19. तुम ने तो मुुट्ठी मुट्ठी भर जव और रोटी के टुकड़ों के बदले मुझे मेरी प्रजा की दृष्टि में अपवित्रा ठहराकर, और अपनी उन झूठी बातों के द्वारा, जो मेरी प्रजा के लोग तुम से सुनते हैं, जो नाश के योग्य न थे, उनको मार डाला; और जो बचने के योग्य न थे उन प्राणों को बचा रखा है।
19. তোমরা ত দুই এক মুষ্টি যব বা দুই এক খণ্ড রুটীর জন্য আমার প্রজাদের মধ্যে আমাকে অপবিত্র করিয়াছ, ফলতঃ যে সকল প্রাণী বধের যোগ্য নয়, তাহাদিগকে বধ করিবার জন্য, ও যে সকল প্রাণী বাঁচিবার যোগ্য নয়, তাহাদিগকে বাঁচাইবার জন্য, তোমরা আমার সেই প্রজাদিগকে মিথ্যাকথা বলিয়া থাক, যাহারা মিথ্যাকথা শুনিয়া থাকে।