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Cross Reference Bible
1. हे यहोवा जो मेरे साथ मुक मा लड़ते हैं, उनके साथ तू भी मुक मा लड़; जो मुझ से युद्व करते हैं, उन से तू युद्व कर।
1. OF DAVID.Contend, O LORD, with those who contend with me; fight against those who fight against me!
2. ढाल और भाला लेकर मेरी सहायता करने को खड़ा हो।
2. Take hold of shield and buckler and rise for my help!
3. बर्छी को खींच और मेरा पीछा करनेवालों के साम्हने आकर उनको रोक; और मुझ से कह, कि मैं तेरा उद्वार हूं।।
3. Draw the spear and javelin against my pursuers! Say to my soul, 'I am your salvation!'
4. जो मेरे प्राण के ग्राहक हैं वे लज्जित और निरादर हों! जो मेरी हाति की कल्पना करते हैं, वह पीछे हटाए जाएं और उनका मुंह काला हो!
4. Let them be put to shame and dishonor who seek after my life! Let them be turned back and disappointed who devise evil against me!
5. वे वायु से उड़ जानेवाली भूसी के समान हों, और यहोवा का दूत उन्हें हांकता जाए!
5. Let them be like chaff before the wind, with the angel of the LORD driving them away!
6. उनका मार्ग अन्धियारा और फिसलाहा हो, और यहोवा का दूत उनको खदेड़ता जाए।।
6. Let their way be dark and slippery, with the angel of the LORD pursuing them!
7. क्योंकि अकारण उन्हों ने मेरे लिये अपना जाल गड़हे में बिछाया; अकारण ही उन्हों ने मेरा प्राण लेने के लिये गड़हा खोदा है।
7. For without cause they hid their net for me; without cause they dug a pit for my life.
8. अचानक उन पर विपत्ति आ पड़े! और जो जाल उन्हों ने बिछाया है उसी में वे आप ही फंसे; और उसी विपत्ति में वे आप ही पड़ें!रोमियों 11:9-10
8. Let destruction come upon him when he does not know it! And let the net that he hid ensnare him; let him fall into it- to his destruction!
9. परन्तु मैं यहोवा के कारण अपने मन में मगन होऊंगा, मैं उसके किए हुए उद्वार से हर्षित होऊंगा।
9. Then my soul will rejoice in the LORD, exulting in his salvation.
10. मेरी हड्डी हड्डी कहेंगी, हे यहोवा तेरे तुल्य कौन है, जो दी को बड़े बड़े बलवन्तों से बचाता है, और लुटेरों से दीन दरिद्र लोगों की रक्षा करता है?
10. All my bones shall say, 'O LORD, who is like you, delivering the poor from him who is too strong for him, the poor and needy from him who robs him?'
11. झूठे साक्षी खड़े होते हैं; और जो बात मैं नहीं जानता, वही मुझ से पूछते हैं।
11. Malicious witnesses rise up; they ask me of things that I do not know.
12. वे मुझ से भलाई के बदले बुराई करते हैं; यहां तक कि मेरा प्राण ऊब जाता है।
12. They repay me evil for good; my soul is bereft.
13. जब वे रोगी थे तब तो मैं टाट पहिने रहा, और उपवास कर करके दु:ख उठाता रहा; और मेरी प्रार्थना का फल मेरी गोद में लौट आया।रोमियों 12:15
13. But I, when they were sick- I wore sackcloth; I afflicted myself with fasting; I prayed with head bowed on my chest.
14. मैं ऐसा भाव रखता था कि मानो वे मेरे संगी वा भाई हैं; जैसा कोई माता के लिये विलाप करता हो, वैसा ही मैं ने शोक का पहिरावा पहिने हुए सिर झुकाकर शोक किया।।
14. I went about as though I grieved for my friend or my brother; as one who laments his mother, I bowed down in mourning.
15. परन्तु जब मैं लंगड़ाने लगा तब वे लोग आनन्दित होकर इकट्ठे हुए, नीच लोग और जिन्हें मैं जानता भी न था वे मेरे विरूद्व इकट्ठे हुए; वे मुझे लगातार फाड़ते रहे;
15. But at my stumbling they rejoiced and gathered; they gathered together against me; wretches whom I did not know tore at me without ceasing;
16. उन पाखण्डी भांड़ों की नाई जो पेट के लिये उपहास करते हैं, वे भी मुझ पर दांत पीसते हैं।।प्रेरितों के काम 7:54
16. like profane mockers at a feast, they gnash at me with their teeth.
17. हे प्रभु तू कब तक देखता रहेगा? इस विपत्ति से, जिस में उन्हों ने मुझे डाला है मुझ को छुड़ा! जवान सिहों से मेरे प्राण को बचा ले!
17. How long, O Lord, will you look on? Rescue me from their destruction, my precious life from the lions!
18. मैं बड़ी सभा में तेरा धन्यवाद करूंगा; बहुतेरे लोगों के बीच में तेरी स्तुति करूंगा।।
18. I will thank you in the great congregation; in the mighty throng I will praise you.
19. मेरे झूठ बोलनेवाले शत्रु मेरे विरूद्व आनन्द न करने पाएं, जो अकारण मेरे बैरी हैं, वे आपस में नैन से सैन न करने पांए।यूहन्ना 15:25
19. Let not those rejoice over me who are wrongfully my foes, and let not those wink the eye who hate me without cause.
20. क्योंकि वे मेल की बातें नहीं बोलते, परन्तु देश में जो चुपचाप रहते हैं, उनके विरूद्व छल की कल्पनाएं करते हैं।
20. For they do not speak peace, but against those who are quiet in the land they devise words of deceit.
21. और उन्हों ने मेरे विरूद्व मुंह पसारके कहा; आहा, आहा, हम ने अपनी आंखों से देखा है!
21. They open wide their mouths against me; they say, 'Aha, Aha! our eyes have seen it!'
22. हे यहोवा, तू ने तो देखा है; चुप न रह! हे प्रभु, मुझ से दूर न रह!
22. You have seen, O LORD; be not silent! O Lord, be not far from me!
23. उठ, मेरे न्याय के लिये जाग, हे मेरे परमेश्वर, हे मेरे प्रभु, मेरे मुक मा निपटाने के लिये आ!
23. Awake and rouse yourself for my vindication, for my cause, my God and my Lord!
24. हे मेरे परमेश्वर यहोवा, तू अपने धर्म के अनुसार मेरा न्याय चुका; ओश्र उन्हें मेरे विरूद्व आनन्द करने न दे!
24. Vindicate me, O LORD, my God, according to your righteousness, and let them not rejoice over me!
25. वे मन में न कहने पाएं, कि आहा! हमारी तो इच्छा पूरी हुई! वह यह न कहें कि हम उसे निगल गए हैं।।
25. Let them not say in their hearts, 'Aha, our heart's desire!' Let them not say, 'We have swallowed him up.'
26. जो मेरी हाति से आनन्दित होते हैं उनके मुंह लज्जा के मारे एक साथ काले हों! जो मेरे विरूद्ध बड़ाई मारते हैं वह लज्जा और अनादर से ढ़ंप जाएं!
26. Let them be put to shame and disappointed altogether who rejoice at my calamity! Let them be clothed with shame and dishonor who magnify themselves against me!
27. जो मेरे धर्म से प्रसन्न रहते हैं, वह जयजयकार और आनन्द करें, और निरन्तर करते रहें, यहोवा की बड़ाई हो, जो अपने दास के कुशल से प्रसन्न होता है!
27. Let those who delight in my righteousness shout for joy and be glad and say evermore, 'Great is the LORD, who delights in the welfare of his servant!'
28. तब मेरे मुंह से तेरे धर्म की चर्चा होगी, और दिन भर तेरी स्तुति निकलेगी।।
28. Then my tongue shall tell of your righteousness and of your praise all the day long.