10. तुम्हारे भाई जो अपने अपने नगर में रहते हैं, उन में से जिसका कोई मुक मा तुम्हारे साम्हने आए, चाहे वह खून का हो, चाहे रयवस्था, अथवा किसी आज्ञा या विधि वा नियम के विषय हो, उनको चिता देना, कि यहोवा के विषय दोषी न होओ। बेसा न हो कि तुम पर और तुम्हारे भाइयों पर उसका क्रोध भड़के। ऐसा करो तो तुम दोषी न ठहरोगे।
10. Whatsoever man of your brethren that dwell in their cities [shall bring] the cause that comes before you, between blood [and] blood, and between precept and commandment, and ordinances and judgments, you shall even decide for them; so they shall not sin against the Lord, and there shall not be wrath upon you, and upon your brethren. Thus you shall do, and you shall not sin.