Exodus - निर्गमन 6 | View All

1. तब यहोवा ने मूसा से कहा, अब तू देखेगा कि मैं फिरौन ने क्या करूंगा; जिस से वह उनको बरबस निकालेगा, वह तो उन्हें अपने देश से बरबस निकाल देगा।।
प्रेरितों के काम 13:17

1. Then the Lord said to Moses, 'Now you will see what I will do to the king of Egypt. I will use my great power against him, and he will let my people go. Because of my power, he will force them out of his country.'

2. और परमेश्वर ने मूसा से कहा, कि मैं यहोवा हूं।

2. Then God said to Moses, 'I am the Lord.

3. मैं सर्वशक्तिमान ईश्वर के नाम से इब्राहीम, इसहाक, और याकूब को दर्शन देता था, परन्तु यहोवा के नाम से मैं उन पर प्रगट न हुआ।

3. I appeared to Abraham, Isaac, and Jacob by the name God Almighty, but they did not know me by my name, the Lord.

4. और मैं ने उनके साथ अपनी वाचा दृढ़ की है, अर्थात् कनान देश जिस में वे परदेशी होकर रहते थे, उसे उन्हें दे दूं।

4. I also made my agreement with them to give them the land of Canaan. They lived in that land, but it was not their own.

5. और इस्राएली जिन्हें मिद्दी लोग दासत्व में रखते हैं उनका कराहना भी सुनकर मैं ने अपनी वाचा को स्मरण किया है।

5. Now I have heard the cries of the Israelites, whom the Egyptians are treating as slaves, and I remember my agreement.

6. इस कारण तू इस्राएलियों से कह, कि मैं यहोवा हूं, और तुम को मिस्त्रियों के बोझों के नीचे से निकालूंगा, और उनके दासत्व से तुम को छुडाऊंगा, और अपनी भुजा बढ़ाकर और भारी दण्ड देकर तुम्हें छुड़ा लूंगा,
प्रेरितों के काम 13:17

6. So tell the people of Israel that I say to them, 'I am the Lord. I will save you from the hard work the Egyptians force you to do. I will make you free, so you will not be slaves to the Egyptians. I will free you by my great power, and I will punish the Egyptians terribly.

8. और जिस देश के देने की शपथ मैं ने इब्राहीम, इसहाक, और याकूब से खाई थी उसी में मैं तुम्हें पहुंचाकर उसे तुम्हारा भाग कर दूंगा। मैं तो यहोवा हूं।

8. I will lead you to the land that I promised to Abraham, Isaac, and Jacob, and I will give you that land to own. I am the Lord.''

9. और ये बातें मूसा ने इस्राएलियों को सुनाई; परन्तु उन्हों ने मन की बेचैनी और दासत्व की क्रूरता के कारण उसकी न सुनी।।

9. So Moses told this to the Israelites, but they would not listen to him. They were discouraged, and their slavery was hard.

10. तब यहोवा ने मूसा से कहा,

10. Then the Lord said to Moses,

11. तू जाकर मि के राजा फिरौन से कह, कि इस्राएलियों को अपने देश में से निकल जाने दे।

11. 'Go tell the king of Egypt that he must let the Israelites leave his land.'

12. और मूसा ने यहोवा से कहा, देख, इस्राएलियों ने मेरी नहीं सुनी; फिर फिरौन मुझ भ : बोलनेवाले की क्योंकर सुनेगा ?

12. But Moses answered, 'The Israelites will not listen to me, so surely the king will not listen to me either. I am not a good speaker.'

13. और यहोवा ने मूसा और हारून को इस्राएलियों और मि के राजा फिरौन के लिये आज्ञा इस अभिप्राय से दी कि वे इस्राएलियों को मि देश से निकाल ले जाएं।

13. But the Lord spoke to Moses and Aaron and gave them orders about the Israelites and the king of Egypt. He commanded them to lead the Israelites out of Egypt.

14. उनके पितरों के घरानों के मुख्य पुरूष ये हैं : इस्राएल के जेठा रूबेन के पुत्रा : हनोक, पल्लू, हेद्दॊन और कर्म्मी थे;

14. These are the leaders of the families of Israel: Israel's first son, Reuben, had four sons: Hanoch, Pallu, Hezron, and Carmi. These are the family groups of Reuben.

15. और शिमोन के पुत्रा : यमूएल, यामीन, ओहद, याकिन, और सोहर थे, और एक कनानी स्त्री का बेटा शाउल भी था; इन्हीं से शिमोन के कुल निकले।

15. Simeon's sons were Jemuel, Jamin, Ohad, Jakin, Zohar, and Shaul, the son of a Canaanite woman. These are the family groups of Simeon.

16. और लेवी के पुत्रा जिन से उनकी वंशावली चली है, उनके नाम ये हैं : अर्थात् गेर्शोन, कहात और मरारी, और लेवी को पूरी अवस्था एक सौ सैंतीस वर्ष की हुई।

16. Levi lived one hundred thirty-seven years. These are the names of his sons according to their family history: Gershon, Kohath, and Merari.

17. गेर्शोन के पुत्रा जिन से उनका कुल चला : लिबनी और शिमी थे।

17. Gershon had two sons, Libni and Shimei, with their families.

18. और कहात के पुत्रा : अम्राम, यिसहार, हेब्रोन और उज्जीएल थे, और कहात की पूरी अवस्था एक सौ सैंतीस वर्ष की हुई।

18. Kohath lived one hundred thirty-three years. The sons of Kohath were Amram, Izhar, Hebron, and Uzziel.

19. और मरारी के पुत्रा : महली और मूशी थे। लेवियों के कुल जिन से उनकी वंशावली चली ये ही हैं।

19. The sons of Merari were Mahli and Mushi. These are the family groups of Levi, according to their family history.

20. अम्राम ने अपनी फूफी योकेबेद को ब्याह लिया और उस से हारून और मूसा उत्पन्न हुए, और अम्राम की पूरी अवस्था एक सौ सैंतीस वर्ष की हुई।

20. Amram married his father's sister Jochebed, who gave birth to Aaron and Moses. Amram lived one hundred thirty-seven years.

21. और यिसहार के पुत्रा कोरह, नेपेग और जिक्री थे।

21. Izhar's sons were Korah, Nepheg, and Zicri.

22. और उज्जीएल के पुत्रा: मीशाएल, एलसापन और सित्री थे।

22. Uzziel's sons were Mishael, Elzaphan, and Sithri.

23. और हारून ने अम्मीनादाब की बेटी, और नहशोन की बहिन एलीशेबा को ब्याह लिया; और उस से नादाब, अबीहू, ऐलाजार और ईतामार उत्पन्न हुए।

23. Aaron married Elisheba, the daughter of Amminadab and the sister of Nahshon. Elisheba gave birth to Nadab, Abihu, Eleazar, and Ithamar.

24. और कोरह के पुत्रा : अस्सीर, एलकाना और अबीआसाप थे; और इन्हीं से कोरहियों के कुल निकले।

24. The sons of Korah were Assir, Elkanah, and Abiasaph. These are the family groups of the Korahites.

25. और हारून के पुत्रा एलाजार ने पूतीएल की एक बेटी को ब्याह लिया; और उस से पीनहास उत्पन्न हुआ जिन से उनका कुल चला। लेवियों के पितरों के घरानों के मुख्य पुरूष ये ही हैं।

25. Eleazar son of Aaron married a daughter of Putiel, and she gave birth to Phinehas. These are the leaders of the family groups of the Levites.

26. हारून और मूसा वे ही हैं जिनको यहोवा ने यह आज्ञा दी, कि इस्राएलियों को दल दल करके उनके जत्थों के अनुसार मि देश से निकाल ले आओ।

26. This was the Aaron and Moses to whom the Lord said, 'Lead the people of Israel out of Egypt by their divisions.'

27. ये वही मूसा और हारून हैं जिन्हों ने मि के राजा फिरौन से कहा, कि हम इस्राएलियों को मि से निकाल ले जाएंगे।।

27. Aaron and Moses are the ones who talked to the king of Egypt and told him to let the Israelites leave Egypt.

28. जब यहोवा ने मि देश में मूसा से यह बात कही,

28. The Lord spoke to Moses in the land of Egypt

29. कि मैं तो यहोवा हूं; इसलिये जो कुछ मैं तुम से कहूंगा वह सब मि के राजा फिरौन से कहना।

29. and said, 'I am the Lord. Tell the king of Egypt everything I tell you.'

30. और मूसा ने यहोवा को उत्तर दिया, कि मैं तो बोलने में भस्रा हूं; और फिरोन क्योंकर मेरी सुनेगा ?

30. But Moses answered, 'I am not a good speaker. The king will not listen to me.'



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