Jeremiah - यिर्मयाह 16 | View All

1. यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा,

1. The word of Yahweh came also to me, saying,

2. इस स्थान में विवाह करके बेटे- बेटियां मत जन्मा।

2. You will not take for yourself a wife, neither will you have sons or daughters, in this place.

3. क्योंकि जो बेटे- बेटियां इस स्थन में उत्पन्न हों और जो माताएं उन्हें जनें और जो पिता उन्हें इस देश में जन्माएं,

3. For thus says Yahweh concerning the sons and concerning the daughters who are born in this place, and concerning their mothers who bore them, and concerning their fathers who begot them in this land:

4. उनके विषय यहोवा यों कहता है, वे बुरी बुरी बीमारियों से मरेंगे। उनके लिये कोई छाती न पीटेगा, न उनको मिट्टी देगा; वे भूमि के ऊपर खाद की नाई पड़े रहेंगे। वे तलवार और महंगी से मर मिटेंगे, और उनकी लोथें आकाश के पक्षियों और मैदान के पशुओं का आहार होंगी।

4. They will die grievous deaths: they will not be lamented, neither will they be buried; they will be as dung on the face of the ground; and they will be consumed by the sword, and by famine; and their dead bodies will be food for the birds of the heavens, and for the beasts of the earth.

5. यहोवा ने कहा, जिस घर में रोनापीटना हो उस में न जाना, न छाती पीटने के लिये कहीं जाना और न इन लोगों के लिये शोक करना; क्योंकि यहोवा की यह वाणी है कि मैं ने अपनी शान्ति और करूणा और दया इन लोगों पर से उठा ली है।

5. For thus says Yahweh, Don't enter into the house of mourning, neither go to lament, neither bemoan them; for I have taken away my peace from this people, says Yahweh, even loving-kindness and tender mercies.

6. इस कारण इस देश के छोटे- बड़े सब मरेंगे, न तो इनको मिट्टी दी जाएगी, न लोग छाती पीटेंगे, न अपना शरीर चीरेंगे, और न सिर मुंड़ाएंगे। इनके लिये कोई शोक करनेवालों को रोटी न बाटेंगे कि शोक में उन्हें शान्ति दें;

6. Both great and small will die in this land; they will not be buried, neither will men lament for them, nor cut themselves, nor make themselves bald for them;

7. और न लोग पिता वा माता के मरने पर किसी को शान्ति के लिये कटोरे में दाखमधु पिलाएंगे।

7. neither will men break bread for the mourner, to comfort them for the dead; neither will men give them the cup of consolation to drink for their father or for their mother.

8. तू जेवनार के घर में इनके साथ खाने- पीने के लिये न जाना।

8. And you will not go into the house of feasting to sit with them, to eat and to drink.

9. क्योंकि सेनाओं का यहोवा, इस्राएल का परमेश्वर यों कहता है, देख, तुम लोगों के देखते और तुम्हारे ही दिनों में मैं ऐसा करूंगा कि इस स्थान में न तो हर्ष और न आनन्द का शब्द सुनाई पडेगा, न दुल्हे और न दुल्हिन का शब्द।
प्रकाशितवाक्य 18:23

9. For thus says Yahweh of hosts, the God of Israel: Look, I will cause to cease out of this place, before your+ eyes and in your+ days, the voice of mirth and the voice of gladness, the voice of the bridegroom and the voice of the bride.

10. और जब तू इन लोगों से ये सब बातें कहे, और वे तुझ से पूछें कि यहोवा ने हमारे ऊपर यह सारी बड़ी विपत्ति डालने के लिये क्यों कहा है? हमारा अधर्म क्या है और हम ने अपने परमेश्वर यहोवा के विरूद्ध कौन सा पाप किया है?

10. And it will come to pass, when you will show this people all these words, and they will say to you, Why has Yahweh pronounced all this great evil against us? Or what is our iniquity? Or what is our sin that we have committed against Yahweh our God?

11. तो तू इन लोगों से कहना, यहोवा की यह वाणी है, क्योंकि तुम्हारे पुरखा मुझे त्यागकर दूसरे देवताओं के पीछे चले, और उनकी उपासना करके उनको दण्डवत् की, और मुझ को त्याग दिया और मेरी व्यवस्था का पालन नहीं किया,

11. Then you will say to them, Because your+ fathers have forsaken me, says Yahweh, and have walked after other gods, and have served them, and have worshiped them, and have forsaken me, and haven't kept my law;

12. ओर जितनी बुराई तुम्हारे पुरखाओं ने की थी, उस से भी अधिक तुम करते हो, क्योंकि तुम अपने बुरे मन के हठ पर चलते हो और मेरी नहीं सुनते;

12. and you+ have done evil more than your+ fathers; for, look, you+ walk every one after the stubbornness of his evil heart, so that you+ don't listen to me:

13. इस कारण मैं तुम को इस देश से उखाड़कर ऐसे देश में फेंक दूंगा, जिसको न तो तुम जानते हो और न तुम्हारे पुरखा जानते थे; और वहां तुम रात- दिन दूसरे देवताओं की उपासना करते रहोगे, क्योंकि वहां मैं तुम पर कुछ अनुग्रह न करूंगा।

13. therefore I will cast you+ forth out of this land into the land that you+ haven't known, neither you+ nor your+ fathers; and there you+ will serve other gods day and night; for I will show you+ no favor.

14. फिर यहोवा की यह वाणी हुई, देखो, ऐसे दिन आनेवाले हैं जिन में फिर यह न कहा जाएगा कि यहोवा जो इस्राएलियों को मिस्र देश से छुड़ा ले आया उसके जीवन की सौगन्ध,

14. Therefore, look, the days come, says Yahweh, that it will no more be said, As Yahweh lives, that brought up the sons of Israel out of the land of Egypt;

15. वरन यह कहा जाएगा कि यहोवा जो इस्राएलियों को उत्तर के देश से और उन सब देशों से जहां उस ने उनको बरबस कर दिया था छुड़ा ले आया, उसके जीवन की सौगन्ध। क्योंकि मैं उनको उनके निज देश में जो मैं ने उनके पूर्वजों को दिया था, लौटा ले आऊंगा।

15. but, As Yahweh lives, that brought up the sons of Israel from the land of the north, and from all the countries where he had driven them. And I will bring them again into their land that I gave to their fathers.

16. देखो, यहोवा की यह वाणी है कि मै बहुत से मछुओं को बुलवा भेजूंगा कि वे इन लोगों को पकड़ लें, और, फिर मैं बहुत से बहेलियों को बुलवा भेजूंगा कि वे इनको अहेर करके सब पहाड़ों और पहाड़ियों पर से और चट्टानों की दरारों में से निकालें।

16. Look, I will send for many fishers, says Yahweh, and they will fish them up; and afterward I will send for many hunters, and they will hunt them from every mountain, and from every hill, and out of the clefts of the rocks.

17. क्योंकि उनका पूरा चाल- चलन मेरी आंखों के साम्हने प्रगट है; वह मेरी दृष्टि से छिपा नहीं है, न उनका अधर्म मेरी आखों से गुप्त है। सो मैं उनके अधर्म और पाप का दूना दण्ड दूंगा,

17. For my eyes are on all their ways; they are not hid from my face, neither is their iniquity concealed from my eyes.

18. क्योंकि उन्हों ने मेरे देश को अपनी घृणित वस्तुओं की लोथों से अशुठ्ठ किया, और मेरे निज भाग को अपनी अशुठ्ठता से भर दिया है।

18. And first I will recompense their iniquity and their sin double, because they have polluted my land with the carcasses of their detestable things, and have filled my inheritance with their disgusting things.

19. हे यहोवा, हे मेरे बल और दृढ़ गढ़, संकट के समय मेरे शरणस्थान, जातिजाति के लोग पृथ्वी की चहुंओर से तेरे पास आकर कहेंगे, निश्चय हमारे पुरखा झूठी, व्यर्थ और निष्फल वस्तुओं को अपनाते आए हैं।
रोमियों 1:25

19. O Yahweh, my strength, and my stronghold, and my refuge in the day of affliction, to you will the nations come from the ends of the earth, and will say, Our fathers have inherited nothing but lies, [even] vanity and things in which there is no profit.

20. क्या मनुष्य ईश्वरों को बनाए? नहीं, वे ईश्वर नहीं हो सकते !

20. Will man make to himself gods, which yet are no gods?

21. इस कारण, एक इस बार, मैं इन लोगों को अपना भुजबल और पराक्रम दिखाऊंगा, और वे जानेंगे कि मेरा नाम यहोवा है।

21. Therefore, look, I will cause them to know, this once I will cause them to know my hand and my might; and they will know that my name is Yahweh.



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