Exodus - निर्गमन 35 | View All

1. मूसा ने इस्त्राएलियों की सारी मण्डली इकट्ठी करके उन से कहा, जिन कामों के करने की आज्ञा यहोवा ने दी है वे ये हैं।

1. Moses assembled all the congregation of the Israelites and said to them: These are the things that the LORD has commanded you to do:

2. छ: दिन तो काम काज किया जाए, परन्तु सातवां दिन तुम्हारे लिये पवित्रा और यहोवा के लिये परमविश्राम का दिन ठहरे; उस में जो कोई काम काज करे वह मार डाला जाए;

2. Six days shall work be done, but on the seventh day you shall have a holy sabbath of solemn rest to the LORD; whoever does any work on it shall be put to death.

3. वरन विश्राम के दिन तुम अपने अपने घरों में आग तक न जलाना।।

3. You shall kindle no fire in all your dwellings on the sabbath day.

4. फिर मूसा ने इस्त्राएलियों की सारी मण्डली से कहा, जिस बात की आज्ञा यहोवा ने दी है वह यह है।

4. Moses said to all the congregation of the Israelites: This is the thing that the LORD has commanded:

5. तुम्हारे पास से यहोवा के लिये भेंट ली जाए, अर्थात् जितने अपनी इच्छा से देना चाहें वे यहोवा की भेंट करके ये वस्तुएं ले आएं; अर्थात् सोना, रूपा, पीतल;

5. Take from among you an offering to the LORD; let whoever is of a generous heart bring the LORD's offering: gold, silver, and bronze;

6. नीले, बैंजनी और लाल रंग का कपड़ा, सूक्ष्म सनी का कपड़ा; बकरी का बाल,

6. blue, purple, and crimson yarns, and fine linen; goats' hair,

7. लाल रंग से रंगी हुई मेढ़ों की खालें, सुइसों की खालें; बबूल की लकड़ी,

7. tanned rams' skins, and fine leather; acacia wood,

8. उजियाला देने के लिये तेल, अभिषेक का तेल, और धूप के लिये सुगन्धद्रव्य,

8. oil for the light, spices for the anointing oil and for the fragrant incense,

9. फिर एपोद और चपरास के लिये सुलैमानी मणि और जड़ने के लिये मणि।

9. and onyx stones and gems to be set in the ephod and the breastpiece.

10. और तुम में से जितनों के हृदय में बुद्धि का प्रकाश है वे सब आकर जिस जिस वस्तु की आज्ञा यहोवा ने दी है वे सब बनाएं।

10. All who are skillful among you shall come and make all that the LORD has commanded: the tabernacle,

11. अर्थात् तम्बू, और ओहार समेत निवास, और उसकी घुंडी, तख्ते, बेंड़े, खम्भे और कुर्सियां;

11. its tent and its covering, its clasps and its frames, its bars, its pillars, and its bases;

12. फिर डण्डों समेत सन्दूक, और प्रायश्चित्त का ढकना, और बीचवाला पर्दा;

12. the ark with its poles, the mercy seat, and the curtain for the screen;

13. डण्डों और सब सामान समेत मेज़, और भेंट की रोटियां;

13. the table with its poles and all its utensils, and the bread of the Presence;

14. सामान और दीपकों समेत उजियाला देनेवाला दीवट, और उजियाला देने के लिये तेल;

14. the lampstand also for the light, with its utensils and its lamps, and the oil for the light;

15. डण्डों समेत धूपवेदी, अभिषेक का तेल, सुगन्धित धूप, और निवास के द्वार का पर्दा;

15. and the altar of incense, with its poles, and the anointing oil and the fragrant incense, and the screen for the entrance, the entrance of the tabernacle;

16. पीतल की झंझरी, डण्डों आदि सारे सामान समेत होमवेदी, पाए समेत होदी;

16. the altar of burnt offering, with its grating of bronze, its poles, and all its utensils, the basin with its stand;

17. खम्भों और उनकी कुर्सियों समेत आंगन के पर्दे, और आंगन के द्वार के पर्दे;

17. the hangings of the court, its pillars and its bases, and the screen for the gate of the court;

18. निवास और आंगन दोनों के खूंटे, और डोरियां;

18. the pegs of the tabernacle and the pegs of the court, and their cords;

19. पवित्रास्थान में सेवा टहल करने के लिये काढ़े हुए वस्त्रा, और याजक का काम करने के लिये हारून याजक के पवित्रा वस्त्रा, और उसके पुत्रों के वस्त्रा भी।।

19. the finely worked vestments for ministering in the holy place, the holy vestments for the priest Aaron, and the vestments of his sons, for their service as priests.

20. तब इस्त्राएलियों की सारी मण्डली मूसा के साम्हने से लौट गई।

20. Then all the congregation of the Israelites withdrew from the presence of Moses.

21. और जितनों को उत्साह हुआ, और जितनों के मन में ऐसी इच्छा उत्पन्न हुई थी, वे मिलापवाले तम्बू के काम करने और उसकी सारी सेवकाई और पवित्रा वस्त्रों के बनाने के लिये यहोवा की भेंट ले आने लगे।

21. And they came, everyone whose heart was stirred, and everyone whose spirit was willing, and brought the LORD's offering to be used for the tent of meeting, and for all its service, and for the sacred vestments.

22. क्या स्त्री, क्या पुरूष, जितनों के मन में ऐसी इच्छा उत्पन्न हुई भी वे सब जुगनू, नथुनी, मुंदरी, और कंगन आदि सोने के गहने ले आने लगे, इस भंाति जितने मनुष्य यहोवा के लिये सोने की भेंट के देनेवाले थे वे सब उनको ले आए।

22. So they came, both men and women; all who were of a willing heart brought brooches and earrings and signet rings and pendants, all sorts of gold objects, everyone bringing an offering of gold to the LORD.

23. और जिस जिस पुरूष के पास नीले, बैंजनी वा लाल रंग का कपड़ा वा सूक्ष्म सनी का कपड़ा, वा बकरी का बाल, वा लाल रंग से रंगी हुई मेढ़ों की खालें, वा सूइसों की खालें थी वे उन्हें ले आए।

23. And everyone who possessed blue or purple or crimson yarn or fine linen or goats' hair or tanned rams' skins or fine leather, brought them.

24. फिर जितने चांदी, वा पीतल की भेंट के देनेवाले थे वे यहोवा के लिये वैसी भेंट ले आए; और जिस जिसके पास सेवकाई के किसी काम के लिये बबूल की लकड़ी थी वे उसे ले आए।

24. Everyone who could make an offering of silver or bronze brought it as the LORD's offering; and everyone who possessed acacia wood of any use in the work, brought it.

25. और जितनी स्त्रियों के हृदय में बुद्धि का प्रकाश था वे अपने हाथों से सूत कात कातकर नीले, बैंजनी और लाल रंग के, और सूक्ष्म सनी के काते हुए सूत को ले आई।

25. All the skillful women spun with their hands, and brought what they had spun in blue and purple and crimson yarns and fine linen;

26. और जितनी स्त्रियों के मन में ऐसी बुद्धि का प्रकाश था उन्हो ने बकरी के बाल भी काते।

26. all the women whose hearts moved them to use their skill spun the goats' hair.

27. और प्रधान लोग एपोद और चपरास के लिये सुलैमानी मणि, और जड़ने के लिये मणि,

27. And the leaders brought onyx stones and gems to be set in the ephod and the breastpiece,

28. और उजियाला देने और अभिषेक और धूप के सुगन्धद्रव्य और तेल ले आये।

28. and spices and oil for the light, and for the anointing oil, and for the fragrant incense.

29. जिस जिस वस्तु के बनाने की आज्ञा यहोवा ने मूसा के द्वारा दी थी उसके लिये जो कुछ आवश्यक था, उसे वे सब पुरूष और स्त्रियां ले आई, जिनके हृदय में ऐसी इच्छा उत्पन्न हुई थी। इस प्रकार इस्त्राएली यहोवा के लिये अपनी ही इच्छा से भेंट ले आए।।

29. All the Israelite men and women whose hearts made them willing to bring anything for the work that the LORD had commanded by Moses to be done, brought it as a freewill offering to the LORD.

30. तब मूसा ने इस्त्राएलियों से कहा सुनो, यहोवा ने यहूदा के गोत्रावाले बसलेल को, जो ऊरी का पुत्रा और हूर का पोता है, नाम लेकर बुलाया है।

30. Then Moses said to the Israelites: See, the LORD has called by name Bezalel son of Uri son of Hur, of the tribe of Judah;

31. और उस ने उसको परमेश्वर के आत्मा से ऐसा परिपूर्ण किया हे कि सब प्रकार की बनावट के लिये उसको ऐसी बुद्धि, समझ, और ज्ञान मिला है,

31. he has filled him with divine spirit, with skill, intelligence, and knowledge in every kind of craft,

32. कि वह कारीगरी की युक्तियां निकालकर सोने, चांदी, और पीतल में,

32. to devise artistic designs, to work in gold, silver, and bronze,

33. और जड़ने के लिये मणि काटने में और लकड़ी के खोदने में, वरन बुद्धि से सब भांति की निकाली हुई बनावट में काम कर सके।

33. in cutting stones for setting, and in carving wood, in every kind of craft.

34. फिर यहोवा ने उसके मन में और दान के गोत्रावाले अहीसामाक के पुत्रा ओहोलीआब के मन में भी शिक्षा देने की शक्ति दी है।

34. And he has inspired him to teach, both him and Oholiab son of Ahisamach, of the tribe of Dan.

35. इन दोनों के हृदय को यहोवा ने ऐसी बुद्धि से परिपूर्ण किया है, कि वे खोदने और गढ़ने और नीले, बैजनी और लाल रंग के कपड़े, और सूक्ष्म सनी के कपड़े में काढ़ने और बुनने, वरन सब प्रकार की बनावट में, और बुद्धि से काम निकालने में सब भांति के काम करें।।

35. He has filled them with skill to do every kind of work done by an artisan or by a designer or by an embroiderer in blue, purple, and crimson yarns, and in fine linen, or by a weaver-- by any sort of artisan or skilled designer.



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