1 Kings - 1 राजाओं 9 | View All

1. जब सुलैमान यहोवा के भवन और राजभवन को बना चुका, और जो कुछ उस ने करना चाहा था, उसे कर चुका,

1. শলোমন সদাপ্রভুর গৃহ ও রাজবাটী নির্ম্মাণ এবং আপন বাসনামত যে সকল কর্ম্ম করিতে স্থির করিয়াছিলেন, তাহা সমাপ্ত করিলে,

2. तब यहोवा ने जैसे गिबोन में उसको दर्शन दिया था, वैसे ही दूसरी बार भी उसे दर्शन दिया।

2. সদাপ্রভু যেমন গিবিয়োনে দর্শন দিয়াছিলেন, তদ্রূপ শলোমনকে দ্বিতীয় বার দর্শন দিলেন।

3. और यहोवा ने उस से कहा, जो प्रार्थना गिड़गिड़ाहट के साथ तू ने मुझ से की है, उसको मैं ने सुना है, यह जो भवन तू ने बनाया है, उस में मैं ने अपना नाम सदा के लिये रखकर उसे पवित्रा किया है; और मेरी आंखें और मेरा मन नित्य वहीं लगे रहेंगे।

3. সদাপ্রভু তাঁহাকে কহিলেন, তুমি আমার কাছে যে প্রার্থনা ও বিনতি করিয়াছ, তাহা আমি শুনিয়াছি; এই যে গৃহ তুমি নির্ম্মাণ করিয়াছ, ইহার মধ্যে চিরকালের জন্য আমার নাম স্থাপনার্থে আমি ইহা পবিত্র করিলাম, এবং এই স্থানে প্রতিনিয়ত আমার চক্ষু ও আমার চিত্ত থাকিবে।

4. और यादे तू अपने पिता दाऊद की नाई मन की खराई और सिधाई से अपने को मेरे साम्हने जानकर चलता रहे, और मेरी सब अपज्ञाओं के अनुसार किया करे, और मेरी विधियों और नियमों को मानता रहे, तो मैं तेरा राज्य इस्राएल के ऊपर सदा के लिये स्थ्रि करूंगा;

4. আর তোমার পিতা দায়ূদ যেমন চলিতেন, তেমনি তুমিও যদি চিত্তের সিদ্ধতায় ও সরলভাবে আমার সাক্ষাতে চল, আমি তোমাকে যে সমস্ত আজ্ঞা দিয়াছি, যদি তদনুযায়ী কর্ম্ম কর, এবং আমার বিধি ও শাসন সকল পালন কর,

5. जैसे कि मैं ने तेरे पिता दाऊद को वचन दिया था, कि तेरे कुल में इस्राएल की गद्दी पर विराजनेवाले सदा बने रहेंगे।

5. তবে ‘ইস্রায়েলের সিংহাসনে বসিতে তোমার [বংশে] লোকের অভাব হইবে না,’ এই বলিয়া তোমার পিতা দায়ূদের কাছে যে প্রতিজ্ঞা করিয়াছিলাম, তদনুসারে আমি ইস্রায়েলের উপরে তোমার রাজসিংহাসন চিরকালের জন্য স্থির করিব।

6. परन्तु यदि तुम लोग वा तुम्हारे वंश के लोग मेरे पीछे चलना छोड़ दें; और मेरी उन आज्ञाओं और विधियों को जो मैं ने तुम को दी हैं, न मानें, और जाकर पराये देवताओं की उपासना करे और उन्हें दणडवत करने लगें,

6. কিন্তু যদি তোমরা, কি তোমাদের সন্তানগণ, কোন ক্রমে আমার পশ্চাদগমন হইতে ফিরিয়া যাও, ও তোমাদের সম্মুখে স্থাপিত আমার আজ্ঞা ও বিধি সকল পালন না কর, কিন্তু গিয়া অন্য দেবগণের সেবা কর, ও তাহাদের কাছে প্রণিপাত কর,

7. तो मैं इस्राएल को इस देश में से जो मैं ने उनको दिया है, काट डालूंगा और इस भवन को जो मैं ने अपने नाम के लिये पवित्रा किया है, अपनी दृष्टि से उतार दूंगा; और सब देशों के लोगों में इस्राएल की उपमा दी जायेगी और उसका दृष्टान्त चलेगा।
मत्ती 23:38

7. তবে আমি ইস্রায়েলকে যে দেশ দিয়াছি, তাহা হইতে তাহাদিগকে উচ্ছেদ করিব, এবং আপন নামের জন্য এই যে গৃহ পবিত্র করিলাম, ইহা আমার দৃষ্টিপথ হইতে দূর করিব, এবং সমস্ত জাতির মধ্যে ইস্রায়েল প্রবাদের ও উপহাসের আস্পদ হইবে।

8. और यह भवन जो ऊंचे पर रहेगा, तो जो कोई इसके पास होकर चलेगा, वह चकित होगा, और ताली बजाएगा और वे पूछेंगे, कि यहोवा ने इस देश और इस भवन के साथ क्यों ऐसा किया है;
मत्ती 23:38

8. আর এই গৃহ যদিও এত উচ্চ, তথাপি যে কেহ ইহার নিকট দিয়া গমন করিবে, সে চমকিয়া উঠিবে, শিশ দিবে, ও জিজ্ঞাসা করিবে, এই দেশের ও এই গৃহের প্রতি সদাপ্রভু এমন কেন করিয়াছেন?

9. तब लोग कहेंगे, कि उन्हों ने अपने परमेश्वर यहोवा को जो उनके पुरखाओं को मिस्र देश से निकाल लाया था। तजकर पराये देवताओं को पकड़ लिया, और उनको दणडवत की और उनकी उपासना की इस कारण यहोवा ने यह सब विपत्ति उन पर डाल दी।

9. আর লোকে বলিবে, ইহার কারণ এই, যিনি এই লোকদের পিতৃপুরুষদিগকে মিসর দেশ হইতে বাহির করিয়া আনিয়াছিলেন, উহারা আপনাদের ঈশ্বর সেই সদাপ্রভুকে ত্যাগ করিয়াছে, এবং অন্য দেবগণকে অবলম্বন করিয়া তাহাদের কাছে প্রণিপাত করিয়াছে, ও তাহাদের সেবা করিয়াছে; এই জন্য সদাপ্রভু তাহাদের উপরে এই সকল অমঙ্গল উপস্থিত করিলেন।

10. सुलैमान को तो यहोवा के भवन और राजभवन दोनों के बनाने में बीस वर्ष लग गए।

10. বিশ বৎসর অতীত হইল; এই সময়ের মধ্যে শলোমন সদাপ্রভুর গৃহ ও রাজবাটী, এই দুই গৃহ নির্ম্মাণ করেন।

11. तब सुलैमान ने सोर के राजा हीराम को जिस ने उसके मनमाने देवदारू और सनोवर की लकड़ी और सोना दिया था, गलील देश के बीस नगर दिए।

11. সোরের রাজা হীরম শলোমনের সমস্ত বাসনানুসারে এরসকাষ্ঠ, দেবদারুকাষ্ঠ ও স্বর্ণ যোগাইয়াছিলেন, তাই তখন শলোমন রাজা হীরমকে গালীল দেশস্থ বিশটী নগর দিলেন।

12. जब हीराम ने सोर से जाकर उन नगरों को देखा, जो सुलैमान ने उसको दिए थे, तब वे उसको अच्छे न लगे।

12. আর হীরম শলোমনের দত্ত সেই সকল নগর দেখিবার জন্য সোর হইতে আসিলেন, কিন্তু সেগুলি তাঁহার দৃষ্টিতে তুষ্টিজনক হইল না।

13. तब उस ने कहा, हे मेरे भाई, ये नगर क्या तू ने मुझे दिए हैं? और उस ने उनका नाम कबूल देश रखा।

13. তিনি কহিলেন, হে আমার ভ্রাতা, এ সকল কেমন নগর আমাকে দিলে? আর তিনি সেগুলির নাম কাবূল দেশ রাখিলেন; অদ্যাপি সেই নাম রহিয়াছে।

14. और यही नाम आज के दिन तक पड़ा है। फिर हीराम ने राजा के पास साठ किक्कार सोना भेज दिया।

14. আর হীরম এক শত বিশ তালন্ত স্বর্ণ রাজাকে পাঠাইয়া দিয়াছিলেন।

15. राजा सुलैमान ने लोगों को जो बेगारी में रखा, इसका प्रयोजन यह था, कि यहोवा का और अपना भवन बनाए, और मिल्लो और यरूशलेम की शहरपनाह और हासोर, मगिद्दॊ और गेजेर नगरों को दृढ़ करे।

15. আর শলোমন সদাপ্রভুর গৃহ, আপনার বাটী, মিল্লো, যিরূশালেমের প্রাচীর, হাৎসোর, মগিদ্দো ও গেষর গাঁথিবার জন্য আপনার কর্ম্মাধীন দাস সংগ্রহ করিয়াছিলেন, তাহার বৃত্তান্ত এই।

16. गेजेर पर तो मिस्र के राजा फ़िरौन ने चढ़ाई करके उसे ले लिया और आग लगाकर फूंक दिया, और उस नगर में रहनेवाले कनानियों को मार डालकर, उसे अपनी बेटी सुलैमान की रानी का निज भाग करके दिया था,

16. মিসর-রাজ ফরৌণ আসিয়া গেষর হস্তগত করিয়া আগুনে পোড়াইয়া দেন, এবং সেই নগরনিবাসী কনানীয়দিগকে বধ করেন, পরে তাহা যৌতুকরূপে আপন কন্যা শলোমনের ভার্য্যাকে দেন।

17. सो सुलैमान ने गेजेर और नीचेवाले बथोरेन,

17. আর শলোমন গেষর ও নিম্নস্থিত বৈৎহোরোণ,

18. बालात और तामार को जो जंगल में हैं, दृढ़ किया, ये तो देश में हैं।

18. এবং বালৎ, আর দেশের প্রান্তরস্থ তামর,

19. फिर सुलैमान के जितने भणडार के नगर थे, और उसके रथों और सवारों के नगर, उनको वरन जो कुछ सुलैमान ने यरूशलेम, लबानोन और अपने राज्य के सब देशों में बनाना चाहा, उन सब को उस ने दृढ़ किया।

19. এবং শলোমনের সমস্ত ভাণ্ডার-নগর, এবং তাঁহার রথসমূহের ও অশ্বারোহীদের নগর সকল, আর যিরূশালেমে, লিবানোনে ও আপন অধিকার দেশের সর্ব্বত্র যাহা যাহা নির্ম্মাণ করিতে শলোমনের বাসনা ছিল, তিনি সে সমস্ত নির্ম্মাণ করিলেন।

20. एमोरी, हित्ती, परिज्जी, हिब्बी और यबूसी जो रह गए थे, जो इस्राएलियों में के न थे,

20. ইমোরীয়, হিত্তীয়, পরিষীয়, হিব্বীয়, ও যিবূষীয় যে সকল লোক অবশিষ্ট ছিল,

21. उनके वंश जो उनके बाद देश में रह गए, और उनको इस्राएली सत्यानाश न कर सके, उनको तो सुलैमान ने दास कर के बेगारी में रखा, और आज तक उनको वही दशा है।

21. যাহারা ইস্রায়েল-সন্তান নয়, যাহাদিগকে ইস্রায়েল-সন্তানগণ নিঃশেষে বিনষ্ট করিতে পারে নাই, দেশে অবশিষ্ট সেই লোকদের সন্তানদিগকে শলোমন আপনার কর্ম্মাধীন দাস করিয়া সংগ্রহ করিলেন; তাহারা অদ্য পর্য্যন্ত তাহাই করিতেছে।

22. परन्तु इस्राएलियों में से सुलैमान ने किसी को दास न बनाया; वे तो योठ्ठा और उसके कर्मचारी, उसके हाकिम, उसके सरदार, और उसके रथों, और सवारों के प्रधान हुए।

22. কিন্তু শলোমন ইস্রায়েল-সন্তানগণের মধ্যে কাহাকেও দাস করিলেন না; তাহারা যোদ্ধা, তাঁহার কর্ম্মচারী, জনাধ্যক্ষ, সেনানী, এবং তাঁহার রথসমূহের ও অশ্বারোহীদিগের অধ্যক্ষ হইল।

23. जो मुख्य हाकिम सुलैमान के कामों के ऊपर ठहर के काम करनेवालों पर प्रभुता करते थे, ये पांच सौ पचास थे।

23. তাহাদের মধ্যে পাঁচ শত পঞ্চাশ জন শলোমনের কর্ম্মে নিযুক্ত প্রধান অধ্যক্ষ ছিল; তাহারা কর্ম্মকারী লোকদের উপরে কর্ত্তৃত্ব করিত।

24. जब फ़िरौन की बेटी दाऊदपुर में से अपने उस भवन को आ गई, जो उस ने उसके लिये बनाया था तब उस ने मिल्लो को बनाया।

24. আর ফরৌণের কন্যা দায়ূদ-নগর হইতে তাঁহার জন্য নির্ম্মিত বাটীতে উঠিয়া আসিলেন; তৎকালে শলোমন মিল্লো গাঁথিলেন।

25. और सुलैमान उस वेदी पर जो उस ने यहोवा के लिये बनाई थी, प्रति वर्ष में तीन बार होमबलि और मेलबलि चढ़ाया करता था और साथ ही उस वेदी पर जो यहोवा के सम्मुख थी, धूप जलाया करता था, इस प्रकार उस ने उस भवन को तैयार कर दिया।

25. আর শলোমন সদাপ্রভুর জন্য যে যজ্ঞবেদি নির্ম্মাণ করিয়াছিলেন, তাহার উপরে বৎসরের মধ্যে তিন বার হোমবলি ও মঙ্গলার্থক বলি উৎসর্গ করিতেন, এবং সে সময়ে সদাপ্রভুর সম্মুখস্থ বেদিতে ধূপদাহ করিতেন। এইরূপে তিনি গৃহনির্ম্মাণ সমাপ্ত করিলেন।

26. फिर राजा सुलैमान ने एस्योनगेबेर में जो एदोम देश मे लाल समुद्र के तीर एलोत के पास है, जहाज बनाए।

26. আর শলোমন রাজা ইদোম দেশে সূফসাগরের তীরস্থ এলতের নিকটবর্ত্তী ইৎসিয়োন-গেবরে কতকগুলি জাহাজ নির্ম্মাণ করিলেন।

27. और जहाजों में हीराम ने अपने अधिकार के मल्लाहों को, जो समुद्र से जानकारी रखते थे, सुलैमान के सेवकों के संग भेज दिया।

27. পরে হীরম শলোমনের দাসদের সহিত সামুদ্রিক কার্য্যে নিপুন আপন নাবিক দাসদিগকে সেই সকল জাহাজে প্রেরণ করিলেন।

28. उन्हों ने ओपोर को जाकर वहां से चार सौ बीस किक्कार सोना, राजा सुलैमान को लाकर दिया।

28. তাহারা ওফীরে গিয়া তথা হইতে চারি শত বিশ তালন্ত স্বর্ণ লইয়া শলোমন রাজার নিকটে আনিল।



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