12. और जितने लेवीय गवैये थे, वे सब के सब अर्थात् मुत्रों और भइयों समेत आसाप, हेमान और यदूतून सन के वस्त्रा पहिने झांझ, सारंगियां और वीणाएं लिये हुए, वेदी के पूर्व अलंग में खड़े थे, और उनके साथ एक सौ बीस याजक तुरहियां बजा रहे थे।)
12. that all the singing Levites [assigned] to the sons of Asaph, to Heman, to Jeduthun, and to his sons, and to his brethren, of them that were clothed in linen garments, with cymbals and lutes and harps, [were] standing before the altar, and with them a hundred and twenty priests, blowing trumpets.