2. और समुद्र पर दूतों को नरकट की नावों में बैठाकर जल के मार्ग से यह कहके भेजता है, हे फुर्तीले दूतो, उस जाति के पास जाओ जिसके लोग बलिष्ट और सुन्दर हैं, जो आदि से अब तक डरावने हैं, जो मापने और रौंदनेवाला भी हैं, और जिनका देश नदियों से विभाजित किया हुआ है।।
2. He who sends ambassadors by the sea, even in vessels of bulrushes upon the waters, [saying], Go, ye swift messengers, to the people scattered and peeled, to the people full of fears from their beginning, and until now, [a] people tired of waiting and trodden down, whose land the rivers have spoiled!