Psalms - भजन संहिता 35 | View All

1. हे यहोवा जो मेरे साथ मुक मा लड़ते हैं, उनके साथ तू भी मुक मा लड़; जो मुझ से युद्व करते हैं, उन से तू युद्व कर।

1. [By David.] O LORD, fight those who fight with me! Attack those who attack me!

2. ढाल और भाला लेकर मेरी सहायता करने को खड़ा हो।

2. Grab your small shield and large shield, and rise up to help me!

3. बर्छी को खींच और मेरा पीछा करनेवालों के साम्हने आकर उनको रोक; और मुझ से कह, कि मैं तेरा उद्वार हूं।।

3. Use your spear and lance against those who chase me! Assure me with these words: 'I am your deliverer!'

4. जो मेरे प्राण के ग्राहक हैं वे लज्जित और निरादर हों! जो मेरी हाति की कल्पना करते हैं, वह पीछे हटाए जाएं और उनका मुंह काला हो!

4. May those who seek my life be embarrassed and humiliated! May those who plan to harm me be turned back and ashamed!

5. वे वायु से उड़ जानेवाली भूसी के समान हों, और यहोवा का दूत उन्हें हांकता जाए!

5. May they be like wind-driven chaff, as the LORD's angel attacks them!

6. उनका मार्ग अन्धियारा और फिसलाहा हो, और यहोवा का दूत उनको खदेड़ता जाए।।

6. May their path be dark and slippery, as the LORD's angel chases them!

7. क्योंकि अकारण उन्हों ने मेरे लिये अपना जाल गड़हे में बिछाया; अकारण ही उन्हों ने मेरा प्राण लेने के लिये गड़हा खोदा है।

7. I did not harm them, but they hid a net to catch me and dug a pit to trap me.

8. अचानक उन पर विपत्ति आ पड़े! और जो जाल उन्हों ने बिछाया है उसी में वे आप ही फंसे; और उसी विपत्ति में वे आप ही पड़ें!
रोमियों 11:9-10

8. Let destruction take them by surprise! Let the net they hid catch them! Let them fall into destruction!

9. परन्तु मैं यहोवा के कारण अपने मन में मगन होऊंगा, मैं उसके किए हुए उद्वार से हर्षित होऊंगा।

9. Then I will rejoice in the LORD and be happy because of his deliverance.

10. मेरी हड्डी हड्डी कहेंगी, हे यहोवा तेरे तुल्य कौन है, जो दी को बड़े बड़े बलवन्तों से बचाता है, और लुटेरों से दीन दरिद्र लोगों की रक्षा करता है?

10. With all my strength I will say, 'O LORD, who can compare to you? You rescue the oppressed from those who try to overpower them; the oppressed and needy from those who try to rob them.'

11. झूठे साक्षी खड़े होते हैं; और जो बात मैं नहीं जानता, वही मुझ से पूछते हैं।

11. Violent men perjure themselves, and falsely accuse me.

12. वे मुझ से भलाई के बदले बुराई करते हैं; यहां तक कि मेरा प्राण ऊब जाता है।

12. They repay me evil for the good I have done; I am overwhelmed with sorrow.

13. जब वे रोगी थे तब तो मैं टाट पहिने रहा, और उपवास कर करके दु:ख उठाता रहा; और मेरी प्रार्थना का फल मेरी गोद में लौट आया।
रोमियों 12:15

13. When they were sick, I wore sackcloth, and refrained from eating food. (If I am lying, may my prayers go unanswered!)

14. मैं ऐसा भाव रखता था कि मानो वे मेरे संगी वा भाई हैं; जैसा कोई माता के लिये विलाप करता हो, वैसा ही मैं ने शोक का पहिरावा पहिने हुए सिर झुकाकर शोक किया।।

14. I mourned for them as I would for a friend or my brother. I bowed down in sorrow as if I were mourning for my mother.

15. परन्तु जब मैं लंगड़ाने लगा तब वे लोग आनन्दित होकर इकट्ठे हुए, नीच लोग और जिन्हें मैं जानता भी न था वे मेरे विरूद्व इकट्ठे हुए; वे मुझे लगातार फाड़ते रहे;

15. But when I stumbled, they rejoiced and gathered together; they gathered together to ambush me. They tore at me without stopping to rest.

16. उन पाखण्डी भांड़ों की नाई जो पेट के लिये उपहास करते हैं, वे भी मुझ पर दांत पीसते हैं।।
प्रेरितों के काम 7:54

16. When I tripped, they taunted me relentlessly, and tried to bite me.

17. हे प्रभु तू कब तक देखता रहेगा? इस विपत्ति से, जिस में उन्हों ने मुझे डाला है मुझ को छुड़ा! जवान सिहों से मेरे प्राण को बचा ले!

17. O Lord, how long are you going to just stand there and watch this? Rescue me from their destructive attacks; guard my life from the young lions!

18. मैं बड़ी सभा में तेरा धन्यवाद करूंगा; बहुतेरे लोगों के बीच में तेरी स्तुति करूंगा।।

18. Then I will give you thanks in the great assembly; I will praise you before a large crowd of people!

19. मेरे झूठ बोलनेवाले शत्रु मेरे विरूद्व आनन्द न करने पाएं, जो अकारण मेरे बैरी हैं, वे आपस में नैन से सैन न करने पांए।
यूहन्ना 15:25

19. Do not let those who are my enemies for no reason gloat over me! Do not let those who hate me without cause carry out their wicked schemes!

20. क्योंकि वे मेल की बातें नहीं बोलते, परन्तु देश में जो चुपचाप रहते हैं, उनके विरूद्व छल की कल्पनाएं करते हैं।

20. For they do not try to make peace with others, but plan ways to deceive those who are unsuspecting.

21. और उन्हों ने मेरे विरूद्व मुंह पसारके कहा; आहा, आहा, हम ने अपनी आंखों से देखा है!

21. They are ready to devour me; they say, 'Aha! Aha! We've got you!'

22. हे यहोवा, तू ने तो देखा है; चुप न रह! हे प्रभु, मुझ से दूर न रह!

22. But you take notice, LORD! O Lord, do not remain far away from me!

23. उठ, मेरे न्याय के लिये जाग, हे मेरे परमेश्वर, हे मेरे प्रभु, मेरे मुक मा निपटाने के लिये आ!

23. Rouse yourself, wake up and vindicate me! My God and Lord, defend my just cause!

24. हे मेरे परमेश्वर यहोवा, तू अपने धर्म के अनुसार मेरा न्याय चुका; ओश्र उन्हें मेरे विरूद्व आनन्द करने न दे!

24. Vindicate me by your justice, O LORD my God! Do not let them gloat over me!

25. वे मन में न कहने पाएं, कि आहा! हमारी तो इच्छा पूरी हुई! वह यह न कहें कि हम उसे निगल गए हैं।।

25. Do not let them say to themselves, 'Aha! We have what we wanted!' Do not let them say, 'We have devoured him!'

26. जो मेरी हाति से आनन्दित होते हैं उनके मुंह लज्जा के मारे एक साथ काले हों! जो मेरे विरूद्ध बड़ाई मारते हैं वह लज्जा और अनादर से ढ़ंप जाएं!

26. May those who want to harm me be totally embarrassed and ashamed! May those who arrogantly taunt me be covered with shame and humiliation!

27. जो मेरे धर्म से प्रसन्न रहते हैं, वह जयजयकार और आनन्द करें, और निरन्तर करते रहें, यहोवा की बड़ाई हो, जो अपने दास के कुशल से प्रसन्न होता है!

27. May those who desire my vindication shout for joy and rejoice! May they continually say, 'May the LORD be praised, for he wants his servant to be secure.'

28. तब मेरे मुंह से तेरे धर्म की चर्चा होगी, और दिन भर तेरी स्तुति निकलेगी।।

28. Then I will tell others about your justice, and praise you all day long.



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