17. जो जो मन्नतें हम मान चुके हैं उन्हें हम निश्चय पूरी करेंगी, हम स्वर्ग की रानी के लिये धूप जलाएंगे और तपावन देंगे, जैसे कि हमारे पुरखा लोग और हम भी अपने राजाओं और और हाकिमों समेत यहूदा के नगरों में और यरूशलेम की सड़कों में करते थे; क्योंकि उस समय हम पेट भरके खाते और भले चंगे रहते और किसी विपत्ति में नहीं पड़ते थे।
17. But we will certainly do whatever thing proceedeth from our own mouth, to burn incense to the queen of heaven, and to pour out drink-offerings to her, as we have done, we, and our fathers, our kings, and our princes, in the cities of Judah, and in the streets of Jerusalem: for {then} we had plenty of provisions, and were well, and saw no evil.