Jeremiah - यिर्मयाह 12 | View All

1. हे यहोवा, यदि मैं तुझ से मुक़ मा लड़ूं, तौभी तू धम है; मुझे अपने साथ इस विषय पर वादविवाद करने दे। दुष्टों की चाल क्यों सफंल होती है? क्या कारण है कि विश्वासघाती बहुत सुख से रहते हैं?

1. ' LORD, if I argued my case with you, you would prove to be right. Yet I must question you about matters of justice. Why are the wicked so prosperous? Why do dishonest people succeed?

2. तू उनको बोता और वे जड़ भी पकड़ते; वे बढ़ते और फलते भी हैं; तू उनके मुंह के निकट है परन्तु उनके मनों से दूर है।

2. You plant them, and they take root; they grow and bear fruit. They always speak well of you, yet they do not really care about you.

3. हे यहोवा तू मुझे जानता है; तू मुझे देखता है, और तू ने मेरे मन की परीक्षा करके देखा कि मैं तेरी ओर किस प्रकार रहता हूँ। जैसे भेड़- बकरियां घात होने के लिये झुण्ड में से निकाली जाती हैं, वैसे ही उनको भी निकाल ले और वध के दिन के लिये तैयार कर।
याकूब 5:5

3. But, LORD, you know me; you see what I do and how I love you. Drag these evil people away like sheep to be butchered; guard them until it is time for them to be slaughtered.

4. कब तक देश विलाप करता रहेगा, और सारे मैदान की घास सूखी रहेगी? देश के निवासियों की बुराई के कारण पशु- पक्षी सब नाश हो गए हैं, क्योंकि उन लोगों ने कहा, वह हमारे अन्त को न देखेगा।

4. How long will our land be dry, and the grass in every field be withered? Animals and birds are dying because of the wickedness of our people, people who say, 'God doesn't see what we are doing.' '

5. तू जो प्यादों ही के संग दौड़कर थक गया है तो घेड़ों के संग क्योंकर बराबरी कर सकेगा? और यद्यपि तू शान्ति के इस देश में निडर है, परन्तु यरदन के आसपास के धने जंगल में तू क्या करेगा?

5. The LORD said, 'Jeremiah, if you get tired racing against people, how can you race against horses? If you can't even stand up in open country, how will you manage in the jungle by the Jordan?

6. क्योंकि तेरे भाई और तेरे घराने के लोगों ने भी तेरा विश्वासघात किया है; वे तेरे पीछे ललकारते हैं, यदि वे तुझ से मीठी बातें भी कहें, तौभी उनकी प्रतीति न करना।

6. Even your relatives, members of your own family, have betrayed you; they join in the attacks against you. Do not trust them, even though they speak friendly words.'

7. मैं ने अपना घर छोड़ दिया, अपना निज भाग मैं ने त्याग दिया है; मैं ने अपनी प्राणप्रिया को शत्रुओं के वश में कर दिया है।
मत्ती 23:38, लूका 13:35, प्रकाशितवाक्य 20:9

7. The LORD says, 'I have abandoned Israel; I have rejected my chosen nation. I have given the people I love into the power of their enemies.

8. क्योंकि मेरा निज भाग मेरे देखने में वन के सिंह के समान हो गया और मेरे विरूद्ध गरजा है; इस कारण मैं ने उस से बैर किया है।

8. My chosen people have turned against me; like a lion in the forest they have roared at me, and so I hate them.

9. क्या मेरा निज भाग मेरी दृष्टि में चित्तीवाले शिकारी पक्षी के समान नहीं है? क्या शिकारी पक्षी चारों ओर से उसे घेरे हुए हैं? जाओ सब जंगली पशुओं को इकट्ठा करो; उनको लाओ कि खा जाएं।

9. My chosen people are like a bird attacked from all sides by hawks. Call the wild animals to come and join in the feast!

10. बहुत से चरवाहों ने मेरी दाख की बारी को बिगाड़ कर दिया, उन्हों ने मेरे भाग को लताड़ा, वरन मेरे मनोहर भाग के खेत को सुनसान जंगल बना दिया है।

10. Many foreign rulers have destroyed my vineyard; they have trampled down my fields; they have turned my lovely land into a desert.

11. उन्हों ने उसको उजाड़ दिया; वह उजड़कर मेरे साम्हने विलाप कर रहा है। सारा देश उजड़ गया है, तौभी कोई नहीं सोचता।

11. They have made it a wasteland; it lies desolate before me. The whole land has become a desert, and no one cares.

12. जंगल के सब मुंडे टीलों पर नाशक चढ़ आए हैं; क्योंकि यहोवा की तलवार देश के एक छोर से लेकर दूसरी छोर तक निगलती जाती है; किसी मनुष्य को शांन्ति नहीं मिलती।

12. Across all the desert highlands people have come to plunder. I have sent war to destroy the entire land; no one can live in peace.

13. उन्हों ने गेहूं तो बोया, परन्तु कटीले पेड़ काटे, उन्हों ने कष्ट तो उठाया, परन्तु उस से कुछ लाभ न हुआ। यहोवा के क्रोध के भड़कने के कारण तुम अपने खेतों की उपज के विषय में लज्जित हो।

13. My people planted wheat, but gathered weeds; they have worked hard, but got nothing for it. Because of my fierce anger their crops have failed.'

14. मेरे दुष्ट पड़ोसी उस भाग पर हाथ लगाते हैं, जिसका भागी मैं ने अपनी प्रजा इस्राएल को बनाया है। उनके विष्य यहोवा यों कहता है कि मैं उनको उनकी भूमि में से उखाड़ डालूंगा, और यहूदा के घराने को भी उनके बीच में से उखड़ूंगा।

14. The LORD says, 'I have something to say about Israel's neighbors who have ruined the land I gave to my people Israel. I will take those wicked people away from their countries like an uprooted plant, and I will rescue Judah from them.

15. उन्हें उखाड़ने के बाद मैं फिर उन पर दया करूंगा, और उन में से हर एक को उसके निज़ भाग और भूमि में फिर से लगाऊंगा।
प्रेरितों के काम 15:16

15. But after I have taken them away, I will have mercy on them; I will bring each nation back to its own land and to its own country.

16. और यदि वे मेरी प्रजा की चाल सीखकर मेरे ही नाम की सौगन्ध, यहोवा के जीवन की सौगन्ध, खाने लगें, जिस प्रकार से उन्हों ने मेरी प्रजा को बाल की सौगन्ध खाना सिखलाया था, तब मेरी प्रजा के बीच उनका भी वंश बढ़ेगा।

16. If with all their hearts they will accept the religion of my people and will swear, 'As the LORD lives'---as they once taught my people to swear by Baal---then they will also be a part of my people and will prosper.

17. परन्तु यदि वे न मानें, तो मैं उस जाति को ऐसा उखाड़ूंगा कि वह फिर कभी न पनंपेगी, यहोवा की यही वाणी है।

17. But if any nation will not obey, then I will completely uproot it and destroy it. I, the LORD, have spoken.'



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