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Cross Reference Bible
1. तब तेमानी एलीपज ने कहा,
1. Then Eliphaz the Temanite replied:
2. क्या बुध्दिमान को उचित है कि अज्ञानता के साथ उत्तर दे, वा उपने अन्तेकरण को पूरबी पवन से भरे?
2. 'A wise man wouldn't answer with such empty talk! You are nothing but a windbag.
3. क्या वह निष्फल वचनों से, वा व्यर्थ बातों से वादविवाद करे?
3. The wise don't engage in empty chatter. What good are such words?
4. वरन तू भय मानना छोड़ देता, और ईश्वर का ध्यान करना औरों से छुड़ाता है।
4. Have you no fear of God, no reverence for him?
5. तू अपने मुंह से अपना अधर्म प्रगट करता है, और धूर्त्त लोगों के बोलने की रीति पर बोलता है।
5. Your sins are telling your mouth what to say. Your words are based on clever deception.
6. मैं तो नहीं परन्तु तेरा मुंह ही तुझे दोषी ठहराता है; और तेरे ही वचन तेरे विरूद्ध साक्षी देते हैं।
6. Your own mouth condemns you, not I. Your own lips testify against you.
7. क्या पहिला मतुष्य तू ही उत्पन्न हुआ? क्या तेरी उत्पत्ति पहाड़ों से भी पहिले हुई?
7. 'Were you the first person ever born? Were you born before the hills were made?
8. क्या तू ईश्वर की सभा में बैठा सुनता था? क्या बुध्दि का ठीका तू ही ने ले रखा है?रोमियों 11:34
8. Were you listening at God's secret council? Do you have a monopoly on wisdom?
9. तू ऐसा क्या जानता है जिसे हम नहीं जानते? तुझ में ऐसी कौन सी समझ है जो हम में नहीं?
9. What do you know that we don't? What do you understand that we do not?
10. हम लोगों में तो पक्के बालवाले और अति पुरनिये मनुष्य हैं, जो तेरे पिता से भी बहुत आयु के हैं।
10. On our side are aged, gray-haired men much older than your father!
11. ईश्वर की शान्तिदायक बातें, और जो वचन तेरे लिये कोमल हैं, क्या ये तेरी दृष्टि में तुच्छ हैं?
11. 'Is God's comfort too little for you? Is his gentle word not enough?
12. तेरा मन क्यों तुझे खींच ले जाता है? और तू आंख से क्यों सैन करता है?
12. What has taken away your reason? What has weakened your vision,
13. तू भी अपनी आत्मा ईश्वर के विरूद्ध करता है, और अपने मुंह से व्यर्थ बातें निकलने देता है।
13. that you turn against God and say all these evil things?
14. मनुष्य है क्या कि वह निष्कलंक हो? और जो स्त्री से उत्पन्न हुआ वह है क्या कि निदष हो सके?
14. Can any mortal be pure? Can anyone born of a woman be just?
15. देख, वह अपने पवित्रों पर भी विश्वास नहीं करता, और स्वर्ग भी उसकी दृष्टि में निर्मल नहीं है।
15. Look, God does not even trust the angels. Even the heavens are not absolutely pure in his sight.
16. फिर मनुष्य अधिक घिनौना और मलीन है जो कुटिलता को पानी की नाई पीता है।
16. How much less pure is a corrupt and sinful person with a thirst for wickedness!
17. मैं तुझे समझा दूंगा, इसलिये मेरी सुन ले, जो मैं ने देखा है, उसी का वर्णन मैं करता हूँ।
17. 'If you will listen, I will show you. I will answer you from my own experience.
18. (वे ही बातें जो बुध्दिमानों ने अपने पुरखाओं से सुनकर बिना छिपाए बताया है।
18. And it is confirmed by the reports of wise men who have heard the same thing from their fathers--
19. केवल उन्हीं को देश दिया गया था, और उनके मध्य में कोई विदेशी आता जाता नहीं था।)
19. from those to whom the land was given long before any foreigners arrived.
20. दुष्ट जन जीवन भर पीड़ा से तड़पता है, और बलात्कारी के वष की गिनती ठहराई हुई है।
20. 'The wicked writhe in pain throughout their lives. Years of trouble are stored up for the ruthless.
21. उसके कान में डरावना शब्द गूंजता रहता है, कुशल के समय भी नाशक उस पर आ पड़ता है।
21. The sound of terror rings in their ears, and even on good days they fear the attack of the destroyer.
22. उसे अन्ध्यिारे में से फिर निकलने की कुछ आशा नहीं होती, और तलवार उसकी घात में रहती है।
22. They dare not go out into the darkness for fear they will be murdered.
23. वह रोटी के लिये मारा मारा फिरता है, कि कहां मिलेगी। उसे निश्चय रहता है, कि अन्धकार का दिन मेरे पास ही है।
23. They wander around, saying, 'Where can I find bread?' They know their day of destruction is near.
24. संकट और दुर्घटना से असको डर लगता रहता है, ऐसे राजा की नाई जो युठ्ठ के लिये तैयार हो, वे उस पर प्रबल होते हैं।
24. That dark day terrifies them. They live in distress and anguish, like a king preparing for battle.
25. उस ने तो ईश्वर के विरूद्ध हाथ बढ़ाया है, और सर्वशक्तिमान के विरूद्ध वह ताल ठोंकता है,
25. For they shake their fists at God, defying the Almighty.
26. और सिर उठाकर और अपनी मोटी मोटी ढालें दिखाता हुआ घमणड से उस पर धावा करता है;
26. Holding their strong shields, they defiantly charge against him.
27. इसलिये कि उसके मुंह पर चिकनाई छा गई है, और उसकी कमर में चब जमी है।
27. 'These wicked people are heavy and prosperous; their waists bulge with fat.
28. और वह उजाड़े हुए नगरों में बस गया है, और जो घर रहने योग्य नहीं, और खणडहर होने को छोड़े गए हैं, उन में बस गया है।
28. But their cities will be ruined. They will live in abandoned houses that are ready to tumble down.
29. वह धनी न रहेगा, और न उसकी सम्पत्ति बनी रहेगी, और ऐसे लोगों के खेत की उपज भूमि की ओर न भुकने पाएगी।
29. Their riches will not last, and their wealth will not endure. Their possessions will no longer spread across the horizon.
30. वह अन्धियारे से कभी न निकलेगा, और उसकी डालियां आग की लपट से झुलस जाएंगी, और ईश्वर के मुंह की श्वास से वह उड़ जाएगा।
30. 'They will not escape the darkness. The burning sun will wither their shoots, and the breath of God will destroy them.
31. वह अपने को धोखा देकर व्यर्थ बातों का भरोसा न करे, क्योंकि उसका बदला धोखा ही होगा।
31. Let them no longer fool themselves by trusting in empty riches, for emptiness will be their only reward.
32. वह उसके नियत दिन से पहिले पूरा हो जाएगा; उसकी डालियां हरी न रहेंगी।
32. Like trees, they will be cut down in the prime of life; their branches will never again be green.
33. दाख की नाई उसके कच्चे फल झड़ जाएंगे, और उसके फूल जलपाई के वृक्ष के से गिरेंगे।
33. They will be like a vine whose grapes are harvested too early, like an olive tree that loses its blossoms before the fruit can form.
34. क्योंकि भक्तिहीन के परिवार से कुछ बन न पड़ेगा, और जो घूस लेते हैं, उनके तम्बू आग से जल जाएंगे।
34. For the godless are barren. Their homes, enriched through bribery, will burn.
35. उनके उपद्रव का पेट रहता, और अनर्थ उत्पन्न होता हैे और वे अपने अन्तेकरण में छल की बातें गढ़ते हैं।
35. They conceive trouble and give birth to evil. Their womb produces deceit.'