Jeremiah - यिर्मयाह 30 | View All

1. यहोवा का जो वचन यिर्मयाह के पास पहुंचा वह यह हैे

1. The word that came to Jeremiah from the LORD:

2. इस्राएल का परमेश्वर यहोवा तुझ से यों कहता है, जो वचन मैं ने तुझ से कहे हैं उन सभों को पुस्तक में लिख ले।

2. Thus says the LORD, the God of Israel: Write in a book all the words that I have spoken to you.

3. क्योंकि यहोवा की यह वाणी है, ऐसे दिन आते हैं कि मैं अपनी इस्राएली और यहूदी प्रजा को बंधुआई से लौटा लाऊंगा; और जो देश मैं ने उनके पितरों को दिया था उस में उन्हें फेर ले आऊंगा, और वे फिर उसके अधिकारी होंगे, यहोवा का यही वचन हे।

3. For the days are surely coming, says the LORD, when I will restore the fortunes of my people, Israel and Judah, says the LORD, and I will bring them back to the land that I gave to their ancestors and they shall take possession of it.

4. जो वचन यहोवा ने इस्राएलियों और यहूदियों के विषय कहे थे, वे ये हैंे

4. These are the words that the LORD spoke concerning Israel and Judah:

5. यहोवा यों कहता हैे थरथरा देनेवाला शब्द सुनाई दे रहा है, शान्ति नहीं, भय ही का है।

5. Thus says the LORD: We have heard a cry of panic, of terror, and no peace.

6. पूछो तो भला, और देखो, क्या पुरूष को भी कहीं जनने की पीड़ा उठती है? फिर क्या कारण है कि सब पुरूष ज़च्चा की नाई अपनी अपनी कमर अपने हाथों से दबाए हुए देख पड़ते हैं? क्यों सब के मुख फीके रंग के हो गए हैं?

6. Ask now, and see, can a man bear a child? Why then do I see every man with his hands on his loins like a woman in labor? Why has every face turned pale?

7. हाय, हाय, वह दिन क्या ही भारी होगा ! उसके समान और कोई दिन नहीं; वह याकूब के संकट का समय होगा; परन्तु वह उस से भी छुड़ाया जाएगा।

7. Alas! that day is so great there is none like it; it is a time of distress for Jacob; yet he shall be rescued from it.

8. और सेनाओं के यहोवा की यह वाणी है, कि उस दिन मैं उसका रखा हुआ जूआ तुम्हारी गर्दन पर से तोड़ दूंगा, और तुम्हारे बन्धनों को टुकड़े- टुकड़े कर डालूंगा; और परदेशी फिर उन से अपनी सेवा न कराने पाएंगे।

8. On that day, says the LORD of hosts, I will break the yoke from off his neck, and I will burst his bonds, and strangers shall no more make a servant of him.

9. परन्तु वे अपने परमेश्वर यहोवा और अपने राजा दाऊद की सेवा करेंगे जिसको मैं उन पर राज्य करने के लिये ठहराऊंगा।
लूका 1:69, प्रेरितों के काम 2:30

9. But they shall serve the LORD their God and David their king, whom I will raise up for them.

10. इसलिये हे मेरे दास याकूब, तेरे लिये यहोवा की यह वाणी है, मत डर; हे इस्राएल, विस्मित न हो; क्योंकि मैं दूर देश से तुझे और तेरे वंश को बंधुआई के देश से छुड़ा ले आऊंगा। तब याकूब लौटकर, चैन और सुख से रहेगा, और कोई उसको डराने न पाएगा।

10. But as for you, have no fear, my servant Jacob, says the LORD, and do not be dismayed, O Israel; for I am going to save you from far away, and your offspring from the land of their captivity. Jacob shall return and have quiet and ease, and no one shall make him afraid.

11. क्योंकि यहोवा की यह वाणी है, तुम्हारा उठ्ठार करने के लिये मैं तुम्हारे संग हूँ; इसलिये मैं उन सब जातियों का अन्त कर डालूंगा, जिन में मैं ने उन्हें तितर- बितर किया है, परन्तु तुम्हारा अन्त न करूंगा। तुम्हारी ताड़ना मैं विचार करके करूंगा, और तुम्हें किसी प्रकार से निदष न ठहराऊंगा।

11. For I am with you, says the LORD, to save you; I will make an end of all the nations among which I scattered you, but of you I will not make an end. I will chastise you in just measure, and I will by no means leave you unpunished.

12. यहोवा यों कहता हैे तेरे दु:ख की कोई औषध नहीं, और तेरी चोट गहिरी और दुखप्रद है।

12. For thus says the LORD: Your hurt is incurable, your wound is grievous.

13. तेरा मुक़ मा लड़ने के लिये कोई नहीं, तेरा घाव बान्धने के लिये न पट्टी, न मलहम है।

13. There is no one to uphold your cause, no medicine for your wound, no healing for you.

14. तेरे सब मित्रा तुझे भूल गए; वे तुम्हारी सुधि नहीं लेते; क्योंकि तेरे बड़े अधर्म और भारी पापों के कारण, मैं ने शत्रु बनकर तुझे मारा है; मैं ने क्रूर बनकर ताड़न दी है।

14. All your lovers have forgotten you; they care nothing for you; for I have dealt you the blow of an enemy, the punishment of a merciless foe, because your guilt is great, because your sins are so numerous.

15. तू अपने घाव के मारे क्यों चिल्लाती है? तेरी पीड़ा की कोई औषध नहीं। तेरे बड़े अधर्म और भारी पापों के कारण मैं ने तुझ से ऐसा व्यवहार किया है।

15. Why do you cry out over your hurt? Your pain is incurable. Because your guilt is great, because your sins are so numerous, I have done these things to you.

16. परन्तु जितने तुझे अब खाए लेते हैं, वे आप ही खाए जाएंगे, और तेरे द्रोही आप सब के सब बंधुआई में जाएंगे; और तेरे लूटनेवाले आप लुटेंगे ओर जितने तेरा धन छीनते हैं, उनका धन मैं छिनवाऊंगा।

16. Therefore all who devour you shall be devoured, and all your foes, everyone of them, shall go into captivity; those who plunder you shall be plundered, and all who prey on you I will make a prey.

17. मैं तेरा इलाज करके तेरे घावों को चंगा करूंगा, यहोवा की यह वाणी है; क्योंकि तेरा नाम ठुकराई हुई पड़ा हैे वह तो सिरयोन है, उसकी चिन्ता कौन करता है?

17. For I will restore health to you, and your wounds I will heal, says the LORD, because they have called you an outcast: It is Zion; no one cares for her!

18. यहोवा कहता हैे मैं याकूब के तम्बू को बंधुआई से लौटाता हूँ और उसके घरों पर दया करूंगा; ओर नगर अपने ही खण्डहर पर फिर बसेगा, और राजभवन पहिले के अनुसार फिर बन जाएगा।

18. Thus says the LORD: I am going to restore the fortunes of the tents of Jacob, and have compassion on his dwellings; the city shall be rebuilt upon its mound, and the citadel set on its rightful site.

19. तब उन में से धन्य कहने, और आनन्द करने का शब्द सुनाई पड़ेगा।

19. Out of them shall come thanksgiving, and the sound of merrymakers. I will make them many, and they shall not be few; I will make them honored, and they shall not be disdained.

20. मैं उनका विभव बढ़ाऊंगा, और वे थोड़े न होंगे। उनके लड़केवाले प्राचीनकाल के समान होंगे, और उनकी मण्डली मेरे साम्हने स्थिर रहेगी; और जितने उन पर अन्धेर करते हैं उनको मैं दण्ड दूंगा।

20. Their children shall be as of old, their congregation shall be established before me; and I will punish all who oppress them.

21. उनका महापुरूष उन्हीं में से होगा, और जो उन पर प्रभुता करेगा, वह उन्हीं में से उत्पन्न होगा; मैं उसे अपने निकट बुलाऊंगा, और वह मेरे समीप आ भी जाएगा, क्योंकि कौन है जो अपने आप मेरे समीप आ सकता है? यहोवा की यही वाणी है।

21. Their prince shall be one of their own, their ruler shall come from their midst; I will bring him near, and he shall approach me, for who would otherwise dare to approach me? says the LORD.

22. उस समय तुम मेरी प्रजा ठहरोगे, और मैं तुम्हारा परमेश्वर ठहरूंगा।

22. And you shall be my people, and I will be your God.

23. देखो, यहोवा की जलजलाहट की आंधी चल रही है ! वह अति प्रचण्ड आंधी है; दुष्टों के सिर पर वह जोर से लगेगी।

23. Look, the storm of the LORD! Wrath has gone forth, a whirling tempest; it will burst upon the head of the wicked.

24. जब तक यहोवा अपना काम न कर चुके और अपनी युक्तियों को पूरी न कर चुके, तब तक उसका भड़का हुआ क्रोध शान्त न होगा। अन्त के दिनों में तुम इस बात को समझ सकोगे।

24. The fierce anger of the LORD will not turn back until he has executed and accomplished the intents of his mind. In the latter days you will understand this.



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