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1. यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा,
1. And the word of the LORD came unto me, saying,
2. हे मनुष्य के सन्तान, इस्राएल के जो भविष्यद्वक्ता अपने ही मन से भविष्यवाणी करते हैं, उनके विरूद्व भविष्यवाणी करके तू कह, यहोवा का वचन सुनो।
2. 'Son of man, prophesy against the prophets of Israel who prophesy, and say thou unto them that prophesy out of their own hearts: `Hear ye the word of the LORD!
3. प्रभु यहोवा यों कहता है, हाय, उन मूढ़ भविष्यद्वक्ताओं पर जो अपनी ही आत्मा के पीछे भटक जाते हैं, और कुछ दर्शन नहीं पाया !
3. Thus saith the Lord GOD: Woe unto the foolish prophets, who follow their own spirit and have seen nothing!
4. हे इस्राएल, तेरे भविष्यद्वक्ता खण्डहरों में की लोमड़ियों के समान बने हैं।
4. O Israel, thy prophets are like the foxes in the deserts.
5. तुम ने नाकों में चढ़कर इस्राएल के घराने के लिये भीत नहीं सुधारी, जिस से वे यहोवा के दिन युठ्ठ में स्थिर रह सकते।
5. Ye have not gone up into the gaps, neither made up the hedge for the house of Israel to stand in the battle on the day of the LORD.
6. वे लोग जो कहते हैं, यहोवा की यह वाणी है, उन्हों ने भावी का व्यर्थ और झूठा दावा किया है; और तब भी यह आशा दिलाई कि यहोवा यह वचन पूरा करेगा; तौभी यहोवा ने उन्हें नहीं भेजा।
6. They have seen vanity and lying divination, saying, 'The LORD saith,' but the LORD hath not sent them; and they have made others to hope that they would confirm the word.
7. क्या तुम्हारा दर्शन झूठा नहीं है, और क्या तुम झूठमूठ भावी नहीं कहते? तुम कहते हो, कि यहोवा की यह वाणी है; परन्तु मैं ने कुछ नहीं कहा है।
7. Have ye not seen a vain vision and have ye not spoken a lying divination, wherein ye say, 'The LORD saith it,' albeit I have not spoken?
8. इस कारण प्रभु यहोवा तुम से यों कहता है, तुम ने जो व्यर्थ बात कही और झूठे दर्शन देखे हैं, इसलिये मैं तुम्हारे विरूद्ध हूँ, प्रभु यहोवा की यही वाणी है।
8. '`Therefore thus saith the Lord GOD: Because ye have spoken vanity and seen lies, therefore, behold, I am against you, saith the Lord GOD.
9. जो भविष्यद्वक्ता झूठे दर्शन देखते और झूठमूठ भावी कहते हैं, मेरा हाथ उनके विरूद्ध होगा, और वे मेरी प्रजा की गोष्ठी में भागी न होंगे, न उनके नाम इस्राएल की नामावली में लिखे जाएंगे, और न वे इस्राएल के देश में प्रवेश करने पाएंगे; इस से तुम लोग जान लोगे कि मैं प्रभु यहोवा हूँ।
9. And Mine hand shall be upon the prophets who see vanity and who divine lies; they shall not be in the assembly of My people, neither shall they be written in the writing of the house of Israel, neither shall they enter into the land of Israel; and ye shall know that I am the Lord GOD.
10. क्योंकि हां, क्योंकि उन्हों ने 'शान्ति है', ऐसा कहकर मेरी प्रजा को बहकाया हे जब कि शान्ति नहीं है; और इसलिये कि जब कोई भीत बनाता है तब वे उसकी कच्ची लेसाई करते हैं।1 थिस्सलुनीकियों 5:3, मत्ती 7:27, प्रेरितों के काम 23:3
10. '`Because, even because they have seduced My people, saying, 'Peace,' and there was no peace, and one built up a wall, and lo, others daubed it with untempered mortar,
11. उन कच्ची लेसाई करनेवालों से कह कि वह गिर जाएगी। क्योंकि बड़े जोर की वर्षा होगी, और बड़े बड़े ओले भी गिरेंगे, और प्रचण्ड आंधी उसे गिराएगी।
11. say unto those who daub it with untempered mortar that it shall fall. There shall be an overflowing shower, and ye, O great hailstones, shall fall, and a stormy wind shall rend it.
12. सो जब भीत गिर जाएगी, तब क्या लोग तुम से यह न कहेंगे कि जो लेसाई तुम ने की वह कहां रही?
12. Lo, when the wall has fallen, shall it not be said unto you, 'Where is the daubing wherewith ye have daubed it?'
13. इस कारण प्रभु यहोवा तुम से यों कहता है, मैं जलकर उसको पचण्ड आंधी के द्वारा गिराऊंगा; और मेरे कोप से भारी वर्षा होगी, और मेरी जलजलाहट से बड़े बड़े ओले गिरेंगे कि भीत को नाश करें।
13. Therefore thus saith the Lord GOD: I will even rend it with a stormy wind in My fury; and there shall be an overflowing shower in Mine anger and great hailstones in My fury to consume it.
14. इस रीति जिस भीत पर तुम ने कच्ची लेसाई की है, उसे मैं ढा दूंगा, वरन मिट्टी में मिलाऊंगा, और उसकी नेव खुल जाएगी; और जब वह गिरेगी, तब तुम भी उसके नीचे दबकर नाश होगे; और तुम जान लोगे कि मैं यहोवा हूँ।
14. So will I break down the wall that ye have daubed with untempered mortar and bring it down to the ground, so that the foundation thereof shall be uncovered, and it shall fall and ye shall be consumed in the midst thereof; and ye shall know that I am the LORD.
15. इस रीति मैं भीत और उसकी कच्ची लेसाई करनेवाले दोनों पर अपनी जलजलाहट पूर्ण रीति से भड़काऊंगा; फिर तुम से कहूंगा, न तो भीत रही,और न उसके लेसनेवाले रहे,
15. Thus will I accomplish My wrath upon the wall and upon them that have daubed it with untempered mortar, and will say unto you: 'The wall is no more, neither they that daubed it,
16. अर्थात् इस्राएल के वे भविष्यद्वक्ता जो यरूशलेम के विषय में भविष्यद्वाणी करते और उनकी शान्ति का दर्शन बताते थे, परन्तु प्रभु यहोवा की यह वाणी है, कि शान्ति है ही नहीं।
16. to wit, the prophets of Israel who prophesy concerning Jerusalem, and who see visions of peace for her and there is no peace, saith the Lord GOD.''
17. फिर हे मनुष्य के सन्तान, तू अपने लोगों की स्त्रियों से विमुख होकर, जो अपनेे ही मन से भविष्यद्वाणी करती हे; उनके विरूद्ध भविष्यद्वाणी करके कह,
17. 'Likewise, thou son of man, set thy face against the daughters of thy people who prophesy out of their own heart; and prophesy thou against them
18. प्रभु यहोवा यों कहता है, जो स्त्रियां हाथ के सब जोड़ो के लिये तकिया सीतीं और प्राणियों का अहेर करने को सब प्रकार के मनुष्यों की आंख ढांपने के लिये कपड़े बनाती हैं, उन पर हाय ! क्या तुम मेरी प्रजा के प्राणों का अहेर करके अपने निज प्राण बचा रखोगी?
18. and say, `Thus saith the Lord GOD: Woe to the women who sew pillows to all armholes and make kerchiefs upon the head of those of every stature to hunt souls! Will ye hunt the souls of My people, and will ye save the souls alive who come unto you?
19. तुम ने तो मुुट्ठी मुट्ठी भर जव और रोटी के टुकड़ों के बदले मुझे मेरी प्रजा की दृष्टि में अपवित्रा ठहराकर, और अपनी उन झूठी बातों के द्वारा, जो मेरी प्रजा के लोग तुम से सुनते हैं, जो नाश के योग्य न थे, उनको मार डाला; और जो बचने के योग्य न थे उन प्राणों को बचा रखा है।
19. And will ye pollute Me among My people for handfuls of barley and for pieces of bread, to slay the souls who should not die and to save the souls alive that should not live, by your lying to My people who hear your lies?
20. इस कारण प्रभु यहोवा तुम से यों कहता है, देखो, मैं तुम्हारे उन तकियों के विरूद्व हूं, जिनके द्वारा तुम प्राणों का अहेर करती हो, इसलिये जिन्हें तुम अहेर कर करके उड़ाती हो उनको मैं तुम्हारी बांह पर से छीनकर उनको छुड़ा दूंगा।
20. '`Therefore thus saith the Lord GOD: Behold, I am against your pillows, wherewith ye there hunt the souls to make them fly; and I will tear them from your arms and will let the souls go, even the souls whom ye hunt to make them fly.
21. मैं तुम्हारे सिर के बुक को फाड़कर अपनी प्रजा के लोगों को नुम्हारे हाथ से छुड़ाऊंगा, और आगे को वे तुम्हारे वश में न रहेंगे कि तुम उनका अहेर कर सको; तब तुम जान लोगी कि मैं यहोवा हूँ।
21. Your kerchiefs also will I tear and deliver My people out of your hand, and they shall be no more in your hand to be hunted; and ye shall know that I am the LORD.
22. तुम ने जो झूठ कहकर धम के मन को उदास किया है, यद्यपि मैं ने उसको उदास करना नहीं चाहा, और तुम ने दुष्ट जन को हियाव बन्धाया है, ताकि वह अपने बुरे मार्ग से न फिरे और जीवित रहे।
22. Because with lies ye have made the heart of the righteous sad, whom I have not made sad, and strengthened the hands of the wicked, that he should not return from his wicked way by promising him life,
23. इस कारण तुम फिर न तो झूठा दर्शन देखोगी, और न भावी कहोगी; क्योंकि मैं अपनी प्रजा को तुम्हारे हाथ से दुड़ाऊंगा। तब तुम जान लोगी कि मैं यहोवा हूँ।
23. therefore ye shall see no more vanity nor divine divinations; for I will deliver My people out of your hand, and ye shall know that I am the LORD.''