3. बैल का बलि करनेवाला मनुष्य के मार डालनेवाले के समान है; जो भेड़ के चढ़ानेवाला है वह उसके समान है जो कुत्ते का गला काटता है; जो अन्नबलि चढ़ाता है वह मानो सूअर का लोहू चढ़ानेवाले के समान है; और, जो लोबान जलाता है, वह उसके समान है जो मूरत को धन्य कहता है। इन सभों ने अपना अपना मार्ग चुन लिया है, और घिनौनी वस्तुओं से उनके मन प्रसन्न हाते हैं।
3. He that slaughtereth an ox, is as one who smiteth a man, He that sacrificeth a lamb, is as one who beheadeth a dog, he that causeth a meal-offering to ascend, offereth it with the blood of swine, He that maketh a memorial of frankincense, is as one who blesseth iniquity: They indeed, have chosen their own ways, And in their own abominations, their soul hath found delight;