Ezekiel - यहेजकेल 3 | View All

1. तब उस ने मुझ से कहा हे मनुष्य के सन्तान, जो तुझे मिला है उसे खा ले; अर्थात् इस पुस्तक को खा, तब जाकर इस्राएल के घराने से बातें कर।
प्रकाशितवाक्य 10:9

1. mariyu aayana naathoo eelaagu selavicchenu naraputrudaa, neeku kanabadinadaanini bhakshinchumu, ee granthamunu bhakshinchi ishraayeleeyulayoddhaku poyi vaariki prakatana cheyumu.

2. सो मैं ने मुंह खोला और उस ने वह पुस्तक पुझे खिला दी।

2. nenu noru teruvagaa aayana aa granthamu naaku thinipinchi

3. तब उस ने मुझ से कहा, हे मनुष्य के सन्तान, यह पुस्तक जो मैं तुझे देता हूँ उसे पचा ले, और अपनी अन्तड़ियां इस से भर ले। सो मैं ने उसे खा लिया; और मेरे मुंह में वह मधु के तुल्य मीठी लगी।

3. naraputrudaa, nenichuchunna yee granthamunu aahaaramugaa theesikoni daanithoo nee kadupu nimpukonumani naathoo selaviyyagaa nenu daani bhakshinchithini; adhi naa notiki thenevale madhuramugaa nundenu.

4. फिर उस ने मुझ से कहा, हे मनुष्य के सन्तान, तू इस्राएल के घराने के पास जाकर उनको मेरे वचन सुना।

4. mariyu aayana naathoo eelaagu selavicchenu naraputrudaa, neevu bayaludheri ishraayeleeyula yoddhaku poyi naa maatalu vaariki teliyajeppumu.

5. ैक्यांकि तू किसी अनोखी बोली वा कठिन भाषावाली जाति के पास नहीं भेजा जाता है, परन्तु इस्राएल ही के घराने के पास भेजा जाता है।

5. neevu grahimpaleni esamaatalu paluku janulayoddhaku kaadu ishraayeleeyulayoddhake ninnu pampuchunnaanu.

6. अनोखी बोली वा कठिन भाषावाली बहुत सी जातियों के पास जो तेरी बात समझ न सकें, तू नहीं भेजा जाता। निेसन्देह यदि मैं तुझे ऐसों के पास भेजता तो वे तेरी सुनते।

6. neevu grahimpaleni esamaatalu paluku anyajanulayoddhaku ninnu pamputaledu, attivaari yoddhaku nenu ninnu pampina yedala vaaru nee maatalu vinduru.

7. परन्तु इस्राएल के घरानेवाले तेरी सुनने से इनकार करेंगे; वे मेरी भी सुनने से इनकार करते हैं; क्योंकि इस्राएल का सारा घराना ढीठ और कठोर मन का है।

7. ayithe ishraayeleeyulandaru siggumaalina vaarunu kathinahrudayulunai, nenu cheppina maatala naalakimpanollaka yunnaaru ganuka nee maatalu vinanollaru.

8. देख, मैं तेरे मुख को उनके मुख के साम्हने, और तेरे माथे को उनके माथे के साम्हने, ढीठ कर देता हूँ।

8. idigo vaari mukhamuvalene nee mukhamunu kathinamainadhigaa nenu chesedanu, vaari nuduru valene nee nudurunu kathinamainadhigaa chesedanu.

9. मैं तेरे माथे को हीरे के तुल्य कड़ा कर दोता हूँ जो चकमक पत्थ्र से भी कड़ा होता है; सो तू उन से न डरना, और न उनके मुंह देखकर तेरा मन कच्चा हो; क्योंकि वे बलवई घराने के हैं।

9. nee nuduru chekumuki raathikante kathinamugaa undu vajramuvale chesedanu; vaariki bhayapadakumu, vaarandaru thirugu baatu cheyuvaarainanu vaarini chuchi jadiyakumu.

10. फिर उस ने मुझ से कहा, हे मनुष्य के सन्तान, :कितने वचन मैं तुझ से कहूँ, वे सब हृदय में रख और कानों से सुन।

10. mariyu naraputrudaa, cheviyoggi nenu neethoo cheppumaatalannitini chevulaara vini nee manassulo unchukoni

11. और उन बंधुओं के पास जाकर, जो तेरे जाति भाई हैं, उन से बातें करना और कहना, कि प्रभु यहोवा यों कहता है; चाहे वे सुनें, व न सुनें।

11. bayaludheri cheralonunna nee janula yoddhaku poyi yee maatalu prakatimpumu, vaaru vininanu vinakapoyinanu prabhuvaina yehovaa eelaagu selavichuchunnaadani cheppumani aayana naathoo selavicchenu.

12. तब आत्मा ने मुझे उठाया, और मैं ने अपने पीछे बड़ी घड़घड़ाहट के साथ एक शब्द सुना, कि यहोवा के भवन से उसका तेज धन्य है।

12. anthalo aatma nannetthikonipogaa yehovaa prabhaavamunaku sthootramu kalugunugaaka anu shabdamokati aayana yunna sthalamunundi aarbhaatamuthoo naa venuka palukuta nenu vintini.

13. और उसके साथ ही उन जीवधारियों के पंखों का शब्द, जो एक दूसरे से लगते थे, और उनके संग के पहियों का शब्द और एक बड़ी ही घड़घड़ाहट सुन पड़ी।

13. mariyu aa janthuvula rekkalu oka daanikokati thagulutavalana kalugu chappudunu vaati prakkanunna chakramula dhvaniyu goppa sandadi jarugu chunnatlugaa naaku vinabadenu

14. सो आत्मा मुझे उठाकर ले गई, और मैं कठिन दु:ख से भरा हुआ, और मन में जलता हुआ चला गया; और यहोवा की शक्ति मुझ में प्रबल थी;

14. aatma nannetthi thoodu konipogaa naa manassunaku kaligina raudraagnichetha bahugaa vyaakulapaduchu kottukonipoyinappudu, yehovaa hasthamu naa meeda balamugaa vacchenu.

15. और मैं उन बंधुओं के पास आया जो कबार नदी के तीर पर तेलाबीब में रहते थे। और वहां मैं सात दिन तक उनके बीच व्याकुल होकर बैठा रहा।

15. nenu kebaaru nadhi daggara thelaabeebu anu sthalamandu kaapuramundu cherapattabadinavaari yoddhaku vachi, vaaru koorchunna sthalamandu koorchundi yemiyu cheppakayu kadalakayu nunnavaadanai yedu dinamulu vaari madhya nuntini.

16. सात दिन के व्यतीत होने पर यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा,

16. aa yedu dinamulu jarigina tharuvaatha yehovaa vaakku naaku pratyakshamai yeelaagu selavicchenu

17. हे मनुष्य के सन्तान मैं ने तुझे इस्राएल के घराने के लिये पहरूआ नियुक्त किया है; तू मेरे मुंह की बात सुनकर, उन्हें मेरी ओर से चिताना।
इब्रानियों 13:17

17. naraputrudaa, ishraayeleeyulaku kaavaligaa nenu ninnu niyaminchiyunnaanu, kaabatti neevu naa notimaata aalakinchi nenu cheppinadaaninibatti vaarini heccharika cheyumu.

18. जब मैं दुष्ट से कहूं कि तू निश्चय मरेगा, और यदि तू उसको न चिताए, और न दुष्ट से ऐसी बात कहे जिस से कि वह सचेत हो और अपना दुष्ट मार्ग छोड़कर जीवित रहे, तो वह दुष्ट अपने अधर्म में फंसा हुआ मरेगा, परन्तु उसके खून का लेखा मैं तुझी से लूंगा।

18. avashyamugaa neevu marana mavuduvani nenu durmaarguni goorchi aagna iyyagaa neevu athanini heccharika cheyakayu, athadu jeevinchunatlu thana durmaargathanu vidichi pettavalenani vaanini heccharika cheyakayu nundinayedala aa durmaargudu thaanu chesina doshamunubatti maranamavunu gaani athani rakthamunaku ninnu uttharavaadhigaa enchudunu.

19. पर यदि तू दुष्ट को चिताए, और वह अपनी दुष्टता ओर दुष्ट पार्ग से न फिरे, तो वह तो अपने अधर्म में फंसा हुआ मर जाएगा; परन्तु तू अपने प्राणों को बचाएगा।

19. ayithe neevu durmaarguni heccharika cheyagaa athadu thana durmaargathanundi dush‌kriyalanundiyu maralaniyedala athadu thana doshamunubatti maranamavunu gaani neevu (aatmanu) thappinchukonduvu.

20. फिर जब धम जन अपने धर्म से फिरकर कुटिल काम करने लगे, और मैं उसके साम्हने ठोकर रखूं, तो वह मर जाएगा, क्योंकि तू ने जो उसको नहीं चिताया, इसलिये वह अपने पाप में फंसा हुआ मरेगा; और जो धर्म के कर्म उस ने किए हों, उनकी सुधि न ली जाएगी, पर उसके खून का लेखा मैं तुझी से लूंगा।

20. mariyu neethigalavaadu thana neethini vidichi durneethini anusarinchinanduna nenu athani mundhara abhyantharamu pettagaa athadu maranamagunu neevu athanini heccharika cheyani yedala poorvamu thaanu chesina neethi gnaapakamunaku raakunda athadu thana doshamunubatti marana mavunu, ayithe athani praanavishayamulo ninnu utthara vaadhigaa enchudunu.

21. परन्तु यदि तू धम को ऐसा कहकर चिताए, कि वह पाप न करे, और वह पाप से बच जाए, तो वह चितौनी को ग्रहण करने के कारण निश्चय जीवित रहेगा, और तू अपने प्राण को बचाएगा।

21. ayithepaapamu cheyavaladani neethigala vaanini neevu heccharikacheyagaa athadu heccharimpabadi paapamucheyaka maaninayedala athadu avashyamugaa bradukunu, nee mattuku neevunu (aatmanu) thappinchu konduvu.

22. फिर यहोवा की शक्ति वहीं मुझ पर प्रगट हुई, और उस ने मुझ से कहा, उठकर मैदान में जा; और वहां मैं तुझ से बातें करूंगा।

22. akkada yehovaa hasthamu naameediki vachi, neevu lechi maidaanapu bhoomiki vellumu, akkada nenu neethoo maatalaadudunani aayana naaku selavicchenu.

23. तब मैं उठकर मैदान में गया, और वहां क्या देखा, कि यहोवा का प्रताप जैसा मुझे कबार नदी के तीर पर, वैसा ही यहां भी दिखाई पड़ता है; और मैं मुंह के बल गिर पड़ा।

23. nenu lechi maidaanapu bhoomiki vellagaa, kebaarunadhi daggara yehovaa prabhaavamu naaku pratyakshamainattu aayana prabhaavamu niluvabadi naaku pratyaksha maayenu.

24. तब आत्मा ने मुझ में समाकर मुझे पांवों के बल खड़ा कर दिया; फिर वह मुझ से कहने लगा, जा अपने घर के भीतर द्वार बन्द करके बैठ रह।

24. nenu nelanu saagila padagaa aatma naalo praveshinchi nannu chakkagaa niluva bettina tharuvaatha yehovaa naathoo maatalaadi eelaagu selavicchenu naraputrudaa, vaaru nee meeda paashamuluvesi vaatithoo ninnu bandhimpabovuduru ganuka vaari yoddhaku vellaka yintikipoyi daagiyundumu.

25. और हे मनुष्य के सन्तान, देख; वे लोग तुझे रस्सियों से जकड़कर बान्ध रखेंगे, और तू निकलकर उनके बीच जाने नहीं पाएगा।

25. vaaru bahugaa thirugubaatu cheyuvaaru ganuka neevu maunivai vaarini gaddimpaka yundunatlu

26. और मैं तेरी जीभ तेरे तालू से लगाऊंगा; जिस से तू मौैन रहकर उनका डांटनेवाला न हो, क्योंकि वे बलवई घराने के हैं।

26. nenu nee naaluka nee angitiki antukona jesedanu.

27. परन्तु जब जब मैं तुझ से बातें करूं, तब तब तेरे मुंह को खोलूंगा, और तू उन से ऐसा कहना, कि प्रभु यहोवा यों कहता है, जो सुनता है वह सुन ले और जो नहीं सुनता वह न सुने, वे तो बलवई घराने के हैं ही।

27. ayithe nenu neethoo maatalaadi nee noru terachedanu, vaaru thirugubaatu cheyuvaaru ganuka neevu vaariyoddhaku poyivinuvaadu vinunugaaka vinanollanivaadu vinanollakayundunu gaaka ani prabhuvagu yehovaa selavichuchunnaadani vaarithoo cheppavalenu.



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