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Cross Reference Bible
1. हे यहोवा जो मेरे साथ मुक मा लड़ते हैं, उनके साथ तू भी मुक मा लड़; जो मुझ से युद्व करते हैं, उन से तू युद्व कर।
1. Plead [my cause], O LORD, with those that strive with me; fight against those that fight against me.
2. ढाल और भाला लेकर मेरी सहायता करने को खड़ा हो।
2. Take hold of shield and buckler, and stand up in my help.
3. बर्छी को खींच और मेरा पीछा करनेवालों के साम्हने आकर उनको रोक; और मुझ से कह, कि मैं तेरा उद्वार हूं।।
3. Draw out also the spear, and stop [the way] against those that persecute me; say unto my soul; I [am] thy saving health.
4. जो मेरे प्राण के ग्राहक हैं वे लज्जित और निरादर हों! जो मेरी हाति की कल्पना करते हैं, वह पीछे हटाए जाएं और उनका मुंह काला हो!
4. Let them be confounded and put to shame that seek after my soul let them be turned back and brought to confusion that devise my hurt.
5. वे वायु से उड़ जानेवाली भूसी के समान हों, और यहोवा का दूत उन्हें हांकता जाए!
5. Let them be as chaff before the wind, and let the angel of the LORD chase [them].
6. उनका मार्ग अन्धियारा और फिसलाहा हो, और यहोवा का दूत उनको खदेड़ता जाए।।
6. Let their way be dark and slippery, and let the angel of the LORD persecute them.
7. क्योंकि अकारण उन्हों ने मेरे लिये अपना जाल गड़हे में बिछाया; अकारण ही उन्हों ने मेरा प्राण लेने के लिये गड़हा खोदा है।
7. For without cause they have hid their net for me [in] a pit, [which] without cause they have dug for my soul.
8. अचानक उन पर विपत्ति आ पड़े! और जो जाल उन्हों ने बिछाया है उसी में वे आप ही फंसे; और उसी विपत्ति में वे आप ही पड़ें!रोमियों 11:9-10
8. Let destruction come upon him at unawares, and let his net that he has hid catch himself; into that very destruction let him fall.
9. परन्तु मैं यहोवा के कारण अपने मन में मगन होऊंगा, मैं उसके किए हुए उद्वार से हर्षित होऊंगा।
9. And my soul shall be joyful in the LORD; it shall rejoice in his saving health.
10. मेरी हड्डी हड्डी कहेंगी, हे यहोवा तेरे तुल्य कौन है, जो दी को बड़े बड़े बलवन्तों से बचाता है, और लुटेरों से दीन दरिद्र लोगों की रक्षा करता है?
10. All my bones shall say, LORD, who is like unto thee, who delivers the poor from him that is too strong for him, [yea], the poor and the needy from him that spoils him?
11. झूठे साक्षी खड़े होते हैं; और जो बात मैं नहीं जानता, वही मुझ से पूछते हैं।
11. False witnesses rose up; they laid to my charge [things] that I knew not.
12. वे मुझ से भलाई के बदले बुराई करते हैं; यहां तक कि मेरा प्राण ऊब जाता है।
12. They rewarded me evil for good until my soul was alone.
13. जब वे रोगी थे तब तो मैं टाट पहिने रहा, और उपवास कर करके दु:ख उठाता रहा; और मेरी प्रार्थना का फल मेरी गोद में लौट आया।रोमियों 12:15
13. But as for me, when they were sick, my clothing [was] sackcloth; I humbled my soul with fasting, and my prayer rose up in my bosom.
14. मैं ऐसा भाव रखता था कि मानो वे मेरे संगी वा भाई हैं; जैसा कोई माता के लिये विलाप करता हो, वैसा ही मैं ने शोक का पहिरावा पहिने हुए सिर झुकाकर शोक किया।।
14. I behaved myself as though [he had been] my friend or brother; I bowed down heavily, as one that mourns [for his] mother.
15. परन्तु जब मैं लंगड़ाने लगा तब वे लोग आनन्दित होकर इकट्ठे हुए, नीच लोग और जिन्हें मैं जानता भी न था वे मेरे विरूद्व इकट्ठे हुए; वे मुझे लगातार फाड़ते रहे;
15. But in my adversity they rejoiced and gathered themselves together; [yea], the smiters gathered themselves together against me, and I knew [it] not; they tore me [apart] and did not cease:
16. उन पाखण्डी भांड़ों की नाई जो पेट के लिये उपहास करते हैं, वे भी मुझ पर दांत पीसते हैं।।प्रेरितों के काम 7:54
16. With immature hypocritical mockers, they gnashed upon me with their teeth.
17. हे प्रभु तू कब तक देखता रहेगा? इस विपत्ति से, जिस में उन्हों ने मुझे डाला है मुझ को छुड़ा! जवान सिहों से मेरे प्राण को बचा ले!
17. Lord, how long wilt thou look on? Restore my soul from their destructions, my life from the lions.
18. मैं बड़ी सभा में तेरा धन्यवाद करूंगा; बहुतेरे लोगों के बीच में तेरी स्तुति करूंगा।।
18. I will give thee thanks in the great congregation; I will praise thee among many people.
19. मेरे झूठ बोलनेवाले शत्रु मेरे विरूद्व आनन्द न करने पाएं, जो अकारण मेरे बैरी हैं, वे आपस में नैन से सैन न करने पांए।यूहन्ना 15:25
19. Let not those that are my enemies wrongfully rejoice over me; [neither] let those that hate me wink with the eye without a cause.
20. क्योंकि वे मेल की बातें नहीं बोलते, परन्तु देश में जो चुपचाप रहते हैं, उनके विरूद्व छल की कल्पनाएं करते हैं।
20. For they do not speak peace, but they devise deceitful matters against [those that are] meek in the land.
21. और उन्हों ने मेरे विरूद्व मुंह पसारके कहा; आहा, आहा, हम ने अपनी आंखों से देखा है!
21. [Yea], they opened their mouth wide against me [and] said, Aha, aha, our eye has seen [it].
22. हे यहोवा, तू ने तो देखा है; चुप न रह! हे प्रभु, मुझ से दूर न रह!
22. [This] thou hast seen, O LORD; do not keep silence; O Lord, do not be far from me.
23. उठ, मेरे न्याय के लिये जाग, हे मेरे परमेश्वर, हे मेरे प्रभु, मेरे मुक मा निपटाने के लिये आ!
23. Stir up thyself and awake to my judgment, [even] unto my cause, my God and my Lord.
24. हे मेरे परमेश्वर यहोवा, तू अपने धर्म के अनुसार मेरा न्याय चुका; ओश्र उन्हें मेरे विरूद्व आनन्द करने न दे!
24. Judge me, O LORD my God, according to thy righteousness; and let them not rejoice over me.
25. वे मन में न कहने पाएं, कि आहा! हमारी तो इच्छा पूरी हुई! वह यह न कहें कि हम उसे निगल गए हैं।।
25. Let them not say in their hearts, Ah, so would we have it; let them not say, We have swallowed him up.
26. जो मेरी हाति से आनन्दित होते हैं उनके मुंह लज्जा के मारे एक साथ काले हों! जो मेरे विरूद्ध बड़ाई मारते हैं वह लज्जा और अनादर से ढ़ंप जाएं!
26. Let them be ashamed and brought to confusion together that rejoice at my hurt; let them be clothed with shame and dishonour that magnify [themselves] against me.
27. जो मेरे धर्म से प्रसन्न रहते हैं, वह जयजयकार और आनन्द करें, और निरन्तर करते रहें, यहोवा की बड़ाई हो, जो अपने दास के कुशल से प्रसन्न होता है!
27. Let them shout for joy and be glad that favour my righteous cause; let them say continually, Let the LORD be magnified, who has pleasure in the peace of his servant.
28. तब मेरे मुंह से तेरे धर्म की चर्चा होगी, और दिन भर तेरी स्तुति निकलेगी।।
28. And my tongue shall speak of thy righteousness [and] of thy praise all the day long.: