Jeremiah - यिर्मयाह 15 | View All

1. फिर यहोवा ने मुझ से कहा, यदि मूसा और शमूएल भी मेरे साम्हने खड़े होते, तौभी मेरा मन इन लोगों की ओर न फिरता। इनको मेरे साम्हने से निकाल दो कि वे निकल जाएं!

1. Then Jehovah said to me, Though Moses and Samuel stood before Me, My soul could not be toward this people. Send them out from before My face; yea, let them go out.

2. और यदि वे तुझ से पूछें कि हम कहां निकल जाएं? तो कहना कि यहोवा यों कहता है, जो मरनेवाले हैं, वे मरने को चले जाएं, जो तलवार से मरनेवाले हैं, वे तलवार से मरने को; जो आकाल से मरनेवाले हैं, वे आकाल से मरने को, और जो बंधुए होनेवाले हैं, वे बंधुआई में चले जाएें।
प्रकाशितवाक्य 13:10

2. And it will be, if they say to you, Where shall we go? Then you will tell them, So says Jehovah, Those who are for death, go to death; and those for the sword, to the sword; and those for the famine, to the famine; and those for the captivity, to the captivity.

3. मैं उनके विरूद्ध चार प्रकार के विनाश ठहराऊंगा : मार डालने के लिये तलवार, फाड़ डालने के लिये कुत्ते, नोच डालने के लिये आकाश के पक्षी, और फाड़कर खाने के लिये मैदान के हिंसक जन्तु, यहोवा की यह वाणी है।
प्रकाशितवाक्य 6:8

3. And I will set over them four kinds, says Jehovah: the sword to kill, and the dogs to drag off, and the birds of the heaven and the beast of the earth to devour and destroy.

4. यह हिजकिरयाह के पुत्रा, यहूदा के राजा मनश्शे के उन कामों के कारण होगा जो उस ने यरूशलेम में किए हैं, और मैं उन्हें ऐसा करूंगा कि वे पृथ्वी के राज्य राज्य में मारे मारे फिरेंगे।

4. And I will make them a horror to all the kingdoms of the earth, because of Manasseh, the son of Hezekiah, king of Judah; for what he did in Jerusalem.

5. हे यरूशलेम, तुझ पर कौन तरस खाएगा, और कौन तेरे लिये शोक करेगा? कौन तेरा कुशल पूछने को तेरी ओर मुड़ेगा?

5. For who shall have pity on you, O Jerusalem? Or who shall weep over you? Or who shall turn aside to ask your welfare?

6. यहोवा की यह वाणी है कि तू मुझ को त्यागकर पीछे हट गई है, इसलिये मैं तुझ पर हाथ बढ़ाकर तेरा नाश करूंगा; क्योंकि, मैं तरस खाते खाते उकता गया हूँ।

6. You have forsaken Me, says Jehovah. You have gone backward, so I will stretch out My hand against you and destroy you; I am weary of repenting.

7. मैं ने उनको देश के फाटकों में सूप से फटक दिया है; उन्हों ने कुमार्ग को नहीं छोड़ा, इस कारण मैं ने अपनी प्रजा को निर्वश कर दिया, और नाश भी किया है।

7. And I will sift them with a fork in the gates of the land; I will bereave; I will destroy My people, for they do not turn from their ways.

8. उनकी विधवाए मेरे देखने में समुद्र की बालू के किनकों से अधिक हो गई हैं; उनके जवानों की माताओं के विरूद्ध दुपहरी ही को मैं ने लुटेरों को ठहराया है; मैं ने उनको अचानक संकट में डाल दिया और घबरा दिया है।

8. Their widows are more numerous about Me than the sand of the seas. I have brought for them a ravager at noonday against the mother of a young man; I caused anguish and terror to fall on her suddenly.

9. सात लड़कों की माता भी बेहाल हो गई और प्राण भी छोड़ दिया; उसका सूर्य दोपहर ही को अस्त हो गया; उसकी आशा टूट गई और उसका मुंह काला हो गया। और जो रह गए हैं उनको भी मैं शत्रुओं की तलवार से मरवा डालूंगा, यहोवा की यही वाणी है।

9. She who bore seven now languishes; she has breathed out her life; her sun has gone down while it was still day. She has been ashamed and humiliated, and I will give the rest of them to the sword before their enemies, says Jehovah.

10. हे मेरी माता, मुझ पर हाय, कि तू ने मुझ ऐसे मनुष्य को उत्पन्न किया जो संसार भर से झगड़ा और वादविवाद करनेवाला ठहरा है ! न तो मैं ने व्याज के लिये रूपये दिए, और न किसी से उधार लिए हैं, तौभी लोग मुझे कोसते हैं।

10. Woe to me, my mother, that you have borne me, a man of strife, and a man of contention to the whole earth! I have not loaned, nor have they loaned to me; yet everyone curses me.

11. यहोवा ने कहा, निश्चय मैं तेरी भलाई के लिये तुझे दृढ़ करूंगा; विपत्ति और कष्ट के समय मैं शत्रु से भी तेरी बिनती कराऊंगा।

11. Jehovah said, Truly, I will not free you for good. Truly I will cause the enemy to entreat you in the time of evil and in the time of distress.

12. क्या कोई पीतल वा लोहा, उत्तर दिशा का लोहा तोड़ सकता है?

12. Can one break iron, iron or bronze from the north?

13. तेरे सब पापों के कारण जो सर्वत्रा देश में हुए हैं मैं तेरी धन- सम्पत्ति और खजाने, बिना दाम दिए लुट जाने दूंगा।

13. Your wealth and your treasures I will give for prey, not for price, but for all your sins, even in all your borders.

14. मैं ऐसा करूंगा कि वह शत्रुओं के हाथ ऐसे देश में चला जाएगा जिसे तू नहीं जानती है, क्योंकि मेरे क्रोध की आग भड़क उठी है, और वह तुम को जलाएगी।

14. And I will make you pass with your enemies into a land you do not know. For a fire has been kindled in My anger; it shall burn against you.

15. हे यहोवा, तू तो जानता है; मुझे स्मरण कर और मेरी सुधि लेकर मेरे सतानेवालों से मेरा पलटा ले। तू धीरज के साथ क्रोध करनेवाला है, इसलिये मुझे न उठा ले; तेरे ही निमित्त मेरी नामधराई हुई है।

15. O Jehovah, You know. Remember me and visit me, and take vengeance for me on those who seek to hurt me. Do not take me away in Your long-suffering; know that I bear reproach for You.

16. जब तेरे वचन मेरे पास पहुंचे, तब मैं ने उन्हें मानो खा लिया, और तेरे वचन मेरे मन के हर्ष और आनन्द का कारण हुए; क्योंकि, हे सेनाओं के परमेश्वर यहोवा, मैं तेरा कहलाता हूँ।

16. Your Words were found and I ate them; and Your Word was to me the joy and gladness of my heart. For I am called by Your name, O Jehovah, God of Hosts.

17. तेरी छाया मुझ पर इई; मैं मन बहलानेवालों के बीच बैठकर प्रसन्न नहीं हुआ; तेरे हाथ के दबाव से मैं अकेला बैठा, क्योंकि तू ने मुझे क्रोध से भर दिया था।

17. I did not sit in the circle of merrymakers, nor exult. I sat alone because of Your hand; for You have filled me with indignation.

18. मेरी पीड़ा क्यों लगातार बनी रहती है? मेरी चोट की क्यों कोई औषधि नहीं है? क्या तू सचमुच मेरे लिये धोखा देनेवाली नदी और सूखनेवाले जल के समान होगा?

18. Why has my pain been without end and my wound incurable, refusing to be healed? You surely are to me like deceitful waters which cannot be trusted.

19. यह सुनकर यहोवा ने यों कहा, यदि तू फिरे, तो मैं फिरसे तुझे अपने साम्हने खड़ा करूंगा। यदि तू अनमोल को कहे और निकम्मे को न कहे, तब तू मेरे मुख के समान होगा। वे लोग तेरी ओर फिरेंगे, परन्तु तू उनकी ओर न फिरना।

19. So Jehovah says this: If you return, then I will bring you again; you shall stand before Me. And if you take the precious from the worthless, you shall be as My mouth. Let them turn back to you, but do not return to them.

20. और मैं तुझ को उन लोगों के साम्हने पीतल की दृढ़ शहरपनाह बनाऊंगा; वे तुझ से लड़ेंगे, परन्तु तुझ पर प्रबल न होंगे, क्योंकि मैं तुझे बचाने और तेरा उठ्ठार करने के लिये तेरे साथ हूँ, यहोवा की यह वाणी है। मैं तुझे दुष्ट लोगों के हाथ से बचाऊंगा,

20. And I will make you a fortified wall of bronze to this people. And they shall fight against you, but they shall not overcome you; for I am with you to save you and to deliver you, says Jehovah.

21. और उपद्रवी लोगों के पंजे से छुड़ा लूंगा।

21. And I will deliver you out of the hand of the wicked, and I will redeem you out of the hand of the evil ones.



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