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1. तब तेमानी एलीपज ने कहा,
1. Empty words, Job! Empty words!
2. क्या बुध्दिमान को उचित है कि अज्ञानता के साथ उत्तर दे, वा उपने अन्तेकरण को पूरबी पवन से भरे?
2. (SEE 15:1)
3. क्या वह निष्फल वचनों से, वा व्यर्थ बातों से वादविवाद करे?
3. No one who is wise would talk the way you do or defend himself with such meaningless words.
4. वरन तू भय मानना छोड़ देता, और ईश्वर का ध्यान करना औरों से छुड़ाता है।
4. If you had your way, no one would fear God; no one would pray to him.
5. तू अपने मुंह से अपना अधर्म प्रगट करता है, और धूर्त्त लोगों के बोलने की रीति पर बोलता है।
5. Your wickedness is evident by what you say; you are trying to hide behind clever words.
6. मैं तो नहीं परन्तु तेरा मुंह ही तुझे दोषी ठहराता है; और तेरे ही वचन तेरे विरूद्ध साक्षी देते हैं।
6. There is no need for me to condemn you; you are condemned by every word you speak.
7. क्या पहिला मतुष्य तू ही उत्पन्न हुआ? क्या तेरी उत्पत्ति पहाड़ों से भी पहिले हुई?
7. Do you think you were the first person born? Were you there when God made the mountains?
8. क्या तू ईश्वर की सभा में बैठा सुनता था? क्या बुध्दि का ठीका तू ही ने ले रखा है?रोमियों 11:34
8. Did you overhear the plans God made? Does human wisdom belong to you alone?
9. तू ऐसा क्या जानता है जिसे हम नहीं जानते? तुझ में ऐसी कौन सी समझ है जो हम में नहीं?
9. There is nothing you know that we don't know.
10. हम लोगों में तो पक्के बालवाले और अति पुरनिये मनुष्य हैं, जो तेरे पिता से भी बहुत आयु के हैं।
10. We learned our wisdom from gray-haired people--- those born before your father.
11. ईश्वर की शान्तिदायक बातें, और जो वचन तेरे लिये कोमल हैं, क्या ये तेरी दृष्टि में तुच्छ हैं?
11. God offers you comfort; why still reject it? We have spoken for him with calm, even words.
12. तेरा मन क्यों तुझे खींच ले जाता है? और तू आंख से क्यों सैन करता है?
12. But you are excited and glare at us in anger.
13. तू भी अपनी आत्मा ईश्वर के विरूद्ध करता है, और अपने मुंह से व्यर्थ बातें निकलने देता है।
13. You are angry with God and denounce him.
14. मनुष्य है क्या कि वह निष्कलंक हो? और जो स्त्री से उत्पन्न हुआ वह है क्या कि निदष हो सके?
14. Can any human being be really pure? Can anyone be right with God?
15. देख, वह अपने पवित्रों पर भी विश्वास नहीं करता, और स्वर्ग भी उसकी दृष्टि में निर्मल नहीं है।
15. Why, God does not trust even his angels; even they are not pure in his sight.
16. फिर मनुष्य अधिक घिनौना और मलीन है जो कुटिलता को पानी की नाई पीता है।
16. And we drink evil as if it were water; yes, we are corrupt; we are worthless.
17. मैं तुझे समझा दूंगा, इसलिये मेरी सुन ले, जो मैं ने देखा है, उसी का वर्णन मैं करता हूँ।
17. Now listen, Job, to what I know.
18. (वे ही बातें जो बुध्दिमानों ने अपने पुरखाओं से सुनकर बिना छिपाए बताया है।
18. Those who are wise have taught me truths which they learned from their ancestors, and they kept no secrets hidden.
19. केवल उन्हीं को देश दिया गया था, और उनके मध्य में कोई विदेशी आता जाता नहीं था।)
19. Their land was free from foreigners; there was no one to lead them away from God.
20. दुष्ट जन जीवन भर पीड़ा से तड़पता है, और बलात्कारी के वष की गिनती ठहराई हुई है।
20. The wicked who oppress others will be in torment as long as they live.
21. उसके कान में डरावना शब्द गूंजता रहता है, कुशल के समय भी नाशक उस पर आ पड़ता है।
21. Voices of terror will scream in their ears, and robbers attack when they think they are safe.
22. उसे अन्ध्यिारे में से फिर निकलने की कुछ आशा नहीं होती, और तलवार उसकी घात में रहती है।
22. They have no hope of escaping from darkness, for somewhere a sword is waiting to kill them,
23. वह रोटी के लिये मारा मारा फिरता है, कि कहां मिलेगी। उसे निश्चय रहता है, कि अन्धकार का दिन मेरे पास ही है।
23. and vultures are waiting to eat their corpses. They know their future is dark;
24. संकट और दुर्घटना से असको डर लगता रहता है, ऐसे राजा की नाई जो युठ्ठ के लिये तैयार हो, वे उस पर प्रबल होते हैं।
24. disaster, like a powerful king, is waiting to attack them.
25. उस ने तो ईश्वर के विरूद्ध हाथ बढ़ाया है, और सर्वशक्तिमान के विरूद्ध वह ताल ठोंकता है,
25. That is the fate of those who shake their fists at God and defy the Almighty.
26. और सिर उठाकर और अपनी मोटी मोटी ढालें दिखाता हुआ घमणड से उस पर धावा करता है;
26. They are proud and rebellious; they stubbornly hold up their shields and rush to fight against God.
27. इसलिये कि उसके मुंह पर चिकनाई छा गई है, और उसकी कमर में चब जमी है।
27. (SEE 15:26)
28. और वह उजाड़े हुए नगरों में बस गया है, और जो घर रहने योग्य नहीं, और खणडहर होने को छोड़े गए हैं, उन में बस गया है।
28. They are the ones who captured cities and seized houses whose owners had fled, but war will destroy those cities and houses.
29. वह धनी न रहेगा, और न उसकी सम्पत्ति बनी रहेगी, और ऐसे लोगों के खेत की उपज भूमि की ओर न भुकने पाएगी।
29. They will not remain rich for long; nothing they own will last. Even their shadows will vanish,
30. वह अन्धियारे से कभी न निकलेगा, और उसकी डालियां आग की लपट से झुलस जाएंगी, और ईश्वर के मुंह की श्वास से वह उड़ जाएगा।
30. and they will not escape from darkness. They will be like trees whose branches are burned by fire, whose blossoms are blown away by the wind.
31. वह अपने को धोखा देकर व्यर्थ बातों का भरोसा न करे, क्योंकि उसका बदला धोखा ही होगा।
31. If they are foolish enough to trust in evil, then evil will be their reward.
32. वह उसके नियत दिन से पहिले पूरा हो जाएगा; उसकी डालियां हरी न रहेंगी।
32. Before their time is up they will wither, wither like a branch and never be green again.
33. दाख की नाई उसके कच्चे फल झड़ जाएंगे, और उसके फूल जलपाई के वृक्ष के से गिरेंगे।
33. They will be like vines that lose their unripe grapes; like olive trees that drop their blossoms.
34. क्योंकि भक्तिहीन के परिवार से कुछ बन न पड़ेगा, और जो घूस लेते हैं, उनके तम्बू आग से जल जाएंगे।
34. There will be no descendants for godless people, and fire will destroy the homes built by bribery.
35. उनके उपद्रव का पेट रहता, और अनर्थ उत्पन्न होता हैे और वे अपने अन्तेकरण में छल की बातें गढ़ते हैं।
35. These are the ones who plan trouble and do evil; their hearts are always full of deceit.