हो गए हैं;

4. এই জন্য, হে ইস্রায়েলের পর্ব্বতগণ, তোমরা প্রভু সদাপ্রভুর বাক্য শুন; প্রভু সদাপ্রভু সেই পর্ব্বত, উপপর্ব্বত, জলপ্রবাহ ও উপত্যকা সকলকে এবং সেই ধ্বংসিত কাঁথড়া ও পরিত্যক্ত নগর সকলকে এই কথা কহেন, তোমরা চারিদিকের জাতিগণের অবশিষ্ট অংশের লুটদ্রব্য ও হাস্যের পাত্র হইয়াছ;

5. परमेश्वर यहोवा यों कहता है, निश्चय मैं ने अपनी जलन की आग में बची हुई जातियों के और सारे एदोम के विरूद्ध में कहा है कि जिन्हों ने मेरे देश को अपने मन के पूरे आनन्द और अभिमान से अपने अधिकार में किया है कि वह पराया होकर लूटा जाए।

5. এই জন্য প্রভু সদাপ্রভু এই কথা কহেন, নিশ্চয়ই আমি সেই জাতিগণের অবশিষ্ট অংশের বিরুদ্ধে, বিশেষতঃ সমস্ত ইদোমের বিরুদ্ধে আমার অন্তর্জ্বালার অগ্নিতেই কথা কহিয়াছি, কেননা তাহারা তাহাদের সমস্ত চিত্তের হর্ষে ও প্রাণের অবজ্ঞায় লুটের আশায় শূন্য করণার্থে আমার দেশ আপনাদের অধিকার বলিয়া নিরূপণ করিয়াছে।

6. इस कारण इस्राएल के देश के विषय में भविष्यद्वाणी करके पहाड़ों, पहाड़ियों, नालों, और तराइयों से कह, परमेश्वर यहोवा यों कहता है, देखो, तुम ने जातियों की निन्दा सही है, इस कारण मैं अपनी बड़ी जलजलाहट से बोला हूँ।

6. অতএব তুমি ইস্রায়েল-ভূমির বিষয়ে ভাববাণী বল, এবং সেই পর্ব্বত, উপপর্ব্বত, জলপ্রবাহ ও উপত্যকা সকলকে বল, প্রভু সদাপ্রভু এই কথা কহেন, দেখ, আমি আমার অন্তর্জ্বালায় ও আমার কোপে বলিয়াছি, তোমরা জাতিগণের কাছে অপমান বহন করিয়াছ;

7. परमेश्वर यहोवा यों कहता है, मैं ने यह शपथ खाई है कि निेसन्देह तुम्हारे चारों ओर जो जातियां हैं, उनको अपनी निन्दा आप ही सहनी पड़ेगी।

7. এই জন্য প্রভু সদাপ্রভু এই কথা কহেন, আমি নিজ হস্ত তুলিয়া শপথ করিয়াছি, তোমাদের চারিদিকে যে জাতিগণ আছে, তাহারাই নিশ্চয় আপনাদের অপমান বহন করিবে।

8. परन्तु, हे इस्राएल के पहाड़ो, तुम पर डालियां पनपेंगी और उनके फल मेरी प्रजा इस्राएल के लिये लगेंगे; क्योंकि उसका लौट आना निकट है।

8. কিন্তু হে ইস্রায়েলের পর্ব্বতগণ, তোমরা আপনাদের শাখা বাড়াইয়া আমার প্রজা ইস্রায়েলকে আপন আপন ফল দিবে, কেননা তাহাদের আগমন সন্নিকট।

9. और देखो, मैं तुम्हारे पक्ष में हूँ, और तुम्हारी ओर कृपादृष्टि करूंगा, और तुम जोते- बोए जाओगे;

9. কারণ দেখ, আমি তোমাদের সপক্ষ; এবং আমি তোমাদের প্রতি ফিরিব, তাহাতে তোমাদিগেতে চাষ ও বীজবপন হইবে।

10. और मैं तुम पर बहुत मनुष्य अर्थात् इस्राएल के सारे घराने को बसाऊंगा; और नगर फिर बसाए और खण्डहर फिर बनाएं जाएंगे।

10. আর আমি তোমাদের উপরে মনুষ্যদিগকে, সমস্ত ইস্রায়েল-কুলকে, তাহার সকলকেই বহুসংখ্যক করিব; আর নগর সকল বসতিবিশিষ্ট হইবে, এবং ধ্বংসিত স্থান সকল নির্ম্মিত হইবে।

11. और मैं तुम पर मनुष्य और पशु दोनों को बहुत बढ़ाऊंगा; और वे बढ़ेंगे और फूलें- फलेंगे; और मैं तुम को प्राचीनकाल की नाई बसाऊंगा, और पहिले से अधिक तुम्हारी भलाई करूंगा। तब तुम जान लोगे कि मैं यहोवा हूँ।

11. আর আমি তোমাদের উপরে মনুষ্য ও পশুকে বহুসংখ্যক করিব, তাহাতে তাহারা বর্দ্ধিষ্ণু ও বহুপ্রজ হইবে; এবং আমি তোমাদিগকে পূর্ব্বকালের ন্যায় বসতিস্থান করিব, এবং তোমাদের আদিম দশা অপেক্ষা অধিক মঙ্গল তোমাদিগকে দিব; তাহাতে তোমরা জানিবে যে, আমিই সদাপ্রভু।

12. और मैं ऐसा करूंगा कि मनुष्य अर्थत् मेरी प्रजा इस्राएल तुम पर चल- फिरेगी; और वे तुम्हारे स्वामी होंगे, और तुम उनका निज भाग होंगे, और वे फिर तुम्हारे कारण निर्वश न हो जाएंगे।

12. আমি তোমাদের উপর দিয়া মনুষ্যদিগকে, আমার প্রজা ও ইস্রায়েলকে, যাতায়াত করাইব; তাহারা তোমাকে ভোগ করিবে, ও তুমি তাহাদের অধিকার ভূমি হইবে, এখন হইতে তাহাদিগকে আর সন্তানবিহীন করিবে না।

13. परमेश्वर यहोवा यों कहता हे, जो लोग तुम से कहा करते हैं, कि तू मनुष्यों का खानेवाला है, और अपने पर बसी हुई जाति को तिर्वश कर देता है,

13. প্রভু সদাপ্রভু এই কথা কহেন, তাহারা তোমাকে মনুষ্যগ্রাসক ও নিজ জাতির সন্তাননাশক বলে;

14. सो फिर तू मनुष्यों को न खएगा, और न अपने पर बसी हुई जाति को निर्वश करेगा, परमेश्वर यहोवा की यही वाणी है।

14. এই জন্য তুমি আর মনুষ্যদিগকে গ্রাস করিবে না, এবং তোমার জাতিকে আর সন্তানবিহীন করিবে না, ইহা প্রভু সদাপ্রভু বলেন।

15. और मैं फिर जाति- जाति के लोगों से तेरी निन्दा न सुनवाऊंगा, और तुझे जाति- जाति की ओर से फिर नामधराई न सहनी पड़ेगी, और तुझ पर बसी हुई जाति को तू फिर ठोकर न खिलाएगा, परमेश्वर यहोवा की यही वाणी है।

15. আমি তোমাকে আর জাতিগণের অপমান-বাক্য শুনাইব না, তুমি আর লোকদিগের টিটকারির ভার বহন করিবে না, এবং তোমার জাতির বিঘ্ন আর জন্মাইবে না, ইহা প্রভু সদাপ্রভু বলেন।

16. फिर यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा,

16. আর সদাপ্রভুর এই বাক্য আমার নিকটে উপস্থিত হইল,

17. हे मनुष्य के सन्तान, जब इस्राएल का घराना अपने देश में रहता था, तब अपनी चालचलन और कामों के द्वारा वे उसको अशुद्ध करते थे; उनकी चालचलन मुझे ऋतुमती की अशुद्धता सी जान पड़ती थी।

17. হে মনুষ্য-সন্তান, ইস্রায়েল-কুল যখন আপনাদের ভূমিতে বাস করিত, তখন আপন আপন আচরণ ও ক্রিয়া দ্বারা তাহা অশুচি করিত; তাহাদের আচরণ আমার দৃষ্টিতে স্ত্রীলোকের পৃথক্‌স্থিতিকালীন অশৌচের তুল্য বোধ হইল।

18. सो जो हत्या उन्हों ने देश में की, और देश को अपनी मूरतों के द्वारा अशुद्ध किया, इसके कारण मैं ने उन पर अपनी जलजलाहट भड़काई।

18. অতএব সেই দেশে তাহাদের সেচিত রক্ত প্রযুক্ত, এবং তাহাদের পুত্তলিগণ দ্বারা দেশ অশুচি করণ প্রযুক্ত, আমি তাহাদের উপরে আপন কোপ সেচন করিলাম।

19. और मैं ने उन्हें जाति- जाति में तितर- बितर किया, और वे देश देश में छितर गए; उनके चालचलन और कामों के अनुसार मैं ने उनको दण्ड दिया।

19. আর আমি তাহাদিগকে জাতিগণের মধ্যে ছিন্নভিন্ন করিলাম, এবং তাহারা নানা দেশে বিকীর্ণ হইল; তাহাদের আচরণ ও ক্রিয়ানুসারে আমি তাহাদের বিচার করিলাম।

20. परन्तु जब वे उन जातियों में पहुंचे जिन में वे पहुंचाए गए, तब उन्हों ने मेरे पवित्रा नाम को अपवित्रा ठहराया, क्योंकि लोग उनके विषय में यह कहने लगे, ये यहोवा की प्रजा हैं, पर्रनतु उसके देश से निकाले गए हैं।
रोमियों 2:24

20. আর তাহারা যেখানে গেল, সেইখানে জাতিগণের নিকটে গিয়া আমার পবিত্র নাম অপবিত্র করিল; কেননা লোকে তাহাদের বিষয়ে বলিত, উহারা সদাপ্রভুর প্রজা, এবং তাঁহারই দেশ হইতে বাহির হইয়াছে।

21. परन्तु मैं ने अपने पवित्रा नाम की सुधि ली, जिसे इस्राएल के घराने ने उन जातियों के बीच अपवित्रा ठहराया था, जहां वे गए थे।

21. কিন্তু আমি আমার সেই পবিত্র নামের অনুরোধে দয়ার্দ্র হইলাম, যাহা ইস্রায়েল-কুল, জাতিগণের মধ্যে যেখানে গিয়াছে, সেইখানে অপবিত্র করিয়াছে।

22. इस कारण तू इस्राएल के घराने से कह, परमेश्वर यहोवा यों कहता है, हे इस्राएल के घराने, मैं इस को तुम्हारे निमित्त नहीं, परन्तु अपने पवित्रा नाम के निमित्त करता हूँ जिसे तुम ने उन जातियों में अपवित्रा ठहराया जहां तुम गए थे।

22. অতএব তুমি ইস্রায়েল-কুলকে বল, প্রভু সদাপ্রভু এই কথা কহেন, হে ইস্রায়েল-কুল, আমি তোমাদের নিমিত্ত কার্য্য করিতেছি, তাহা নয়, কিন্তু আমার সেই পবিত্র নামের অনুরোধে কার্য্য করিতেছি, যাহা তোমরা যেখানে গিয়াছ, সেইখানে জাতিগণের মধ্যে অপবিত্র করিয়াছ।

23. और मैं अपने बड़े नाम को पवित्रा ठहराऊंगा, जो जातियों में अपवित्रा ठहराया गया, जिसे तुम ने उनके बीच अपवित्रा किया; और जब मैं उनकी दृष्टि में तुम्हारे बीच पवित्रा ठहरूंगा, तब वे जातियां जान लेगी कि मैं यहोवा हूँ, परमेश्वर यहोवा की यही वाणी है।
मत्ती 6:9

23. আমি আমার সেই মহৎ নাম পবিত্র করিব, যাহা জাতিগণের মধ্যে অপবিত্রীকৃত হইয়াছে, যাহা তোমরা তাহাদের মধ্যে অপবিত্র করিয়াছ; আর জাতিগণ জানিবে যে, আমিই সদাপ্রভু, যখন আমি তাহাদের সাক্ষাতে তোমাদিগেতে পবিত্র বলিয়া মান্য হইব, ইহা প্রভু সদাপ্রভু বলেন।

24. मैं तुम को जातियों में से ले लूंगा, और देशों में से इकट्ठा करूंगा; और तुम को तुम्हारे निज देश में पहुंचा दूंगा।

24. কারণ আমি জাতিগণের মধ্য হইতে তোমাদিগকে গ্রহণ করিব, দেশসমূহ হইতে তোমাদিগকে সংগ্রহ করিব, ও তোমাদেরই দেশে তোমাদিগকে উপস্থিত করিব।

25. मैं तुम पर शुद्ध जल छिड़कूंगा, और तुम शुद्ध हो जाओगे; और मैं तुम को तुम्हारी सारी अशुद्धता और मूरतों से शुद्ध करूंगा।
इब्रानियों 10:22

25. আর আমি তোমাদের উপরে শুচি জল প্রক্ষেপ করিব, তাহাতে তোমরা শুচি হইবে; আমি তোমাদের সকল অশৌচ হইতে ও তোমাদের সকল পুত্তলি হইতে তোমাদিগকে শুচি করিব।

26. मैं तुम को नया मन दूंगा, और तुम्हारे भीतर नई आत्मा उत्पन्न करूंगा; और तुम्हारी देह में से पत्थर का हृदय निकालकर तुम को मांस का हृदय दूंगा।
2 कुरिन्थियों 3:3

26. আর আমি তোমাদিগকে নূতন হৃদয় দিব, ও তোমাদের অন্তরে নূতন আত্মা স্থাপন করিব; আমি তোমাদের মাংস হইতে প্রস্তরময় হৃদয় দূর করিব, ও তোমাদিগকে মাংসময় হৃদয় দিব।

27. और मैं अपना आत्मा तुम्हारे भीतर देकर ऐसा करूंगा कि तुम मेरी विधियों पर चलोगे और मेरे नियमों को मानकर उनके अनुसार करोगे।
1 थिस्सलुनीकियों 4:8

27. আর আমার আত্মাকে তোমাদের অন্তরে স্থাপন করিব, এবং তোমাদিগকে আমার বিধিপথে চালাইব, তোমরা আমার শাসন সকল রক্ষা করিবে ও পালন করিবে।

28. तुम उस देश में बसोगे जो मैं ने तुम्हारे पितरों को दिया था; और तुम मेरी प्रजा ठहरोगे, और मैं तुम्हारा परमेश्वर ठहरूंगा।

28. আর আমি তোমাদের পিতৃপুরুষদিগকে যে দেশ দিয়াছি, সেই দেশে তোমরা বাস করিবে; আর তোমরা আমার প্রজা হইবে, এবং আমিই তোমাদের ঈশ্বর হইব।

29. और मैं तुम को तुम्हारी सारी अशुद्धता से छुड़ाऊंगा, और अन्न उपजने की आज्ञा देकर, उसे बढ़ाऊंगा और तुम्हारे बीच अकाल न डालूंगा।

29. আমি তোমাদের সমস্ত অশুচিতা হইতে তোমাদিগকে পরিত্রাণ করিব; এবং গোধূম আহ্বান করিয়া প্রচুর করিয়া দিব, তোমাদের উপরে দুর্ভিক্ষভার অর্পণ করিব না।

30. मैं वृक्षों के फल और खेत की उपज बढ़ाऊंगा, कि जातियों में अकाल के कारण फिर तुम्हारी नामधराई न होगी।

30. আমি বৃক্ষের ফল ও ক্ষেত্রোৎপন্ন দ্রব্য প্রচুর করিয়া দিব, যেন জাতিগণের মধ্যে তোমরা আর দুর্ভিক্ষজন্য টিটকারি ভোগ না কর।

31. तब तुम अपने बुरे चालचलन और अपने कामों को जो अच्छे नहीं थे, स्मरण करके अपने अधर्म और घिनौने कामों के कारण अपने आप से घृणा करोगे।

31. তখন তোমরা আপনাদের মন্দ আচরণ ও অসৎক্রিয়া সকল স্মরণ করিবে, এবং আপনাদের অপরাধ ও জঘন্য কার্য্য প্রযুক্ত আপনাদের দৃষ্টিতে আপনাদিগকে অতিশয় ঘৃণা করিবে।

32. परमेश्वर यहोवा की यह वाणी है, तुम जान जो कि मैं इसको तुम्हारे निमित्त नहीं करता। हे इस्राएल के घराने अपने चालचलन के विषय में लज्जित हो और तुम्हारा मुख काला हो जाए।

32. প্রভু সদাপ্রভু বলেন, তোমরা জানিও, আমি তোমাদের নিমিত্ত এ কার্য্য করিতেছি, তাহা নয়; হে ইস্রায়েল-কুল, তোমরা আপনাদের আচরণ প্রযুক্ত লজ্জিত ও বিষণ্ণ হও।

33. परमेश्वर यहोवा यों कहता है, जब मैं तुम को तुम्हारे सब अधर्म के कामों से शुद्ध करूंगा, तब तुम्हारे नगरों को बसाऊंगा; और तुम्हारे खण्डहर फिर बनाए जाएंगे।

33. প্রভু সদাপ্রভু এই কথা কহেন, যে দিন আমি তোমাদের সকল অপরাধ হইতে তোমাদিগকে শুচি করিব, সেই দিন নগর সকলকে বসতিবিশিষ্ট করিব, এবং উৎসন্ন স্থান সকল নির্ম্মিত হইবে।

34. और तुम्हारा देश जो सब आने जानेवालों के साम्हने उजाड़ है, वह उजाड़ होने की सन्ती जोता बोया जाएगा।

34. আর যে দেশ পথিক সকলের সাক্ষাতে ধ্বংসস্থান ছিল, সেই ধ্বংসিত দেশে কৃষিকার্য্য চলিবে।

35. और लोग कहा करेंगे, यह देश जो उजाड़ था, सो एदेन की बारी सा हो गया, और जो नगर खण्डहर और उजाड़ हो गए और ढाए गए थे, सो गढ़वाले हुए, और बसाए गए हैं।

35. আর লোকে বলিবে, এই ধ্বংসিত দেশ এদন উদ্যানের তুল্য হইল, এবং উচ্ছিন্ন, ধ্বংসিত ও উৎপাটিত নগর সকল প্রাচীরবেষ্টিত ও বসতিস্থান হইল।

36. तब जो जातियां तुम्हारे आस पास बची रहेंगी, सो जान लेंगी कि मुझ यहोवा ने ढाए हुए को फिर बनाया, और उजाड़ में पेड़ रोपे हैं, मुझ यहोवा ने यह कहा, और ऐसा ही करूंगा।

36. তখন তোমাদের চারিদিকে অবশিষ্ট জাতিগণ জানিতে পাইবে যে, আমি সদাপ্রভু উৎপাটিত স্থান সকল নির্ম্মাণ করিয়াছি, ও ধ্বংসিত স্থান উদ্যান করিয়াছি; আমি সদাপ্রভু ইহা বলিয়াছি, এবং ইহা সিদ্ধ করিব।

37. परमेश्वर यहोवा यों कहता है, इस्राएल के घराने में फिर मुझ से बिनती की जाएगी कि मैं उनके लिये यह करूं; अर्थात् मैं उन में मनुष्यों की गिनती झोड़- बकरियों की नाई बढ़ाऊं।

37. প্রভু সদাপ্রভু এই কথা কহেন, তাহাদের পক্ষে ইহা করিবার জন্য আমি ইস্রায়েল-কুলকে আমার কাছে অন্বেষণ করিতে দিব; আমি তাহাদিগকে মেষপালের ন্যায় মনুষ্যে বর্দ্ধিষ্ণু করিব।

38. जैसे पवित्रा समयों की भेड़- बकरियां, अर्थात्नियत पव के समय यरूशलेम में की भेड़- बकरियां अनगिनित होती हैं वैसे ही जो नगर अब खण्ढहर हैं वे अनगिनित मनुष्यों के झुण्डों से भर जाएंगे। तब वे जान लेंगे कि मैं यहोवा हूँ।

38. যেমন পবিত্র মেষপালে, যেমন যিরূশালেমের পর্ব্বসময়ের মেষপালে, তেমনি মনুষ্যপালে এই উচ্ছিন্ন নগর সকল পরিপূর্ণ হইবে; তাহাতে তাহারা জানিবে যে, আমিই সদাপ্রভু।



Shortcut Links
यहेजकेल - Ezekiel : 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 | 15 | 16 | 17 | 18 | 19 | 20 | 21 | 22 | 23 | 24 | 25 | 26 | 27 | 28 | 29 | 30 | 31 | 32 | 33 | 34 | 35 | 36 | 37 | 38 | 39 | 40 | 41 | 42 | 43 | 44 | 45 | 46 | 47 | 48 |
उत्पत्ति - Genesis | निर्गमन - Exodus | लैव्यव्यवस्था - Leviticus | गिनती - Numbers | व्यवस्थाविवरण - Deuteronomy | यहोशू - Joshua | न्यायियों - Judges | रूत - Ruth | 1 शमूएल - 1 Samuel | 2 शमूएल - 2 Samuel | 1 राजाओं - 1 Kings | 2 राजाओं - 2 Kings | 1 इतिहास - 1 Chronicles | 2 इतिहास - 2 Chronicles | एज्रा - Ezra | नहेम्याह - Nehemiah | एस्तेर - Esther | अय्यूब - Job | भजन संहिता - Psalms | नीतिवचन - Proverbs | सभोपदेशक - Ecclesiastes | श्रेष्ठगीत - Song of Songs | यशायाह - Isaiah | यिर्मयाह - Jeremiah | विलापगीत - Lamentations | यहेजकेल - Ezekiel | दानिय्येल - Daniel | होशे - Hosea | योएल - Joel | आमोस - Amos | ओबद्याह - Obadiah | योना - Jonah | मीका - Micah | नहूम - Nahum | हबक्कूक - Habakkuk | सपन्याह - Zephaniah | हाग्गै - Haggai | जकर्याह - Zechariah | मलाकी - Malachi | मत्ती - Matthew | मरकुस - Mark | लूका - Luke | यूहन्ना - John | प्रेरितों के काम - Acts | रोमियों - Romans | 1 कुरिन्थियों - 1 Corinthians | 2 कुरिन्थियों - 2 Corinthians | गलातियों - Galatians | इफिसियों - Ephesians | फिलिप्पियों - Philippians | कुलुस्सियों - Colossians | 1 थिस्सलुनीकियों - 1 Thessalonians | 2 थिस्सलुनीकियों - 2 Thessalonians | 1 तीमुथियुस - 1 Timothy | 2 तीमुथियुस - 2 Timothy | तीतुस - Titus | फिलेमोन - Philemon | इब्रानियों - Hebrews | याकूब - James | 1 पतरस - 1 Peter | 2 पतरस - 2 Peter | 1 यूहन्ना - 1 John | 2 यूहन्ना - 2 John | 3 यूहन्ना - 3 John | यहूदा - Jude | प्रकाशितवाक्य - Revelation |

Explore Parallel Bibles
21st Century KJV | A Conservative Version | American King James Version (1999) | American Standard Version (1901) | Amplified Bible (1965) | Apostles' Bible Complete (2004) | Bengali Bible | Bible in Basic English (1964) | Bishop's Bible | Complementary English Version (1995) | Coverdale Bible (1535) | Easy to Read Revised Version (2005) | English Jubilee 2000 Bible (2000) | English Lo Parishuddha Grandham | English Standard Version (2001) | Geneva Bible (1599) | Hebrew Names Version | Hindi Bible | Holman Christian Standard Bible (2004) | Holy Bible Revised Version (1885) | Kannada Bible | King James Version (1769) | Literal Translation of Holy Bible (2000) | Malayalam Bible | Modern King James Version (1962) | New American Bible | New American Standard Bible (1995) | New Century Version (1991) | New English Translation (2005) | New International Reader's Version (1998) | New International Version (1984) (US) | New International Version (UK) | New King James Version (1982) | New Life Version (1969) | New Living Translation (1996) | New Revised Standard Version (1989) | Restored Name KJV | Revised Standard Version (1952) | Revised Version (1881-1885) | Revised Webster Update (1995) | Rotherhams Emphasized Bible (1902) | Tamil Bible | Telugu Bible (BSI) | Telugu Bible (WBTC) | The Complete Jewish Bible (1998) | The Darby Bible (1890) | The Douay-Rheims American Bible (1899) | The Message Bible (2002) | The New Jerusalem Bible | The Webster Bible (1833) | Third Millennium Bible (1998) | Today's English Version (Good News Bible) (1992) | Today's New International Version (2005) | Tyndale Bible (1534) | Tyndale-Rogers-Coverdale-Cranmer Bible (1537) | Updated Bible (2006) | Voice In Wilderness (2006) | World English Bible | Wycliffe Bible (1395) | Young's Literal Translation (1898) | Hindi Reference Bible |