Psalms - भजन संहिता 135 | View All

1. याह की स्तुति करो, यहोवा के नाम की स्तुति करो, हे यहोवा के सेवको तुम स्तुति करो,
प्रकाशितवाक्य 19:5

1. Praise the LORD! Praise the name of the LORD! Offer praise, you servants of the LORD,

2. तुम जो यहोवा के भवन में, अर्थात् हमारे परमेश्वर के भवन के आंगनों में खड़े रहते हो!

2. who serve in the LORD's temple, in the courts of the temple of our God.

3. याह की स्तुति करो, क्योंकि यहोवा भला है; उसके नाम का भजन गाओ, क्योंकि यह मनभाऊ है!

3. Praise the LORD, for the LORD is good! Sing praises to his name, for it is pleasant!

4. याह ने तो याकूब को अपने लिये चुना है, अर्थात् इस्राएल को अपने निज धन होने के लिये चुन लिया है।

4. Indeed, the LORD has chosen Jacob for himself, Israel to be his special possession.

5. मैं तो जानता हूं कि हमारा प्रभु यहोवा सब देवताओं से महान है।

5. Yes, I know the LORD is great, and our Lord is superior to all gods.

6. जो कुछ यहोवा ने चाहा उसे उस ने आकाश और पृथ्वी और समुद्र और सब गहिरे स्थानों में किया है।

6. He does whatever he pleases in heaven and on earth, in the seas and all the ocean depths.

7. वह पृथ्वी की छोर से कुहरे उठाता है, और वर्षा के लिये बिजली बनाता है, और पवन को अपने भण्डार में से निकालता है।

7. He causes the clouds to arise from the end of the earth, makes lightning bolts accompany the rain, and brings the wind out of his storehouses.

8. उस ने मि में क्या मनुष्य क्या पशु, सब के पहिलौठों को मार डाला!

8. He struck down the firstborn of Egypt, including both men and animals.

9. हे मि , उस ने तेरे बीच में फिरौन और उसके सब कर्मचारियों के बीच चिन्ह और चमत्कार किए।

9. He performed awesome deeds and acts of judgment in your midst, O Egypt, against Pharaoh and all his servants.

10. उस ने बहुत सी जातियां नाश की, और सामर्थी राजाओं को,

10. He defeated many nations, and killed mighty kings

11. अर्थात् एमोरियों के राजा सीहोन को, और बाशान के राजा ओग को, और कनान के सब राजाओं को घात किया;

11. Sihon, king of the Amorites, and Og, king of Bashan, and all the kingdoms of Canaan.

12. और उनके देश को बांटकर, अपनी प्रजा इस्राएल के भाग होने के लिये दे दिया।।

12. He gave their land as an inheritance, as an inheritance to Israel his people.

13. हे यहोवा, तेरा नाम सदा स्थिर है, हे यहोवा जिस नाम से तेरा स्मरण होता है, वह पीढ़ी- पीढ़ी बना रहेगा।

13. O LORD, your name endures, your reputation, O LORD, lasts.

14. यहोवा तो अपनी प्रजा का न्याय चुकाएगा, और अपने दासों की दुर्दशा देखकर तरस खाएगा।
इब्रानियों 10:30

14. For the LORD vindicates his people, and has compassion on his servants.

15. अन्यजातियों की मूरतें सोना- चान्दी ही हैं, वे मनुष्यों की बनाई हुई हैं।
प्रकाशितवाक्य 9:20

15. The nations' idols are made of silver and gold, they are man-made.

16. उनके मुंह तो रहता है, परन्तु वे बोल नहीं सकतीं, उनके आंखें तो रहती हैं, परन्तु वे देख नहीं सकतीं,

16. They have mouths, but cannot speak, eyes, but cannot see,

17. उनके कान तो रहते हैं, परन्तु वे सुन नहीं सकतीं, न उनके कुछ भी सांस चलती है।

17. and ears, but cannot hear. Indeed, they cannot breathe.

18. जैसी वे हैं वैसे ही उनके बनानेवाले भी हैं; और उन पर सब भरोसा रखनेवाले भी वैसे ही हो जाएंगे!

18. Those who make them will end up like them, as will everyone who trusts in them.

19. हे इस्राएल के घराने यहोवा को धन्य कह! हे हारून के घराने यहोवा को धन्य कह!

19. O family of Israel, praise the LORD! O family of Aaron, praise the LORD!

20. हे लेवी के घराने यहोवा को धन्य कह! हे यहोवा के डरवैयो यहोवा को धन्य कहो!

20. O family of Levi, praise the LORD! You loyal followers of the LORD, praise the LORD!

21. यहोवा जो यरूशलेम में वास करता है, उसे सिरयोन में धन्य कहा जावे! याह की स्तुति करो!

21. The LORD deserves praise in Zion he who dwells in Jerusalem. Praise the LORD!



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