10. इसलिये हे मेरे दास याकूब, तेरे लिये यहोवा की यह वाणी है, मत डर; हे इस्राएल, विस्मित न हो; क्योंकि मैं दूर देश से तुझे और तेरे वंश को बंधुआई के देश से छुड़ा ले आऊंगा। तब याकूब लौटकर, चैन और सुख से रहेगा, और कोई उसको डराने न पाएगा।
10. Therefore fear thou not, O my servant Jacob, saith the LORD; neither be dismayed, O Israel: for, behold, I am he that saves thee from afar, and thy seed from the land of their captivity; and Jacob shall turn, and shall rest, and be quiet, and there shall be no one [left] to scatter [him].