Isaiah - यशायाह 66 | View All

1. यहोवा यों कहता है, आकाश मेरा सिंहासन और पृथ्वी मेरे चरणों की चौकी है; तुम मेरे लिये कैसा भवन बनाओगे, और मेरे विश्राम का कौन सा स्थान होगा?
मत्ती 5:34-35, मत्ती 23:22, प्रेरितों के काम 7:49-50

1. Thus says the Lord: Heaven is My throne, and the earth is My footstool; what kind of a house will you build for Me? And of what kind [is to be] the place of My rest?

2. यहोवा की यह वाणी है, ये सब वस्तुएं मेरे ही हाथ की बनाई हुई हैं, सो ये सब मेरी ही हैं। परन्तु मैं उसी की ओर दृष्टि करूंगा जो दी और खेदित मन का हो, और मेरा वचन सुनकर थरथराता हो।।
प्रेरितों के काम 7:49-50

2. For all these things are Mine, says the Lord; and to whom will I have respect, but to the humble and meek, and the [man] that trembles [at] My words?

3. बैल का बलि करनेवाला मनुष्य के मार डालनेवाले के समान है; जो भेड़ के चढ़ानेवाला है वह उसके समान है जो कुत्ते का गला काटता है; जो अन्नबलि चढ़ाता है वह मानो सूअर का लोहू चढ़ानेवाले के समान है; और, जो लोबान जलाता है, वह उसके समान है जो मूरत को धन्य कहता है। इन सभों ने अपना अपना मार्ग चुन लिया है, और घिनौनी वस्तुओं से उनके मन प्रसन्न हाते हैं।

3. But the transgressor that sacrifices a calf to Me, is as he that kills a dog; and he that offers fine flour, as [one that offers] swine's blood; he that gives frankincense for a memorial, is as a blasphemer. Yet they have chosen their own ways, and their soul has delighted in their abominations.

4. इसलिये मैं भी उनके लिये दु:ख की बातें निकालूंगा, और जिन बातों से वे डरते हैं उन्हीं को उन पर लाऊंगा; क्योंकि जब मैं ने उन्हें बुलाया, तब कोई न बोला, और जब मैं ने उन से बातें की, तब उन्हों ने मेरी न सुनी; परन्तु जो मेरी दृष्टि में बुरा था वही वे करते रहे, और जिस से मैं अप्रसन्न होता था उसी को उन्हों ने अपनाया।। तुम जो यहोवा का वचन सुनकर थरथराते हो यहोवा का यह वचन सुनो:

4. I also will choose their mockeries, and will recompense their sins upon them; because I called them, and they did not hearken to Me; I spoke, and they heard not; and they did evil before Me, and chose the things in which I did not delight.

6. सुनो, नगर से कोलाहल की धूम, मन्दिर से एक शब्द, सुनाई देता है! वह यहोवा का शब्द है, वह अपने शत्रुओं को उनकी करनी का फल दे रहा है!
प्रकाशितवाक्य 16:1-17

6. A voice of a cry from the city, a voice from the temple, a voice of the Lord rendering recompense to [His] adversaries.

7. उसकी पीड़ाएं उठाने से पहले ही उस ने जन्मा दिया; उसको पीड़ाएं होने से पहिले ही उस से बेटा जन्मा।
प्रकाशितवाक्य 12:2-5

7. Before she that travailed has brought forth, before the birth pains came on, she escaped [it] and brought forth a male.

8. ऐसी बात किस ने कभी सुनी? किस ने कभी ऐसी बातें देखी? क्या देश एक ही दिन में उत्पन्न हो सकता है? क्या एक जाति क्षण मात्रा में ही उत्पन्न हो सकती है? क्योंकि सिरयोन की पीड़ाएं उठी ही थीं कि उस से सन्तान उत्पन्न हो गए।

8. Who has heard such a thing? And who has seen after this manner? Has the earth travailed in one day? Or has even a nation been born at once, that Zion has travailed, and brought forth her children?

9. यहोवा कहता है, क्या मैं उसे जन्माने के समय तक पहुंचाकर न जन्माऊं? तेरा परमेश्वर कहता है, मैं जो गर्भ देता हूं क्या मैं कोख बन्द करूं?

9. But I have raised this expectation, yet you have not remembered Me, says the Lord; behold, have not I made the bearing and barren woman? Says your God.

10. हे यरूशलेम से सब प्रेम रखनेवालो, उसके साथ आनन्द करो और उसके कारण मगन हो; हे उसके विषय सब विलाप करनेवालो उसके साथ हर्षित हो!

10. Rejoice, O Jerusalem, and all you that love her hold in her a general assembly; rejoice greatly with her, all that [now] mourn over her;

11. जिस से तुम उसके शान्तिरूपी स्तन से दूध पी पीकर तृप्त हो; और दूध पीकर उसकी महिमा की बहुतायत से अत्यन्त सुखी हो।।

11. that you may feed and be satisfied with the consolation of her bosom; that you may drink deeply, and delight yourselves with the abundance of her glory.

12. क्योंकि यहोवा यों कहता है, देखो, मैं उसकी ओर शान्ति को नदी की नाईं, और अन्यजातियों के धन को नदी की बाढ़ के समान बहा दूंगा; और तुम उस से पीओगे, तुम उसकी गोद में उठाए जाओगे और उसके घुटनों पर कुदाए जाओगे।

12. For thus says the Lord: Behold, I turn toward them as a river of peace, and as a torrent bringing upon them in a flood the glory of the Gentiles; their children shall be borne upon the shoulders, and comforted on the knees.

13. जिस प्रकार माता अपने पुत्रा को शान्ति देती है, वैस ही मैं भी तुम्हें शान्ति दुंगा; तुम को यरूशलेम ही में शान्ति मिलेगी।

13. As if his mother should comfort one, so will I also comfort you; and you shall be comforted in Jerusalem.

14. तुम यह देखोगे और प्रफुल्लित होगे; तुम्हारी हडि्डयां घास की नाईं हरी भरी होंगी; और यहोवा का हाथ उसके दासों के लिये प्रगट होगा, और, उसके शत्रुओं के ऊपर उसका क्रोध भड़केगा।।
यूहन्ना 16:22

14. And you shall see, and your heart shall rejoice, and your bones shall thrive like grass; and the hand of the Lord shall be known to them that fear Him, and He shall threaten the disobedient.

15. क्योंकि देखो, यहोवा आग के साथ आएगा, और उसके रथ बवण्डर के समान होंगे, जिस से वह अपने क्रोध को जलजलाहट के साथ और अपनी चितौनी को भस्म करनेवाली आग की लपट में प्रगट करे।
2 थिस्सलुनीकियों 1:8

15. For behold, the Lord will come as fire, and His chariots as a storm, to render His vengeance with wrath, and His rebuke with a flame of fire.

16. क्योंकि यहोवा सब प्राणियों का न्याय आग से और अपनी तलवार से करेगा; और यहोवा के मारे हुए बहुत होंगे।।

16. For with the fire of the Lord all the earth shall be judged, and all flesh with His sword; many shall be slain by the Lord.

18. क्योंकि मैं उनके काम और उनकी कल्पनाएं, दोनों अच्छी रीति से जानता हूं। और वह समय आता है जब मैं सारी जातियों और भिन्न भिन्न भाषा बोलनेवालों को इकट्ठा करूंगा; और वे आकर मेरी महिमा देखेंगे।

18. And I [know] their works and their imagination. I am going to gather all nations and tongues; and they shall come, and see My glory.

19. और मैं उन से एक चिन्ह प्रगट करूंगा; और उनके बचे हुओं को मैं उन अन्यजातियों के पास भेजूंगा जिन्हों ने न तो मेरा समाचार सुना है और न मेरी महिमा देखी है, अर्थात् तर्शीशियों और धनुर्धारी पूलियों और लूदियों के पास, और तबलियों और यूनानियों और दूर द्वीपवासियों के पास भी भेज दूंगा और वे अन्यजातियों में मेरी महिमा का वर्णन करेंगे।

19. And I will leave a sign upon them, and I will send forth them that have escaped of them to the nations, to Tarshish, Pul, Lud, Mosoch, and to Tubal, and to Greece, and to the isles afar off, to those who have not heard of My name, nor seen My glory; and they shall declare My glory among the Gentiles.

20. और जैसे इस्राएली लोग अन्नबलि को शुद्ध पात्रा में धरकर यहोवा के भवन में ले आते हैं, वैसे ही वे तुम्हारे सब भाइयों को घोड़ों, रथों, पालयिों, खच्चरों और साड़नियों पर चढ़ा चढ़ाकर मेरे पवित्रा पर्वत यरूशलेम पर यहोवा की भेंट के लिये ले आएंगे, यहोवा का यही वचन है।

20. And they shall bring your brethren out of all nations for a gift to the Lord with horses, and chariots, in litters [drawn by] mules with awnings, to the holy city Jerusalem, said the Lord, as though the children of Israel should bring their sacrifices to Me with psalms into the house of the Lord.

21. और उन में से मैं कितने लोगों को याजक और लेवीय पद के लिये भी चुन लूंगा।।

21. And I will take of them priests and Levites, says the Lord.

22. क्योंकि जिस प्रकार नया आकाश और नई पृथ्वी, जो मैं बनाने पर हूं, मेरे सम्मुख बनी रहेगी, उसी प्रकार तुम्हारा वंश और तुम्हारा नाम भी बना रहेगा; यहोवा की यही वाणी है।
2 पतरस 3:13, प्रकाशितवाक्य 21:1

22. For as the new heaven and the new earth, which I make, remain before Me, says the Lord, so shall your seed and your name continue.

23. फिर ऐसा होगा कि एक नये चांद से दूसरे नये चांद के दिन तक और एक विश्राम दिन से दूसरे विश्राम दिन तक समस्त प्राणी मेरे साम्हने दण्डवत् करने को आया करेंगे; यहोवा का यही वचन है।।

23. And it shall come to pass from month to month, and from Sabbath to Sabbath, [that] all flesh shall come to worship before Me in Jerusalem, says the Lord.

24. तब वे निकलकर उन लोगों की लोथों पर जिन्हों ने मुझ से बलवा किया दृष्टि डालेंगे; क्योंकि उन में पड़े हुए कीड़े कभी न मरेंगे, उनकी आस कभी न बुझेगी, और सारे मनुष्यों को उन से अत्यन्त घृणा होगी।।
मरकुस 9:48

24. And they shall go forth, and see the carcasses of the men that have transgressed against Me; for their worm shall not die, and their fire shall not be quenched; and they shall be a spectacle to all flesh.



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