20. राजा को मन में भी शाप न देना, न धनवान को अपने शयन की कोठरी में शाप देना; क्योंकि कोई आकाश का पक्षी तेरी वाणी को ले जाएगा, और कोई उड़ानेवाला जन्तु उस बात को प्रगट कर देगा।।
20. Curse not the king, no, not even in thy thoughts, and curse not the rich in thy bedchamber; for a bird of the air shall carry thy voice, and that which hath wings shall tell the matter.