20. फिर जब धम जन अपने धर्म से फिरकर कुटिल काम करने लगे, और मैं उसके साम्हने ठोकर रखूं, तो वह मर जाएगा, क्योंकि तू ने जो उसको नहीं चिताया, इसलिये वह अपने पाप में फंसा हुआ मरेगा; और जो धर्म के कर्म उस ने किए हों, उनकी सुधि न ली जाएगी, पर उसके खून का लेखा मैं तुझी से लूंगा।
20. আবার, কোন ধার্ম্মিক লোক যদি আপন ধার্ম্মিকতা হইতে ফিরিয়া অন্যায় করে, আর আমি তাহার সম্মুখে বিঘ্ন রাখি, তবে সে মরিবে; তুমি তাহাকে চেতনা না দিলে সে নিজ পাপে মরিবে, এবং তাহার কৃত ধর্ম্মকর্ম্ম সকল আর স্মরণে আসিবে না; কিন্তু আমি তোমার হস্ত হইতে তাহার রক্তের প্রতিশোধ লইব।