19. हे यहोवा, हे मेरे बल और दृढ़ गढ़, संकट के समय मेरे शरणस्थान, जातिजाति के लोग पृथ्वी की चहुंओर से तेरे पास आकर कहेंगे, निश्चय हमारे पुरखा झूठी, व्यर्थ और निष्फल वस्तुओं को अपनाते आए हैं।
रोमियों 1:25
19. O LORD, my strength, and my fortress, and my refuge in the time of the affliction; Gentiles shall come unto thee from the ends of the earth and shall say, Surely our fathers have inherited lies, vanity, and [things] in which [there is] no profit.