Psalms - भजन संहिता 74 | View All

1. हे परमेश्वर, तू ने हमें क्यों सदा के लिये छोड़ दिया है? तेरी कोपाग्नि का धुआं तेरी चराई की भेंड़ों के विरूद्ध क्यों उठ रहा है?

1. [A wise instruction (to be song) of Asaph.] O Lorde wherfore dost thou forsake vs altogether? wherfore breaketh foorth thy anger agaynst the sheepe of thy pasture.

2. अपनी मण्डली को जिसे तू ने प्राचीनकाल में मोल लिया था, और अपने निज भाग का गोत्रा होने के लिये छुड़ा लिया था, और इस सिरयोन पर्वत को भी, जिस पर तू ने वास किया था, स्मारण कर!
प्रेरितों के काम 20:28

2. Remember thy congregation, thou hast possest it nowe a long tyme: thou hast redeemed the rodde of thine inheritaunce, euen mount Sion wherein thou dwellest.

3. अपने डग सनातन की खंडहर की ओर बढ़ा; अर्थात् उन सब बुराइयों की ओर जो शत्राृ ने पवित्रास्थान में किए हैं।।

3. Lyft vp thy feete for to destroy vtterly euery enemie: which hath done euyll in thy sanctuarie.

4. तेरे द्रोही तेरे सभास्थान के बीच गरजते रहे हैं; उन्हों ने अपनी ही ध्वजाओं को चिन्ह ठहराया है। वे उन मनुष्यों के समान थे

4. Thyne aduersaries roare in the myddest of thy congregations: and set vp their banners for signes [of victorie.]

5. जो घने वन के पेड़ों पर कुल्हाड़े चलाते हैं।

5. He that hewed tymber afore out of thicke woddes [for to builde the temple:] was esteemed as one offeryng a present [to God] aboue.

6. और अब वे उस भवन की नक्काशी को, कुल्हाडियों और हथौड़ों से बिलकुल तोड़े डालते हैं।

6. But nowe they breake downe into peeces all the carued worke therof: with axes and hammers.

7. उन्हों ने तेरे पवित्रास्थान को आग में झोंक दिया है, और तेरे नाम के निवास को गिराकर अशुद्ध कर डाला है।

7. They haue set fire on thy holy places: they haue defiled the dwellyng place of thy name [castyng it downe] to the groud.

8. उन्हों ने मन में कहा है कि हम इनको एकदक दबा दें; उन्हों ने इस देश में ईश्वर के सब सभास्थानों कों फूंक दिया है।।

8. Yea, they sayde in their heartes, let vs make hauocke of them altogether: thus haue they burnt vp all the houses of God in the lande.

9. हम को हमारे निशान नहीं देख पड़ते; अब कोई नबी नहीं रहा, न हमारे बीच कोई जानता है कि कब तक यह दशा रहेगी।

9. We see not our ensignes, there is not one prophete more: no not one is there amongst vs that vnderstandeth our case.

10. हे परमेश्वर द्रोही कब तक नामधराई करता रहेगा? क्या शत्रु, तेरे नाम की निन्दा सदा करता रहेगा?

10. O Lorde shall the aduersarie do this dishonour continually? shall the enemie blaspheme thy name for euer?

11. तू अपना दहिना हाथ क्यों रोके रहता है? उसे अपने पांजर से निकाल कर उनका अन्त कर दे।।

11. Why withdrawest thou thy hande, yea thy right hande? consume [them, drawing] it out of thy bosome.

12. परमेश्वर तो प्राचीनकाल से मेरा राजा है, वह पृथ्वी पर उद्धार के काम करता आया है।

12. Truely God is my kyng of olde: who worketh saluation in the myddest of the earth.

13. तू ने अपनी शक्ति से समुद्र को दो भाग कर दिया; तू ने जल में मगरमच्छों के सिरों को फोड़ दिया।

13. Thou didst deuide the sea through thy power: thou brakest the heades of the dragons in the waters.

14. तू ने तो लिव्यातानों के सिर टुकड़े टुकड़े करके जंगली जन्तुओं को खिला दिए।

14. Thou smotest the heades of Leuiathan in peeces: and gauest hym to be meate for the people in wildernesse.

15. तू ने तो सोता खोलकर जल की धारा बहाई, तू ने तो बारहमासी नदियों को सुखा डाला।

15. Thou broughtest out fountaynes and waters out of the harde rockes: thou dyddest drye vp mightie waters.

16. दिन तेरा है रात भी तेरी है; सूर्य और चन्द्रमा को तू ने स्थिर किया है।

16. The day is thine, & the nyght is thine: thou hast prepared the light & the sunne.

17. तू ने तो पृथ्वी के सब सिवानों को ठहराया; धूपकाल और जाड़ा दोनों तू ने ठहराए हैं।।

17. Thou hast set all the borders of the earth: thou hast ordeyned summer and wynter.

18. हे यहोवा स्मरण कर, कि शत्रु ने नामधराई ही है, और मूढ़ लोगों ने तेरे नाम की निन्दा की है।

18. Remember this O God, the enemie hath dishonoured: and the foolishe people hath blasphemed thy name.

19. अपनी पिण्डुकी के प्राण को वनपशु के वश में न कर; अपने दी जनों को सदा के लिये न भूल

19. O deliuer not the soule of thy turtle doue vnto a wylde beast: forget not the congregation of the poore for euer.

20. अपनी वाचा की सुधि ले; क्योंकि देश के अन्धेरे स्थान अत्याचार के घरों से भरपूर हैं।

20. Loke vpon the couenaunt: for darknesse of the earth hath replenisshed houses with iniquitie.

21. पिसे हुए जन को निरादर होकर लौटना न पड़े; दीन दरिद्र लोग तेरे नाम की स्तुति करने पाएं।।

21. O let not the simple go away ashamed: but let the afflicted & needy geue prayse vnto thy name.

22. हे परमेश्वर उठ, अपना मुक मा आप ही लड़; तेरी जो नामधराई मूढ़ से दिन भर होती रहती है, उसे स्मरण कर।

22. Arise O Lord, mayntayne thine owne cause: remember the dishonour that the foolishe man [doth] vnto thee dayly.

23. अपने द्रोहियों का बड़ा बोल न भूल, तेरे विरोधियों को कोलाहल तो निरन्तर उठता रहता है।

23. Forget not the voyce of thine enemies: the mutteryng of them that hate thee ascendeth vp continually.



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