26. जो मनुष्य परमेश्वर की दृष्टि में अच्छा है, उसको वह बुद्धि और ज्ञान और आनन्द देता है; परन्तु पापी को वह दु:खभरा काम ही देता है कि वह उसका देने के लिये संचय करके ढेर लगाए जो परमेश्वर की दृष्टि में अच्छा हो। यह भी व्यर्थ और वायु को पकड़ना है।।
26. God yaf wisdom, and kunnyng, and gladnesse to a good man in his siyt; but he yaf turment, and superflu bisynesse to a synnere, that he encreesse, and gadere togidere, and yyue to hym that plesith God; but also this is vanyte, and veyn bisynesse of soule.