Ezekiel - यहेजकेल 16 | View All

1. फिर यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा,

1. AGAIN THE word of the Lord came to me, saying,

2. हे मनुष्य के सन्तान, यरूशलेम को उसके सब घृणित काम जता दे।

2. Son of man, cause Jerusalem to know, understand, and realize her [idolatrous] abominations [that they] are disgusting, detestable, and shamefully vile.

3. और उस से कह, हे यरूशलेम, प्रभु यहोवा तुझ से यों कहता है, तेरा जन्म और तेरी उत्पत्ति कनानियों के देश से हुई; तेरा पिता तो एमोरी और तेरी माता हित्तिन थी।

3. And say, Thus says the Lord God to Jerusalem [representing Israel]: Your [spiritual] origin and your birth are thoroughly Canaanitish; your [spiritual] father was an Amorite and your [spiritual] mother a Hittite. [Ezek. 16:45; John 8:44.]

4. और तेरा जन्म ऐसे हुआ कि जिस दिन तू जन्मी, उस दिन न तेरा नाल काटा गया, न तू शुठ्ठ होने के लिये धोई गई, न तेरे कुछ लोन मला गया और न तू कुछ कपड़ों में लमेटी गई।

4. And as for your birth, on the day you were born your navel cord was not cut, nor were you washed with water to cleanse you, nor rubbed with salt or swaddled with bands at all.

5. किसी की दयादृष्टि तुझ पर नहीं हुई कि इन कामों में से तेरे लिये एक भी काम किया जाता; वरन अपने जन्म के दिन तू घृणित होने के कारण खुले मैदान में फेंक दी गई थी।

5. No eye pitied you to do any of these things for you, to have compassion on you; but you were cast out in the open field, for your person was abhorrent and loathsome on the day that you were born.

6. और जब मैं तेरे पास से होकर निकला, और तुझे लोहू में लोटते हुए देखा, तब मैं ने तुझ से कहा, हे नोहू में लोटती हुई जीवित रह; हां, तुझ ही से मैं ने कहा, हे लोहू मे लोटती हुई, जीवित रह।

6. And when I passed by you and saw you rolling about in your blood, I said to you in your blood, Live! Yes, I said to you still in your natal blood, Live!

7. फिर मैं ने तुझे खेत के बिरूले की नाई बढाया, और तू बढ़ते बढ़ते बड़ी हो गई और अति सुन्दर हो गई; तेरी छातियां सुडौल हुई, और तेरे बाल बढे; तौभी तू नंगी थी।

7. I caused you [Israel] to multiply as the bud which grows in the field, and you increased and became tall and you came to full maidenhood and beauty; your breasts were formed and your hair had grown, yet you were naked and bare.

8. मैं ने फिर तेरे पास से होकर जाते हुए तुझे देखा, और अब तू पूरी स्त्री हो गई थी; सो मैं ने तुझे अपना वस्त्रा ओढ़ाकर तेरा तन ढांप दिया; और सौगन्ध खाकर तुझ से पाचा बान्धी और तू मेरी हो गई, प्रभु यहोवा की यही वाणी है।

8. Now I passed by you again and looked upon you; behold, you were maturing and at the time for love, and I spread My skirt over you and covered your nakedness. Yes, I plighted My troth to you and entered into a covenant with you, says the Lord, and you became Mine.

9. तब मैं ने तुझे जल से नहलाकर तुझ पर से लोहू धो दिया, और तेरी देह पर तेल मला।

9. Then I washed you with water; yes, I thoroughly washed away your [clinging] blood from you and I anointed you with oil.

10. फिर मैं ने तुझे बूटेदार वस्त्रा और सूइसों के चमड़े की जूतियां पहिनाई; और तेरी कमर में सूक्ष्म सन बान्धा, और तुझे रेशमी कपड़ा ओढ़ाया।

10. I clothed you also with embroidered cloth and shod you with [fine seal] leather; and I girded you about with fine linen and covered you with silk.

11. तब मैं ने तेरा श्रृंगार किया, और तेरे हाथें में चूड़ियां और गले में तोड़ा पहिनाया।

11. I decked you also with ornaments and I put bracelets on your wrists and a chain on your neck.

12. फिर मैं ने तेरी नाक में नत्थ और तेरे कानों में बालियां पहिनाई, और तेरे सिर पर शोभायमान मुकुट धरा।

12. And I put a ring on your nostril and earrings in your ears and a beautiful crown upon your head!

13. तेरे आभूषण सोने चान्दी के और तेरे वस्त्रा सूक्ष्म सन, रेशम और बूटेदार कमड़े के बने; फिर तेरा भोजन मैदा, मधु और तेल हुआ; और तू अत्यन्त सुन्दर, वरन रानी होने के योग्य हो गई।

13. Thus you were decked with gold and silver, and your raiment was of fine linen and silk and embroidered cloth; you ate fine flour and honey and oil. And you were exceedingly beautiful and you prospered into royal estate.

14. और तेरी सुन्दरता की कीर्त्ति अन्यजातियों में फैल गई, क्योंकि उस प्रताप के कारण, जो मैं ने अपनी ओर से तुझे दिया था, तू अत्यन्त सुन्दर थी, प्रभु यहोवा की यही वाणी है।

14. And your renown went forth among the nations for your beauty, for it was perfect through My majesty and splendor which I had put upon you, says the Lord God.

15. परन्तु तू अपनी सुन्दरता पर भरोसा करके अपनी नामवरी के कारण व्यभिचार करने लगी, और सब यात्रियों के संग बहुत कुकर्म किया, और जो कोई तुझे चाहता था तू उसी से मिलती थी।

15. But you trusted in and relied on your own beauty and were unfaithful to God and played the harlot [in idolatry] because of your renown, and you poured out your fornications upon anyone who passed by [as you worshiped the idols of every nation which prevailed over you] and your beauty was his.

16. तू ने अपने वस्त्रा लेकर रंग बिरंग के ऊंचे स्थान बना लिए, और उन पर व्यभिचार किया, ऐसे कुकर्म किए जो न कभी हुए और न होंगे।

16. And you took some of your garments and made for yourself gaily decorated high places or shrines and played the harlot on them--things which should not come and that which should not take place.

17. और तू ने अपने सुशोभित गहने लेकर जो मेरे दिए हुए सोने- चान्दी के थे, उन से पुरूषों की मूरतें बना ली, और उन से भी व्यभिचार करने लगी;

17. You did also take your fair jewels and beautiful vessels of My gold and My silver which I had given you and made for yourself images of men, and you played the harlot with them;

18. और अपने बूटेदार वस्त्रा लेकर उनको पहिनाए, और मेरा तेल और मेरा धूप उनके साम्हने चढ़ाया।

18. And you took your embroidered garments and covered them and set My oil and My incense before them.

19. और जो भोजन मैं ने तुझे दिया था, अर्थात् जो मैदा, तेल और मधु मैं तुझे खिलाता था, वह सब तु ने उनके साम्हने सुखदायक सुगत्ध करके रखा; प्रभु यहोवा की यही वाणी है कि यों ही हुआ।

19. My bread also which I gave you--fine flour and oil and honey with which I fed you--you have even set it before the idols for a sweet odor. Thus it was, says the Lord God.

20. फिर तू ने अपने पुत्रा- पुत्रियां लेकर जिन्हें तू ने मेरे लिये जन्म दिया, उन मूरतों को नैवेद्य करके चढ़ाई। क्या तेरा व्सभिचार ऐसी छोटी बात थीं;

20. Moreover, you have taken your sons and your daughters whom you have borne to Me, and you have sacrificed them [to your idols] to be destroyed. Were your harlotries too little,

21. कि तू ने मेरे लड़केबाले उन मूरतों के आगे आग में चढ़ाकर घात किए हैं?

21. That you have slain My children and delivered them up, in setting them apart and causing them to pass through the fire for [your idols]?

22. और तू ने अपने सब घृणित कामों में और व्यभिचार करते हुए, अपने बचपन के दिनों की कभी सुधि न ली, जब कि तू नंगी अपने लोहू में लोटनी थी।

22. And in all your abominations and idolatrous whoredoms you have not [earnestly] remembered the days of your youth when you were naked and bare, rolling about in your natal blood.

23. और तेरी उस सारी बुराई के पीछे क्या हुआ?

23. And after all your wickedness--Woe, woe to you! says the Lord God--

24. प्रभु यहोवा की यह वाणी है, हाय, तुझ पर हाय ! कि तू ने एक गुम्मट बनवा लिया, और हर एक चौक में एक ऊंचा स्थान बनवा लिया;

24. You have built also for yourself a vaulted chamber (brothel) and have made a high place [of idol worship] in every street.

25. और एक एक सड़क के सिरे पर भी तू ने अपना ऊंचा स्थान बनवाकर अपनी सुन्दरता घृणित करा दी, और हर एक यात्री को कुकर्म के लिये बुलाकर महाव्यभिचारिणी हो गई।

25. At every crossway you built your high place [for idol worship] and have made your beauty an abomination [abhorrent, loathsome, extremely disgusting, and detestable]; and you have made your body available to every passerby and multiplied your [idolatry and spiritual] harlotry.

26. तू ने अपने पड़ोसी मिस्री लोगों से भी, जो मोटे- ताजे हैं, व्यभिचार किया और मुझे क्रोध दिलाने के लिये अपना व्यभिचार चढ़ाती गई।

26. You have also played the harlot with the Egyptians, your neighbors, [by adopting their idolatries] whose worship is thoroughly sensuous, and you have multiplied your harlotry to provoke Me to anger.

27. इस कारण मैं ने अपना हाथ तेरे विरूद्ध बढ़ाकर, तेरा प्रति दिन का खाना घटा दिया, और तेरी बैरिन पलिश्ती स्त्रियां जो तेरे महापाप की चाल से लजाती है, उनकी इच्छा पर मैं ने तुझे छोड़ दिया है।

27. Behold therefore, I have stretched out My hand against you, diminished your ordinary allowance of food, and delivered you over to the will of those who hate and despise you, the daughters of the Philistines, who turned away in shame from your despicable policy and lewd behavior [for they are faithful to their gods]!

28. फिर भी तेरी तृष्णा न बुझी, इसलिये तू ने अश्शूरी लोगों से भी व्यभिचार किया; और उन से व्यभिचार करने पर भी तेरी तृष्णा न बुझी।

28. You played the harlot also with the Assyrians because you were unsatiable; yes, you played the harlot with them, and yet you were not satisfied.

29. फिर तू लेन देन के देश में व्यभिचार करते करते कसदियों के देश तक पहुंची, और वहां भी तेरी तृष्णा न बुझी।

29. Moreover, you multiplied your harlotry with the land of trade, with Chaldea, and yet even with this you were not satisfied.

30. प्रभु यहोवा की यह वाणी है कि तेरा हृदय कैसा चंचल है कि तू ये सब काम करती है, जो निर्लज्ज वेश्या ही के काम हैं?

30. How weak and spent with longing and lust is your heart and mind, says the Lord God, seeing you do all these things, the work of a bold, domineering harlot,

31. तू ने हर एक सड़क के सिरे पर जो अपना गुम्मट, और हर चौक में अपना ऊंचा स्थान बनवाया है, क्या इसी में तू वेश्या के समान नहीं ठहरी? क्योंकि तू ऐसी कमाई पर हंसती है।

31. In that you build your vaulted place (brothel) at the head of every street and make your high place at every crossing. But you were not like a harlot because you scorned pay.

32. तू व्यभिचारिणी पत्नी है। तू पराये पुरूषों को अपने पति की सन्ती ग्रहण करती है।

32. Rather, you were as an adulterous wife who receives strangers instead of her husband!

33. सब वेश्याओं को तो रूपया मिलता है, परन्तु तू ने अपने सब मित्रों को स्वयं रूपए देकर, और उनको लालच दिखाकर बुलाया है कि वे चारों ओर से आकर तुझ से व्यभिचार करें।

33. Men give gifts to all harlots, but you give your gifts to all your lovers and hire them, bribing [the nations to ally themselves with you], that they may come to you on every side for your harlotries (your idolatrous unfaithfulnesses to God).

34. इस प्रकार तेरा व्यभिचार और व्यभिचारियों से उलटा है। तेरे पीछे कोई व्यभिचारी नहीं चलता, और तू किसी से दाम लेती नहीं, वरन तू ही देती है; इसी कारण तू उलटी ठहरी।

34. And you are different [the reverse] from other women in your harlotries, in that nobody follows you to lure you into harlotry and in that you give hire when no hire is given you; and so you are different.

35. इस कारण, हे वेश्या, यहोवा का वचन सुन,

35. Therefore, O harlot [Israel], hear the word of the Lord!

36. प्रभु यहोवा यों कहता है, कि तू ने जो व्यभिचार में अति निर्लज्ज होकर, अपनी देह अपने मित्रों को दिखाई, और अपनी मूरतों से घृणित काम किए, और अपने लड़केबालों का लोहू बहाकर उन्हें बलि चढ़ाया है,

36. Thus says the Lord God: Because your brass [coins and gifts] and your filthiness were emptied out and your nakedness uncovered through your harlotries with your lovers, and because of all the [filthy] idols of your abominations, and the blood of your children that you gave to them,

37. इस कारण देख, मैं तेरे सब मित्रों को जो तेरे प्रेमी हैं और जितनों से तू ने प्रीति लगाई, और जितनों से तू ने वैर रखा, उन सभों को चारों ओर से तेरे विरूद्ध इकट्ठा करके उनको तेरी देह नंगी करके दिखाऊंगा, और वे तेरा तन देखेंगे।

37. Therefore behold, I will gather all your lovers with whom you have taken pleasure, and all those whom you have loved with all those whom you have hated; I will even gather them [the allies you have courted] against you on every side and will uncover your nakedness to them, that they may see all your nakedness [making you, Israel, an object of loathing and of mockery, a spectacle among the nations].

38. तब मैं तुझ को ऐसा दण्ड दूंगा, जैसा व्यभिचारिणियों और लोहू बहानेवाली स्त्रियों को दिया जाता है; और क्रोध और जलन के साथ तेरा लोहू बहाऊंगा।

38. And I the Lord will judge you as women who break wedlock and shed blood are judged, and I will bring upon you the blood of [your divine Husband's] wrath and jealousy. [Num. 5:18.]

39. इस रीति मैं तुझे उनके वश में कर दूंगा, और वे तेरे गुम्मटों को ढा देंगे, और तेरे ऊंचे स्थानों को तोड़देंगे; वे तेरे वस्त्रा बरबस उतारेंगे, और तेरे सुन्दर गहने छीन लेंगे, और तुझे नंगा करके छोड़ देंगे।

39. And I will also give you into the hand of those [your enemies], and they shall throw down your vaulted place (brothel) and shall demolish your high places [of idolatry]; they shall strip you of your clothes and shall take your splendid jewels and leave you naked and bare.

40. तब तेरे विरूद्ध एक सभा इकट्ठी करके वे तुझ को पत्थरवाह करेंगे, और अपनी कटारों से वारपार छेदेंगे।

40. They shall also bring up a company against you, and they shall stone you with stones and hew down and thrust you through with their swords.

41. तब वे आग लगाकर तेरे घरों को जला देंगे, और तूझे बहुत सी स्त्रियों के देखते दण्ड देंगे; और मैं तेरा व्यभिचार बन्द करूंगा, और तू फिर छिनाले के लिये दाम न देगी।

41. And they shall burn your houses with fire and execute judgments upon you before the eyes of many women spectators [the nations]. And I will cause you to cease playing the harlot, and you also shall give hire no more.

42. और जब मैं तुझ पर पूरी जलजलाहट प्रगट कर चुकूंगा, तब तुझ पर और न जलूंगा वरन शान्त हो जाऊंगो और फिर न रिसियाऊंगा।

42. So will I make My wrath toward you to rest and My jealousy shall depart from you [My adulterous wife], and I will be quiet and will be no more angry.

43. तू ने जो अपने बचपन के दिन स्मरण नही रखे, वरन इन सब बातों के द्वारा मुझे चिढाया; इस कारण मैं तेरा चालचलन तेरे सिर पर डालूंगा और तू अपने सब पिछले घृणित कामों से और अधिक महापाप न करेगी, प्रभु यहोवा की यही वाणी है।

43. Because you have not [earnestly] remembered the days of your youth but have enraged Me with all these things, therefore behold, I also will bring your deeds down on your own head, says the Lord God. Did you not commit this lewdness above and in addition to all your other abominations?

44. देख, सब कहावत कहनेवाले तेरे विषय यह कहावत कहेंगे, कि जैसी मां वैसी पुत्री।

44. Behold, everyone who uses proverbs will use this proverb against you: As is the mother, so is her daughter.

45. तेरी मां जो अपने पति और लड़केबालों से घृणा करती थी, तू भी ठीक उसकी पुत्री ठहरी; और तेरी बहिनें जो अपने अपने पति और लड़केबालों से घृृणा करती थीं, तू भी ठीक उनकी बहिन निकली। तेरी माता हित्तिन और पिता एमोरी था।

45. You are your [spiritual] mother's daughter who loathed her husband and her children, and you are the sister of your sisters who loathed their husbands and their children. Your mother was a Hittite and your father an Amorite.

46. तेरी बड़ी बहिन हाोमरोन है, जो अपनी पुत्रियों समेत तेरी बाई ओर रहती है, और तेरी छोटी बहिन, जो तेरी दहिनी ओर रहती है वह पुत्रियों समेत सदोम है।

46. And your elder sister is Samaria, she and her daughters who dwelt in the north and at your left hand; and your younger sister who dwelt in the south and at your right hand is Sodom and her daughters.

47. तू उनकी सी चाल नहीं चली, और न उनके से घृणित कामों ही से सन्तुष्ट हुई; यह तो बहुत छोटी बात ठहरती, परन्तु तेरा सारा चालचलन उन से भी अधिक बिगड़ गया।

47. Yet you were not satisfied to walk after their ways or to do after their abominations, but very soon you were more corrupt in all your ways than they were [for your sin, as those taught of God, is far blacker than theirs]. [Matt. 11:20-24.]

48. प्रभु यहोवा की यह वाणी है, मेरे जीवन की सौगन्ध, तेरी बहिन सदोम ने अपनी पुत्रियों समेत तेरे ओर तेरी पुत्रियों के समान काम नहीं किए।

48. As I live, says the Lord God, Sodom your sister has not done, she nor her daughters, as you have done, you and your daughters.

49. देख, तेरी बहिन सदोम का अधर्म यह था, कि वह अपनी पुत्रियों सहित घमण्ड करती, पेट भर भरके खाती, और सुख चैन से रहती थीे और दीन दरिद्र को न संभालती थी।

49. Behold, this was the iniquity of your sister Sodom: pride, overabundance of food, prosperous ease, and idleness were hers and her daughters'; neither did she strengthen the hand of the poor and needy.

50. सो वह गर्व करके मेरे साम्हने घृणित काम करने लगी, और यह देखकर मैं ने उन्हें दूर कर दिया।

50. And they were haughty and committed abominable offenses before Me; therefore I removed them when I saw it and I saw fit. [Gen. 13:13; 18:20; 19:5.]

51. फिर शोमरोन ने तेरे पापों के आधे भी पाप नहीं किऐ तू ने तो उस से बढ़कर घृणित काम किए ओर अपने घोर घृणित कामों के द्वारा अपनी बहिनों को जीत लिया।

51. Neither has Samaria committed half of your sins, but you have multiplied your [idolatrous] abominations more than they and have seemed to justify your sisters [Samaria and Sodom] in all their wickedness by all the abominable things which you have done--you even make them appear righteous in comparison with you.

52. सो तू ने जो अपनी बहिनों का न्याय किया, इस कारण लज्जित हो, क्योंकि तू ने उन से बढ़कर घृणित पाप किए हैं; इस कारण वे तुझ से कम दोषी ठहरी हैं। सो तू इस बात से लज्जा कर और लजाती रह, क्योंकि तू ने अपनी बहिनों को कम दोषी ठहराया है।

52. Take upon you and bear your own shame and disgrace [in your punishment], you also who called in question and judged your sisters, for you have virtually absolved them by your sins in which you behaved more abominably than they; they are more right than you. Yes, be ashamed and confounded and bear your shame and disgrace, you also, for you have seemed to justify your sisters and make them appear righteous.

53. जब मैं उनको अर्थात् पुत्रियों सहित सदोम और शोमरोन को बंधुआई से फेर लाऊंगा, तब उनके बीच ही तेरे बंधुओं को भी फेर लाऊंगा,

53. I will restore them again from their captivity, restore the fortunes of Sodom and her daughters and the fortunes of Samaria and her daughters, and I will restore your own fortunes in the midst of them [in the day of the Lord], [Isa. 1:9.]

54. जिस से तू लजाती रहे, और अपने सब कामों को देखकर लजाए, क्योंकि तू उनकी शान्ति ही का कारण हुई है।

54. That you [Judah], amid your shame and disgrace, may be compelled to recognize your wickedness and be thoroughly ashamed and confounded at all you have done, becoming [converted and bringing] consolation and comfort to [your sisters.]

55. और तेरी बहिनें सदोम और शोमरोन अपनी अपनी पुत्रियों समेत अपनी पहिली दशा को फिर पहुंचेंगी, और तू भी अपनी पुत्रियों सहित अपनी पहिली दशा को फिर पहंचेगी।

55. And your sisters, Sodom and her daughters shall return to their former estate, and Samaria and her daughters shall return to their former estate; then you and your daughters shall return to your former estate.

56. जब तक तेरी बुराई प्रगट न हुई थी, अर्थात् जिस समय तक तू आस पास के लोगों समेत अरामी और पलिश्ती स्त्रियों की जो अब चारों ओर से तुझे तुच्छ जानती हैं, नामधराई करती थी,

56. For was your sister Sodom not mentioned by you [except] as a byword in the day of your pride,

57. उन अपने घ्मण्ड के दिनों में तो तू अपनी बहिन सदोम का नाम भी न लेती थी।

57. Before your own wickedness was uncovered? Now you have become like her, an object of reproach and a byword for the daughters of Syria and of Edom and for all who are round about them and for the daughters of the Philistines--those round about who despise you.

58. परन्तु अब तुझ को अपने महापाप और घृणित कामों का भार आप ही उठाना पड़ा है, यहोवा की यही वाणी है।

58. You bear the penalty of your lewdness and your [idolatrous] abominations, says the Lord.

59. प्रभु यहोवा यह कहता है, मैं तेरे साथ ऐसा ही बर्ताव करूंगा, जैसा तू ने किया है, क्योंकि तू ने तो वाचा तोड़कर शपथ तुच्छ जानी है,

59. Yes, thus says the Lord God: I will even deal with you as you have done, who have despised the oath in breaking the covenant;

60. तौभी मैं तेरे बचपन के दिनों की अपनी वाचा स्मरण करूंगा, और तेरे साथ सदा की वाचा बान्धूंगा।

60. Nevertheless, I will [earnestly] remember My covenant with you in the days of your youth and I will establish with you an everlasting covenant. [Ps. 106:45.]

61. और जब तू अपनी बहिनों को अर्थात् अपनी बड़ी और छोटी बहिनों को ग्रहण करे, तब तू अपना चालचलन स्मरण करके लज्जित होगी; और मैं उन्हें तेरी पुत्रियां ठहरा दूंगा; परन्तु यह तेरी वाचा के अनुसार न करूंगा।
रोमियों 6:21

61. Then you will [earnestly] remember your ways and be ashamed and confounded when you shall receive your sisters, both your elder and your younger; I will give them to you as daughters, but not on account of your covenant [with Me]. [John 10:16.]

62. मैं तेरे साथ अपनी वाचा स्थिर करूंगा, और तब तू जान लेगी कि मैं यहोवा हूँ,

62. And I will establish My covenant with you, and you shall know (understand and realize) that I am the Lord, [Hos. 2:19, 20.]

63. जिस से तू स्मरण करके लज्जित हो, और लज्जा के मारे फिर कभी मुंह न खोले। यह उस समय होगा, जब मैं तेरे सब कामों को ढांपूंगा, प्रभु यहोवा की यही वाणी है।
रोमियों 6:21

63. That you may [earnestly] remember and be ashamed and confounded and never open your mouth again because of your shame, when I have forgiven you all that you have done, says the Lord God.



Shortcut Links
यहेजकेल - Ezekiel : 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 | 15 | 16 | 17 | 18 | 19 | 20 | 21 | 22 | 23 | 24 | 25 | 26 | 27 | 28 | 29 | 30 | 31 | 32 | 33 | 34 | 35 | 36 | 37 | 38 | 39 | 40 | 41 | 42 | 43 | 44 | 45 | 46 | 47 | 48 |
उत्पत्ति - Genesis | निर्गमन - Exodus | लैव्यव्यवस्था - Leviticus | गिनती - Numbers | व्यवस्थाविवरण - Deuteronomy | यहोशू - Joshua | न्यायियों - Judges | रूत - Ruth | 1 शमूएल - 1 Samuel | 2 शमूएल - 2 Samuel | 1 राजाओं - 1 Kings | 2 राजाओं - 2 Kings | 1 इतिहास - 1 Chronicles | 2 इतिहास - 2 Chronicles | एज्रा - Ezra | नहेम्याह - Nehemiah | एस्तेर - Esther | अय्यूब - Job | भजन संहिता - Psalms | नीतिवचन - Proverbs | सभोपदेशक - Ecclesiastes | श्रेष्ठगीत - Song of Songs | यशायाह - Isaiah | यिर्मयाह - Jeremiah | विलापगीत - Lamentations | यहेजकेल - Ezekiel | दानिय्येल - Daniel | होशे - Hosea | योएल - Joel | आमोस - Amos | ओबद्याह - Obadiah | योना - Jonah | मीका - Micah | नहूम - Nahum | हबक्कूक - Habakkuk | सपन्याह - Zephaniah | हाग्गै - Haggai | जकर्याह - Zechariah | मलाकी - Malachi | मत्ती - Matthew | मरकुस - Mark | लूका - Luke | यूहन्ना - John | प्रेरितों के काम - Acts | रोमियों - Romans | 1 कुरिन्थियों - 1 Corinthians | 2 कुरिन्थियों - 2 Corinthians | गलातियों - Galatians | इफिसियों - Ephesians | फिलिप्पियों - Philippians | कुलुस्सियों - Colossians | 1 थिस्सलुनीकियों - 1 Thessalonians | 2 थिस्सलुनीकियों - 2 Thessalonians | 1 तीमुथियुस - 1 Timothy | 2 तीमुथियुस - 2 Timothy | तीतुस - Titus | फिलेमोन - Philemon | इब्रानियों - Hebrews | याकूब - James | 1 पतरस - 1 Peter | 2 पतरस - 2 Peter | 1 यूहन्ना - 1 John | 2 यूहन्ना - 2 John | 3 यूहन्ना - 3 John | यहूदा - Jude | प्रकाशितवाक्य - Revelation |

Explore Parallel Bibles
21st Century KJV | A Conservative Version | American King James Version (1999) | American Standard Version (1901) | Amplified Bible (1965) | Apostles' Bible Complete (2004) | Bengali Bible | Bible in Basic English (1964) | Bishop's Bible | Complementary English Version (1995) | Coverdale Bible (1535) | Easy to Read Revised Version (2005) | English Jubilee 2000 Bible (2000) | English Lo Parishuddha Grandham | English Standard Version (2001) | Geneva Bible (1599) | Hebrew Names Version | Hindi Bible | Holman Christian Standard Bible (2004) | Holy Bible Revised Version (1885) | Kannada Bible | King James Version (1769) | Literal Translation of Holy Bible (2000) | Malayalam Bible | Modern King James Version (1962) | New American Bible | New American Standard Bible (1995) | New Century Version (1991) | New English Translation (2005) | New International Reader's Version (1998) | New International Version (1984) (US) | New International Version (UK) | New King James Version (1982) | New Life Version (1969) | New Living Translation (1996) | New Revised Standard Version (1989) | Restored Name KJV | Revised Standard Version (1952) | Revised Version (1881-1885) | Revised Webster Update (1995) | Rotherhams Emphasized Bible (1902) | Tamil Bible | Telugu Bible (BSI) | Telugu Bible (WBTC) | The Complete Jewish Bible (1998) | The Darby Bible (1890) | The Douay-Rheims American Bible (1899) | The Message Bible (2002) | The New Jerusalem Bible | The Webster Bible (1833) | Third Millennium Bible (1998) | Today's English Version (Good News Bible) (1992) | Today's New International Version (2005) | Tyndale Bible (1534) | Tyndale-Rogers-Coverdale-Cranmer Bible (1537) | Updated Bible (2006) | Voice In Wilderness (2006) | World English Bible | Wycliffe Bible (1395) | Young's Literal Translation (1898) | Hindi Reference Bible |