26. और अपने दास के वचन को पूरा करता और अपने दूतों की युक्ति को सुफल करता हूं; जो यरूशलेम के विषय कहता है, वह फिर बसाई जाएगी और यहूदा के नगरों के विषय, वे फिर बनाए जाएंगे और मैं उनके खण्डहरों को सुधारूंगा;
26. that confirmeth the word of His servant, and performeth the counsel of His messengers, that saith to Jerusalem, `Thou shalt be inhabited,' and to the cities of Judah, `Ye shall be built, and I will raise up the decayed places thereof';