7. उस समय जिस जाति के लोग बलिष्ट और सुन्दर हैं, और जो आदि ही से डरावने होते आए हैं, और मापने और रौंदनेवाले हैं, और जिनका देश नदियों से विभाजित किया हुआ है, उस जाति से सेनाओं के यहोवा के नाम के स्थान सिरयोन पर्वत पर सेनाओं के यहोवा के पास भेंट पहुंचाई जाएगी।।
7. তৎকালে বাহিনীগণের সদাপ্রভুর নিকটে ঐ দীর্ঘকায় ও মসৃণাঙ্গ জাতি উপহার বলিয়া আনীত হইবে; হাঁ, সেই যে জনবৃন্দ আদি হইতে ভয়ঙ্কর, যে জাতি পরিমাণ করে ও দলিত করে, যাহার দেশ নদনদী দ্বারা বিভক্ত, সেই জাতি হইতে বাহিনীগণের সদাপ্রভুর নামের স্থানে, সিয়োন পর্ব্বতে, [উপহার আনীত হইবে]।