12. फिर सबेरे उठकर दाख की बारियों में चलें, और देखें कि दाखलता में कलियें लगी हैं कि नहीं, कि दाख के फूल खिलें हैं या नहीं, और अनार फूले हैं वा नहीं वहां मैं तुझ को अपना प्रेम दिखाऊंगी।
12. চল, প্রত্যূষে উঠিয়া দ্রাক্ষাক্ষেত্রে যাই, দেখি, দ্রাক্ষালতা পল্লবিত হইয়াছে কি না, তাহার মুকুল ধরিয়াছে কি না, দাড়িম্ব পুষ্প ফুটিয়াছে কি না; সেখানে তোমাকে আমার প্রেম প্রদান করিব।