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Cross Reference Bible
1. तब तेमानी एलीपज ने कहा,
1. Eliphaz from Teman said:
2. यदि कोई तुझ से कुछ कहने लगे, तो क्या तुझे बुरा लगेगा? परन्तु बोले बिना कौन रह सकता है?
2. Please be patient and listen to what I have to say.
3. सुन, तू ने बहुतों को शिक्षा दी है, और निर्बल लोगों को बलवन्त किया है।
3. Remember how your words
4. गिरते हुओं को तू ने अपनी बातों से सम्भाल लिया, और लड़खड़ाते हुए लोगों को तू ने बलवन्त किया।
4. have guided and encouraged many in need.
5. परन्तु अब विपत्ति तो तुझी पर आ पड़ी, और तू निराश हुआ जाता है; उस ने तुझे छुआ और तू घबरा उठा।
5. But now you feel discouraged when struck by trouble.
6. क्या परमेश्वर का भय ही तेरा आसरा नहीं? और क्या तेरी चालचलन जो खरी है तेरी आशा नहीं?
6. You respect God and live right, so don't lose hope!
7. क्या तुझे मालूम है कि कोई निदष भी कभी नाश हुआ है? या कहीं सज्जन भी काट डाले गए?
7. No truly innocent person has ever died young.
8. मेरे देखने में तो जो पाप को जोतते और दु:ख बोते हैं, वही उसको काटते हैं।
8. In my experience, only those who plant seeds of evil harvest trouble,
9. वे तो ईश्वर की श्वास से नाश होते, और उसके क्रोध के झोके से भस्म होते हैं।2 थिस्सलुनीकियों 2:8
9. and then they are swept away by the angry breath of God.
10. सिंह का गरजना और हिंसक सिंह का दहाड़ना बन्द हो आता है। और जवान सिंहों के दांत तोड़े जाते हैं।
10. They may roar and growl like powerful lions. But when God breaks their teeth,
11. शिकार न पाकर बूढ़ा सिंह मर जाता है, और सिंहनी के वच्चे तितर बितर हो जाते हैं।
11. they starve, and their children are scattered.
12. एक बात चुपके से मेरे पास पहुंचाई गई, और उसकी कुछ भनक मेरे कान में पड़ी।
12. A secret was told to me in a faint whisper--
13. रात के स्वप्नों की चिन्ताओं के बीच जब मनुष्य गहरी निद्रा में रहते हैं,
13. I was overcome by sleep, but disturbed by dreams;
14. मुझे ऐसी यरथराहट और कंपकंपी लगी कि मेरी सब हडि्डयां तक हिल उठीं।
14. I trembled with fear,
15. तब एक आत्मा मेरे साम्हने से होकर चली; और मेरी देह के रोएं खड़े हो गए।
15. and my hair stood on end, as a wind blew past my face.
16. वह चुपचाप ठहर गई और मैं उसकी आकृति को पहिचान न सका। परन्तु मेरी आंखों के साम्हने कोई रूप था; पहिले सन्नाटा छाया रहा, फिर मुझे एक शब्द सुन पड़ा,
16. It stopped and stood still. Then a form appeared-- a shapeless form. And from the silence, I heard a voice say,
17. क्या नाशमान मनुष्य ईश्वर से अधिक न्यायी होगा? क्या मनुष्य अपने सृजनहार से अधिक पवित्रा हो सकता है?
17. No humans are innocent in the eyes of God their Creator.
18. देख, वह अपने सेवकों पर भरोसा नहीं रखता, और अपने स्वर्गदूतों को मूर्ख ठहराता है;
18. He finds fault with his servants and even with his angels.
19. फिर जो मिट्टी के घरों में रहते हैं, और जिनकी नेव मिट्टी में डाली गई है, और जो पतंगे की नाई पिस जाते हैं, उनकी क्या गणना।2 कुरिन्थियों 5:1
19. Humans are formed from clay and are fragile as moths, so what chance do you have?
20. वे भोर से सांझ तक नाश किए जाते हैं, वे सदा के लिये मिट जाते हैं, और कोई उनका विचार भी नहीं करता।
20. Born after daybreak, you die before nightfall and disappear forever.
21. क्या उनके डेरे की डोरी उनके अन्दर ही अन्दर नहीं कट जाती? वे बिना बुध्दि के ही मर जाते हैं !
21. Your tent pegs are pulled up, and you leave this life, having gained no wisdom.'