6. परदेशी भी जो यहोवा के साथ इस इच्छा से मिले हुए हैं कि उसकी सेवा टहल करें और यहोवा के नाम से प्रीति रखें और उसके दास हो जाएं, जितने विश्रामदिन को अपवित्रा करने से बचे रहते और मेरी वाचा को पालते हैं,
6. Also the sons of the stranger, that join themselves to the LORD, to serve him, and to love the name of the LORD, to be his servants, every one that keepeth the sabbath from profaning it, and taketh hold of my covenant;