17. हे देश, तू धन्य है जब तेरा राजा कुलीन है; और तेरे हाकिम समय पर भोज करते हैं, और वह भी मतवाले होने को नहीं, वरन्त बल बढ़ाने के लिये!
17. হে দেশ, ধন্য তুমি, যদি কুলীন-পুত্র তোমার রাজা হন, এবং তোমার অধ্যক্ষগণ উপযুক্ত সময়ে ভোজন করেন, বলবৃদ্ধির নিমিত্ত, মত্ততার নিমিত্ত নয়।